Joint Swelling Diet : बढ़ती उम्र में अकसर लोगों को तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हड्डियों में कमजोरी के कारण दर्द होता है। इसके अलावा, कुछ लोगों को जोड़ों में सूजन की समस्या भी होती है। जोड़ों में दर्द व सूजन को लोग अकसर सामान्य समस्या के रूप में देखते हैं, जबकि वास्तव में यह काफी कष्टदायक हो सकती है।
यह देखने में आता है कि जब व्यक्ति को जोड़ों में दर्द व सूजन की समस्या होती है तो वह पूरी तरह से दवाओं पर ही निर्भर हो जाता है। हालांकि, दवाइयों का अधिक सेवन भी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी डाइट पर ध्यान दें। जी हां, ऐसी कई हर्ब्स हैं, जो ना केवल संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बल्कि यह जोड़ों में दर्द व सूजन की समस्या को भी मैनेजबल बनाती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही कुछ हर्ब्स के बारे में बता रहे हैं-
जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए हल्दी

जिन लोगों को जोड़ों में दर्द व सूजन की समस्या होती है, उनके लिए हल्दी का सेवन बेहद ही लाभकारी माना जाता है। दरअसल, हल्दी एक ऐसी हर्ब है, जिसमें करक्यूमिन पाया जाता है। करक्यूमिन के कारण ही यह एक बेहतरीन एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में काम करता है। जब आप हल्दी का सेवन करते हैं तो इससे घुटने के दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, हल्दी में एंटीसेप्टिक, जीवाणुरोधी, और एंटी-एलर्जी प्रभाव होते हैं। आप हल्दी को अपनी सब्जी में डाल सकते हैं या फिर हल्दी का पानी पी सकते हैं। इसके अलावा, रात को सोने से पहले हल्दी के दूध का सेवन करना काफी अच्छा माना जाता है।
जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए दालचीनी

दालचीनी किसी भी इंडियन डिश को और भी अधिक टेस्टी बनाती है। लेकिन इसके हेल्थ बेनिफिट्स भी कम नहीं है। आप दालचीनी की मदद से हृदय और उच्च रक्तचाप के इलाज में मददगार है। दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-डायबिटिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो घुटनों की सूजन को दूर करने में कारगर है। आप दालचीनी को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए इसे सब्जी का हिस्सा बना सकते हैं। इसके अलावा चाय बनाते समय भी दालचीनी स्टिक को शामिल किया जा सकता है।
जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए थाइम

थाइम को एक बेहद ही गुणकारी हर्ब माना जाता है। दरअसल, इसमें उच्च एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। साथ ही यह एक एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में भी काम करना है। यही कारण है कि इसे जोड़ों में दर्द व सूजन को कम करने के लिए बेहद प्रभावशाली माना जाता है। रूमेटोइड गठिया से पीड़ित व्यक्ति को थाइम का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। आप इसे बीन, टमाटर, अंडे की डिश, सूप और स्टॉज में शामिल कर सकती हैं। हालांकि, यह ध्यान रखें कि आप बहुत अधिक थाइम का सेवन करने से बचें। इससे आपको समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए अदरक

अदरक के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से तो हम सभी वाकिफ हैं। यही कारण है कि अदरक के सेवन से किसी भी तरह के दर्द व सूजन को दूर करने में मदद मिलती है। अगर आप अक्सर जोड़ों में दर्द व सूजन से परेशान हैं तो ऐसे में आप दिन में में एक या दो कप अदरक की चाय बनाकर पी सकते हैं।
जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए एलोवेरा

एलोवेरा को अक्सर लोग अपनी स्किन की केयर के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह आपकी स्किन को सूदिंग इफेक्ट पहुंचाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह जोड़ों में सूजन को दूर करने में भी मददगार है। एलोवेरा जेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जिसके कारण यह घुटनों में दर्द की समस्या को भी काफी हद तक कम करता है। इतना ही नहीं, आप इसकी मदद से डायबिटीज और अस्थमा का भी इलाज कर सकते हैं। आप एलोवेरा के जूस को पी सकते हैं या फिर एलोवेरा के पत्ते को तोड़कर उसके जेल को निकालें। आप इस जेल को सीधे अपने घुटनों पर लगाकर मालिश कर सकते हैं।
जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए नीलगिरी का तेल

जिन लोगों के घुटने में सूजन के साथ-साथ बहुत अधिक दर्द है तो आप नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। जब आप नीलगिरी के तेल को प्रभावित स्थान पर लगाकर मालिश करते हैं तो इससे आपको तुरंत राहत का अहसास होता है। आप चाहें तो गर्म पानी में नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदों को मिक्स करके उस पानी से नहा भी सकते हैं। आजकल मार्केट में नीलगिरी युक्त क्रीम, स्प्रे या मलहम भी अवेलेबल है, जिसे रुमेटीइड गठिया या पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।
जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए काली मिर्च

काली मिर्च एक ऐसा मसाला है, जो भारतीय किचन में हमेशा ही अवेलेबल होता है। इसका स्वाद तो काफी स्ट्रॉन्ग होता ही है, साथ ही साथ यह सेहत के लिए भी अच्छा है। दरअसल, काली मिर्च में पिपेरिन शामिल होता है। शोध में पाया गया है कि काली मिर्च में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव प्रभाव होते हैं। यही कारण है कि इसे जोड़ों में दर्द व सूजन के लिए बेहद प्रभावशाली माना जाता है। आप काली मिर्च को सब्जी से लेकर सलाद, सूप व अन्य कई तरह की रेसिपीज में शामिल कर सकते हैं।
