बच्चे को निमोनिया हो गया है, तो ये घरेलू उपचार काम के हो सकते हैं।
छोटे बच्चों को निमोनिया का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में उनकी सही देखभाल करें। निमोनिया की परेशानियों को कम करने के लिए आप कुछ असरदार नुस्खों को आजमा सकते हैं। आइए जानते हैं इन नुस्खों के बारे में
Pneumonia in Children: बच्चों को खांसी, जुकाम, बुखार जैसी शिकायतें होती रहती हैं। इसलिए कुछ माता-पिता इन परेशानियों में उन्हें कुछ दवाएं दे देते हैं, लेकिन आपके बच्चे के लिए ऐसा करना गंभीर परेशानी का कारण बन सकता है। अगर आपके बच्चे को बार-बार सर्दी-खांसी की परेशानी हो रही है, तो यह निमोनिया बुखार का कारण भी हो सकता है। यह काफी संक्रामक बीमारी मानी जाती है। इसलिए निमोनिया के खतरों से बच्चों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चों को निमोनिया होने की स्थिति में उनका उचित इलाज कराएं, ताकि निमोनिया की गंभीरता को कम किया जा सके है। हालांकि, निमोनिया की परेशानी का कुछ हद तक घर पर भी इलाज किया जा सकता है। आइए जानते हैं निमोनिया की समस्याओं को कम करने वाले कुछ घरेलू उपचार।
बच्चों में निमोनिया के क्या हैं लक्षण?
- बलगम होना
- खांसी आना
- कंपकंपी के साथ बुखार आना
- सांस लेने में काफी ज्यादा परेशानी महसूस होना।
- खांसने में दर्द
- सीने में दर्द महसूस होना, इत्यादि।

निमोनिया होने पर बच्चों को दें हल्दी वाला दूध
अगर आपका बच्चा निमोनिया से ग्रसित है, तो उन्हें आप हल्दी वाला दूध दे सकते हैं। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है, जो आपके बच्चे में निमोनिया की गंभीरता को कम कर सकता है। हालांकि, अगर आपका बच्चा काफी ज्यादा छोटा है, तो इस स्थिति में आप उन्हें सीधेतौर पर हल्दी न खिलाएं। इसके बजाय आप उनके सीने पर हल्दी के तेल से मालिश कर सकते हैं। इससे संक्रामक रोगों के खतरों को कम किया जा सकता है।

बच्चे को पिलाएं तुलसी का काढ़ा
निमोनिया होने पर आप बच्चों को तुलसी का काढ़ा दे सकते हैं। तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होता है, जो निमोनिया में होने वाली परेशानियों को कम कर सकता है। इससे बच्चों की खांसी, जुकाम जैसी परेशानी काफी हद तक कम होगी। हालांकि, अगर आपका बच्चा तुलसी का काढ़ा नहीं पीता है, तो आप तुलसी के पत्तों से रस निकाल लें। अब इस रस में थोड़ा सा शहद मिक्स करके बच्चे के चटाएं। इससे निमोनिया की परेशानियों को कम करने में मदद मिल सकती है।

बच्चे के लिए लहसुन है कारगर
बच्चे के सीने में जमा कफ को बाहर निकालने के लिए आप उन्हें लहसुन भी दे सकते हैं। तुलसी और हल्दी की तरह लहसुन में भी एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है, जो बच्चों को संक्रामक बीमारियों से दूर कर सकता है। अगर आपका बच्चा 1 साल से ऊपर की उम्र का है, तो आप सरसों तेल में लहसुन की कलियों को पकाकर उन्हें खिला सकते हैं। हालांकि, अगर आपके बच्चे की उम्र कम है, तो आप लहसुन की कलियों से पेस्ट तैयार करके इसे बच्चे के सीने पर लगाएं। इससे बच्चे को गर्माहट मिलती है, जो निमोनिया की परेशानियों को कम करने में असरदार है।

छोटे बच्चों को निमोनिया का खतरा काफी ज्यादा रहता है। ऐसे में उनका सही से देखभाल करें। साथ ही अगर आपके बच्चे को निमोनिया का खतरा है या फिर निमोनिया हो गया है, तो उनका उचित इलाज कराएं। वहीं, इस बात का भी ध्यान रखें कि इन नुस्खों से महज निमोनिया की परेशानी कम की जा सकती है, लेकिन इससे निमोनिया का पूर्णत: इलाज संभव नहीं है। ऐसे में डॉक्टर से उचित इलाज जरूर कराएं।
