Inflammation Diet
Inflammation Diet

Inflammation Diet: सूजन के बारे में अक्सर लोग असमंजस में होते हैं इसका होना अच्छा है या बुरा। यह सेहत पर कहीं  विपरित  असर न डाल दे। सबसे पहले यह बात जान लें सूजन सेहत की सहेली है। यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बनाए  रखने में मददगार है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन से।

ऐसा आपने देखा होगा  कि शरीर पर किसी जगह पर  किसी कीड़े या मच्छर ने काटा या कोई इंफेक्शन हुआ तो सूजन आ गई। अमूमन इस तरह की सूजन कुछ घंटे या  दिन की होती है। इसमें त्वचा का लाल होना, जलन महसूस हो ना आम है। यह कर्कश है। प्रभावित अंग पर रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। केमिकल, एंटी बॉडीज व प्रोटीन रिलीज हो ते हैं। वहीं, कुछ सूजन ऐसी भी होती है जो क्रोनिक यानी  कि खतरनाक हो जाती है। यह छह महीने से भी ज्यादा समय तक रहती है। यह नसों, किडनी, जोड़ों, त्वचा व  दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती है। खतरनाक बात यह है  कि इस तरह की सूजन में कोई दर्द नहीं होता। सतर्क रहें। यह सूजन जनलेवा भी बन सकती है।

सूजन कम करना इसलिए है जरूरी

ऐसा भी होता है  कि सूजन बार – बार आने लगती है ऐसे में इसे कम करना बेहद जरूरी है। वजह है  कि इससे  दिल की बीमारी, अल्जाइमर, टाइप टू डायिबटीज, उम्र से बुढ़ाना, जोड़ों का दर्द, कैंसर, अस्थमा, एलर्जी और लिवर से संबधित परेशानियां भी हो सकती हैं। इसलिए  समय – समय पर स्वास्थ्य जांच जरूरी है ताकि हम  किसी बड़ी बीमारी का शिकार न हो न पाएं।

रोग – प्रतिरोधक क्षमता से है संबंध

सूजन की हमारे शरीर में एक प्रमुख भूमिका है। यह हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को सक्रीय रखती है। साथ ही रोजाना लगने वाली छोटी – मोटी चोटों और घावों को भी सही करने का काम करती है। अगर यह न हो तो हमें बहुत ज्यादा इंफेक्शन होगा। हम जल्दी – जल्दी बीमार होंगे। कह सकते हैं  कि अगर सूजन न हो तो हम जीवित नहीं रह सकते।

सूजन को ऐसे कर सकते हैं कम

  • खाने में कैफीन, एल्कोहल, चीनी, प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम कर दें।
  • तनाव व प्रदूषण से दूर रहने की अधिक से अधिक कोशिश करें।
  • अल्कलाइन डाइट लें। इसका अर्थ है – वे आहार जो शरीर में अम्ल की जगह क्षार का निर्माण करते हैं। क्षार ताजे फलों और हरी सब्जियों में  मिलते हैं।
  • फाइबर की मात्रा को अपने आहार में बढ़ाएं। दलिया फाइबर का प्रमुख स्रोत माना जाता है।
  • हल्दी, अदरक, दाल चीनी को अपने आहार में शामिल करें। यह एंटीऑक्सीडेंट हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक हैं। ग्रीन टी भी सूजन को कम करने में सहायक मानी जाती है।
  •  मछली, अलसी व अखरोट का सेवन कर सकते हैं। इनमें ओमेगा -3 व 6 होते हैं।

खत्म करने का नहीं कम कने का प्रयास करें

शरीर के  किसी भी भाग या अंग पर सूजन है तो उसे खत्म नहीं बलकि कम करने के प्रयास करने चाहिए । 24 से 48 घंटे के अंदर आरआईसीई (रेस्ट एंड आइस क्रढ्ढष्टश्व ) विधि को भी अपना सकते हैं। आर यानी रेस्ट ( आराम ) करें, आई यानी आईस बर्फ ( बर्फ ) लगाएं, सी यानी कम्प्रेशन (दबाव) दें, ई यानी इलेवेशन यानी (ऊंचाई ) पर रखें। यह आसान तरीका समझा जाता है दर्द और सूजन को कम करने के  लिए । डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही पेनकिलर लें। याद  हे  कि आराम करें और सूजन ठीक होने का इंतजार करें। बहुत ज्यादा पेनकिलर लेने से रिकवरी प्रभावित  होती है। दर्द भी रह जाता है।

सात  नियम  जिन्हे अपनाएं

  • अपने हर आहार में ही सब्जियां, ताजे फलों का रस और फाइबर युक्त फलिया शामिल करें। फल स्नैक्स के तौर पर भी ले सकते हैं। तीन कटोरी कच्ची सब्जियां खाएं।
  • डाइट में वैराइटी को बढ़ाएं। याद रहे  कि  जितने ज्यादा रंग के फल – सब्जियाँ  आपके आहार में शामिल होंगे। आपको उतने ही ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट  मिलेंगे। इससे रिकवरी में आसानी होगी।
  • अगर प्रोसेस्ड या जंक फूड का सेवन करना चाहते हैं तो सप्ताह में एक  दिन से ज्यादा न लें।
  • स्नैक्स के तौर पर के  लिए सूखे मेवे व बीजों का सेवन करें।
  • आप एक अच्छी गहरी नींद लें। यह सूजन को कम कर ने में म दद करती है।
  • सूजन और दर्द में जल्द राहत के  िलए बाजार में उपलब्ध औषधीय तेलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • दो से तीन  दिन बाद भी सूजन में आराम ना  मिले तो डॉक्टर से परामर्श अवश् य लें।

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