Summary: मेनोपॉज में बैलेंस डाइट और हेल्दी आदतों का महत्व
हर महिला की जिंदगी में मेनोपॉज एक प्राकृतिक पड़ाव है। इस समय शरीर और मन दोनों में कई तरह के बदलाव आते हैं। सही आहार और लाइफस्टाइल अपनाकर आप इस बदलाव को आसान और हेल्दी बना सकती हैं।
Menopause Weight Management: हर महिला अपनी जिंदगी में बहुत से पड़ावों से गुजरती है। यह पड़ाव उसे शारारिक और मानिसक तौर पर बदलाव देते हैं। पीरियड्स का आना, मां बनने का सुख महसूस होना, प्री मेनोपॉज और उसके बाद मेनोपॉज का वो समय जो अपने साथ एक अजीब सी एंजाइटी और कभी कभी कभार कुछ खालीपन लाता है। बहुत महिलाओं को ऐसा लगता है जैसे कहीं वो बहुत कुछ पीछे छूट रहा है। असल में वो उम्र का वो दौर होता है जहां बच्चे बड़े होकर अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए अपने परिवार से बहुत दूर चले जाते हैं। और महिलाओं को लगता है जैसे उनका प्यार से बनाया उनका घोंसला खाली हो गया और इन सभी के बीच मेनोपॉज उन्हें तोड़ता है। आप याद रखें कि मेनोपॉज महज एक बदलाव है। इस बदलाव को जितनी सकारात्मकता से आप स्वीकार करेंगी आप उतना ही आपकी सेहत के लिए अच्छा रहेगा।
गुड़ और घी
हार्मोंस के इशूज की वजह से बॉडी में फैट डिपॉजिट होने लगता है। ऐसे में ब्लोटिंग की समस्या भी बनी रहती है। पेट जिस तरीके से साफ होना चाहिए उस तरह से साफ नहीं होता। वहीं इस समय महिलाएं आयरन और कैल्शियम डेफिशिएंसी का भी सामना करती हैं। आपका खाना ठीक से डाइजेस्ट हो इसके लिए लंच के बाद गुड़ और घी जरुर खाएं। आपका आयरन और हीमोग्लोबिन मेंटेन रहेगा और आपकी एनर्जी भी अच्छी होगी।
सूखे मेवे और सीड्स

हम सभी जानते हैं कि सूखे मेवे हमारी सेहत को बनाए रखने में क्या अहमियत रखते हैं। वैसे भी महिलाओं को अक्सर इस समय थकान और वीकनेस महसूस होती है। ऐसे में सूखे मेवों के साथ अलग अलग तरह के सीड्स को भी अपने आहार में शामिल करें। अखरोट और बादाम आपको बहुत फायदा करेंगे। अखरोट से आपको गुड फैट मिलेगा साथ ही हडि्डयों के लचीलापन बना रहेगा। आप दिन में कभी भी इनका सेवन कर सकती हैं
मिलेट्स को करें शामिल
मिलेट्स हमें कितना फायदा करते हैं। इससे कोई भी अनजान नहीं है। आप राजगीरा, किनुआ और बाजरे की रोटी खा सकती हैं। आप राजीगीरा का हलुआ और बड़ियां खा सकती हैं। वहीं बाजरे की खिचड़ी सर्दियों में सर्दियों में सेहत और स्वाद से भरा एक अच्छा विकल्प है। इससे आपको फाइबर तो मिलेगा ही आपकी वेट मैनेजमेंट में भी यह फायदेमंद रहेगा।
बैलेंस डाइट लें

मेनोपॉज के समय आपकी शारिरिक आकार में थोड़ा बहुत परिवर्तन आता है। इसे स्वीकार करें। लेकिन वेट मैनेजमेंट करने के फेर में अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ ना करें। इस समय मूड स्विंग की समस्या भी देखने को मिलती है। ऐसे में बहुत बार महिलाएं या तो बहुत सख्त डाइट फॉलो करती हैं या कुछ उल्टा सीधा खाने लगती हैं। ऐसा ना करें। आप पौष्टिक खाना खाएं। लंच में दही खाएं। यह आपके डाइजेशन को भी अच्छा रखेगा। याद रखें कि इस समय आपको बैलेंस डाइट लेनी हैं। बहुत तला हुआ या मीठा खाने से बचें। अपनी मेंटल हेल्थ को अच्छा बनाए रखने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकती हैं। मेनोपॉज के बाद वजन को लेकर चिंता करना एक अच्छी बात है लेकिन सिर्फ वजन कम करना आपका टारगेट कतई नहीं होना चाहिए।
