बच्चेदानी में गांठ होने पर इन 4 हर्ब्स का करें इस्तेमाल, महिलाओं की समस्याएं होंगी कम: Ayurvedic Herbs
Ayurvedic Herbs for Lumps in Uterus

बच्चेदानी में गांठ होने पर इन 4 हर्ब्स का करें इस्तेमाल, महिलाओं की समस्याएं होंगी कम: Ayurvedic herbs

Ayurvedic herbs : बच्चेदानी में गांठ का इलाज करने के लिए आप कई तरह के आयुर्वेदिक हर्ब्स का प्रयोग कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसके फायदे-

Ayurvedic Herbs: गर्भाशय जिसे सामान्य भाषा में बच्चेदानी भी कहा जाता है। बच्चेदानी में गांठ होना काफी सामान्य होता है, लेकिन गंभीर स्थिति से बचने के लिए हमें एक्सपर्ट की सलाह समय-समय पर लेनी चाहिए। बच्चेदानी में गांठ का आकार मूंग दाल या फिर छोटे खरबूजे के बीज जितना होता है। यह परेशानी 30 या उससे अधिक उम्र के लोगों में हो सकती है। बच्चेदानी में गांठ की स्थिति में शरीर में कई तरह के लक्षण हो सकते हैं, जिसमें हैवी ब्लीडिंग होना, सेक्स के दौरान दर्द होना इत्यादि शामिल है। बच्चेदानी में गांठ होने पर आप डॉक्टर की सलाह लें। इसके अलावा आप कुछ हर्ब्स की मदद से बच्चेदानी में गांठ का इलाज करा सकते हैं। आइए जानते हैं बच्चेदानी में गांठ होने पर कौन सा हर्ब्स असरदार हो सकता है?

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बच्चेदानी में गांठ की परेशानी होने पर त्रिफला काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकती है। इसमें एंटीनोप्लास्टिक एजेंट होते हैं, जो बच्चेदानी में गांठ का इलाज करने में प्रभावी हो सकता है। इसका सेवन करने के लिए आप 1 चम्मच त्रिफला पाउडर लें, इसे 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ लें। इससे काफी हद तक लाभ मिलेगा।

आंवला का रस रसौली का इलाज करने में असरदार साबित हो सकता है। आंवला मोनोसोडियम ग्लूटामेट, एंटी-फाइब्रोटिक जैसे पोषक तत्व होता है, जो गर्भाशय में होने वाली गांठ का इलाज करने में मददगार साबित हो सकता है। इसका सेवन करने के लिए 1 से 2 आंवला लें, इसको कद्दूकस कर लें। इसके बाद इसे 1 गिलास पानी में मिक्स करके पिएं। इससे बच्चेदानी में गांठ का इलाज करने में मदद मिल सकता है।

बच्चेदानी में गांठ का इलाज करने के लिए कच्ची हल्दी का सेवन करें। हल्दी में करक्यूमिन नामक पॉलीफेनोल की अच्छी मात्रा होती है, जो ट्यूमर के सेल्स को बढ़ने से रोक सकता है। इसके अलावा हल्दी की गांठ में एंटी-फिब्रोटिक होता है, जिससे बच्चेदानी में होने वाली गांठ की परेशानी का इलाज किया जा सकता है।

आयुर्वेद में गिलोय काफी ज्यादा प्रभावी हो सकता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल जैसे गुण होते हैं, जो बच्चेदानी में गांठ का इलाज कर सकता है। इसकी मदद से आप बच्चेदानी में गांठ के लक्षणों को कम कर सकता है।

बच्चेदानी में गांठ की परेशानी होने पर आप कई तरह के आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग कर सकते हैं। इससे काफी हद तक मदद मिल सकती है। हालांकि, इसका प्रयोग करने से पहले एक बार अपने हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लें।

निक्की मिश्रा पिछले 8 सालों से हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लिख रही हैं। उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में एमए और भारतीय विद्या भवन से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। लिखना उनके लिए सिर्फ एक प्रोफेशन...