Ayurvedic Solution: इन दिनों हम सभी न चाहते हुए भी वातावरण में फैल रहे स्माॅग या वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। यह प्रदूषण सांस के जरिये हमारी बाॅडी में पहुंच कर फ्री-रेडिकल्स बनाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद हैं। सांस लेने में दिक्कत होना, गले में खराश या जलन, सिर दर्द, आंखों में जलन या खुजली होना, उल्टी, पेट दर्द जैसी समस्याएं देखी जा सकती हैं। जो कालांतर में अस्थमा और सांस संबंधी दिक्कतें हो जाती हैं, फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, डायबिटीज, साइनोसाइटिस जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी है-इम्यूनिटी का मजबूत होना। प्रदूषण के कारण बने फ्री-रेडिकल्स को दूर करने के लिए बाॅडी का डिटाॅक्सीफिकेशन होना जरूरी है। यह तभी होता है जब आपका पाचन तंत्र अच्छी तरह काम कर रहा हो। आयुर्वेद के हिसाब से आपका पाचन तंत्र ठीक होगा, तो शरीर में त्रिदोष- वात, पित्त और कफ कम होंगे। आम नहीं बनेगा, पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी और खांसी-जुकाम, सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी। वातावरण में फैले प्रदूषण का सामना करने और इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए आयुर्वेद डेली रूटीन में अदरक, लहसून, तुलसी, नीम, अदरक वाली चाय, काली मिर्च, पिपली जैसी चीजें अपनाने पर बल देता है।
प्रदूषण से बचने के आयुर्वेदिक नुस्खे :
- नाक के पेसेैज यानी सांस की नली को साफ रखने के लिए गाय का शुद्ध घी की एक-एक बूंद नियमित रूप से सुुबह-शाम नाक में डालें। इससे सांस लेने में दिक्कत नहीं होती और प्रदूषक हानिकारक तत्व फेफड़ों तक नहीं पहुंचते।
- फेफड़ों को साफ करने में गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद आयरन हमारी आर्टिरीज को भी साफ करता है जिससे हमारी ब्लड में ऑक्सीजन की सप्लाई तेज होती है और श्वास संबंधी दिक्कत कम होती है। रोजाना 5 ग्राम गुड़ का सेवन कर सकते है। रात केा गर्म दूध के साथ सोते समय ले सकते हैं। चाहे तो गुड़ की चाय और तिल के लड्डू भी बना कर खा सकते हैं।
- आप रात को सोते समय त्रिफला ले सकते हैं। यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ पाचन तंत्र को सुचारू रूप से मदद करेगा। एक चम्मच त्रिफला हनी, गुनगुना पानी या दूध के साथ ले सकते हैं। शहद के साथ लेना ज्यादा फायदेमंद हैै। बच्चों के लिए त्रिफला का सिरप भी आ गया है, वो सोते समय एक चम्मच सिरप ले सकते हैं।
- सिट्रस फ्रूट्स जरूर लेने चाहिए। संतरा, नींबू, ऑरेगैनो जूस बहुत अच्छा होता है। यह कार्डियो प्रोटेक्टिव होता है।
- दिन में दो बार अदरक की चाय पिएं। आधा चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर लें। अदरक इम्यूनिटी को बढ़ाती है और सांस से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद है।
- गले में खराश महसूस हो रही हो तो अदरक का काढ़ा पिएं। एक गिलास में छोटा-सा अदरक, 4-5 पत्ते तुलसी और 2-3 दाने काली मिर्च मिलाकर पानी आधा रह जाने तक उबालें। तैयार काढ़ा दिन में 2-3 बार पानी थोड़ा-थोड़ा करके पिएं। गले की खराश कम होगी और श्वसन तंत्र साफ रहेगा। अगर बलगम की शिकायत है तो थोड़ा सेंधा नमक मिला सकते हैं।
- पिसी काली मिर्च को शहद के साथ लेने से फेफड़ों में जमा कफ दूर होता है। प्रदूषण के कारण सांस संबंधी समस्याओं से बचने में कारगर है।
- एक गिलास दूध में 3 ग्राम या आधा छोटा चम्मच हल्दी मिलाकर दिन में एक बार पिएं। एक चम्मच शहद में 3 ग्राम हल्दी मिलाकर भी ले सकते हैं।
- तुलसी का जूस पिएं। रेडिमेड 10-15 मिली तुलसी के जूस को पानी मिलाकर दिन में दो बार लें। यह सांस की नली या श्वसन तंत्र से प्रदूषक तत्व हटाने में सहायक है। घर में तुलसी के 5-6 पत्तों को पीस लें। निचोड़ कर रस निकाल लें। इसमें शहद मिलाकर एक चम्मच ले सकते हैे।
- 3 ग्राम पीपली हर्ब को शहद के साथ मिलाकर 7 दिन एक बार लें।
- आहार के साथ दिन में 2-3 चम्मच देसी घी का सेवन जरूर करें। घी शरीर को डिटाॅक्सीफाई करता है। शरीर में मौजूद प्रदूषित टाॅक्सिक फ्री रैडिकल्स को पनपने नहीं देता जिससे प्रदूषण के कारण होने वानी समस्याओं से राहत मिलती है।
- श्वसन-नली बंद है तोे पानी में पिपरमिंट ऑयल की 2-3 बूंदे या युकेलिप्टस तेल की 4-5 बूंदे डाल कर दिन में दो बार 5 मिनट के लिए स्टीम लें।
- नीम की पत्तियों को एक पतीले पानी में उबाल लें। इसे नहाने के पानी में मिलाकर नहाएं। यह स्किन पर जमें प्रदूषण को हटाता है और स्किन डिटाॅक्सीफाई करता है। संभव हो तो नियमित रूप से 2-3 नीम की पत्तियां खा लें। इससे खून साफ होता है।
- रेगुलर फुल-बाॅडी मसाज शरीर के लिम्फेटिक सिस्टम को स्वस्थ बनाता है। इसके लिए अपनी पसंद सेें सरसों, नारियल या ओलिव ऑयल ले सकते है। मसाज करने से रक्त संचार सुचारू होता है, रक्त में मौजूद टाॅक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने और त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
- प्रदूषण से आंखों में होने वाली जलन में आंखों में गुलाब जल की बूंदे या ड्राॅप्स सुबह-शाम डाल सकते हैं। इससे आंखें साफ रहेंगी। खीरे या आलू के स्लाइस काट कर आंखों पर रख सकते हो, इससे आंखों को ठंडक मिलेगी। प्रदूषण से आंखों में होने वाले सूखेपन या जलन से बचने के लिए आंखों को बार-बार ठंडे पानी से धोएं।
- बालों को प्रदूषण से बचाने के लिए संभव हो तो बाहर जाते हुए बाल ढक कर जाएं। नहाने से एक घंटा पहले तेल लगाकर अच्छी तरह मसाज करें। ज्यादा देर तक तेल न लगा रहने दे क्योंकि वो बालों पर जमकर नुकसान पहुंचाता है।
- घर में तुलसी, मनी प्लांट, स्नेक प्लांट, एलोवेरा, अरिका पाम, पाइन पलांट, पीस लिली जैसे एयर प्योरीफाई करने वाले इंडोर पौधें लगाएं। ये पौधे हवा को फिल्टर कर साफ बनाने में मदद करते हैं और घर में शुद्ध हवा का अनुपात बढ़ाते हैं। स्नेक प्लांट तो रात में ऑक्सीजन तो छोड़ता ही है, कई हानिकारक गैसों को खत्म करता है। घर के आसपास नीम, पीपल जैसे पेड़ लगवाएं।
- प्रदूषण से बचने के लिए बाहर जाते समय रुमाल ट्रेंगल फोल्ड करके मुंह पर बांध कर रखें इससे 95 प्रतिशत बचाव हो जाता है। संभव हो तो मास्क का प्रयोग करें।
- घर में प्योरीफायर का इस्तेमाल करें या एयर कंडीश्नर को हाई टैम्परेचर पर यूज करें तो वो टैम्परेचर ठीक रखता है।
( डाॅ कोमल मलिक, मेडिकल आॅफिसर, एनडीएमसी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी, दिल्ली)