बच्चेदानी में गांठ होने पर गलती से भी न खा लें ये चीजें, वरना बढ़ सकती हैं परेशानियां: Uterus Fibroids
Foods to avoid in uterus fibroid

बच्चेदानी में गांठ होने पर गलती से भी न खा लें ये चीजें, वरना बढ़ सकती हैं परेशानियां

Uterus fibroids : बच्चेदानी में गांठ होने की स्थिति में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए कुछ खाने-पीने की चीजों से दूर रहना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में-

Uterus Fibroids: बच्चेदानी में गांठ की परेशानी कई कारणों से हो सकती है, जिसमें खानपान में गड़बड़ी, लाइफस्टाइल में खराबी इत्यादि कारण हो सकते हैं। अगर आपको बच्चेदानी में गांठ हो रही है, तो इस स्थिति में आपको इसके लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत होती है, ताकि आपको अपनी स्थिति का समय पर पता लग सके। बच्चेदानी में गांठ होने पर पेल्विक एरिया में दर्द, पीरियड्स असीमित होना जैसे लक्षण दिखते हैं। सही खानपान होने पर इसमें होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है। आज इस लेख में हम आपको बच्चेदानी में गांठ होने पर किस तरह का आहार नहीं खाना चाहिए, इस बारे में विस्तार से बताएंगे। आइए जानते हैं इस बारे में-

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Uterus Fibroids -Processed Meat
Processed Meat

बच्चेदानी में गांठ होने की स्थिति में प्रोसेस्ड मीट का सेवन न करें। प्रोसेस्ड मीट कई तरह की बीमारियों का कारण हो सकता है। मुख्य रूप से हॉट डॉग, सॉसेज, सूखा मीट और डिब्बाबंद मीट इत्यादि को अपने आहार में न जोड़ें। यह गांठ की सूजन को बढ़ा सकता है। दरअसस, प्रोसेस्ड मीट में आमतौर पर ऐसे केमिकल होते हैं जो आपके सिस्टम को परेशान कर सकते हैं। अगर आप मीट खा रहे हैं, तो ताजा, ऑर्गेनिक कट मीट को आहार में जोड़ें।

Dairy Products
Dairy Products

कई लोगों के लिए डेयरी से बचना सबसे मुश्किल काम है। हममें से ज्यादातर लोगों को पनीर बहुत ज्यादा पसंद होता है। फिर भी डेयरी में मौजूद हॉरमोन, खास तौर पर एस्ट्रोजन, फाइब्रॉएड के विकास में योगदान दे सकते हैं, इसलिए जितना हो सके इससे बचना सबसे अच्छा है। आप इसके कुछ वैकल्पिक चीजें जैसे- बादाम मिल्क, नारियल का दूध इत्यादि का चुनाव कर सकते हैं।

Refined Carbs
Refined Carbs

रिफाइंड शुगर या फिर कार्ब्स आपके शरीर का वजन बढ़ा सकता है। इसके अलावा यह फाइब्रॉएड के विकास का कारण बनता है। रिफाइंड शुगर और कार्ब्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी ज्यादा रहता है, जो आपके रक्त शर्करा को प्रभावित करते हैं और फाइब्रॉएड के विकास को उत्तेजित कर सकते हैं। अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि उच्च जीआई रेटिंग भी फाइब्रॉएड के जोखिम को बढ़ाती है, इसलिए कोशिश करें कि रिफाइंड चीजों का सेवन न करें।

कई बार शराब का अधिक मात्रा में सेवन करने वालों को भी फाइब्रॉएड की शिकायत हो जाती है। यह सूजन को बढ़ा सकता है। साथ ही पीरियड्स की अनियमितता को भी बढ़ावा देता है। इस स्थिति में कोशिश करें कि शराब से दूरी बनाकर रखें। वहीं, धूम्रपान का भी सेवन न करें।

निक्की मिश्रा पिछले 8 सालों से हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लिख रही हैं। उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में एमए और भारतीय विद्या भवन से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। लिखना उनके लिए सिर्फ एक प्रोफेशन...