ये 6 संकेत बताते हैं आप हो चुके हैं अल्जाइमर का शिकार: Early Signs of Alzheimer
Early Signs of Alzheimer

Habits that Lead Alzheimer: नाक में उंगली डालना एक आम आदत है जो बहुत से लोग बिना सोचे-समझे करते हैं। ये आदत देखने में तो घिन आती ही है साथ ही ये किसी गंभीर बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। आपको जानकर ये हैरानी होगी कि नाक में उंगली डालना अल्‍जाइमर रोग का कारण भी हो सकता है। अल्‍जाइमर रोग एक प्रोग्रेसिव ब्रेन डिसऑर्डर है जो धीरे-धीरे आपकी यादों और सोचने की शक्ति को कम कर देता है। नाक में उंगली करना और अल्‍जाइमर रोग के बीच गहरा संबंध है। नाक में नियमित उंगली डालने से अल्‍जाइमर और डिमेंशिया को बढ़ावा मिलता है जिससे दिमाग सिकुड़ने लगता है। नाक में उंगली डालने के अलावा भी कई अन्‍य आदतें हैं जो डिमेंशिया का कारण हो सकते हैं।

नाक में उंगली डालना

Habits that Lead Alzheimer
Finger in nose

बीटा एमिलॉयड और टाऊ नामक जहरीले प्रोटीन का निर्माण अल्‍जाइमर का कारण बन सकता है। नाक में उंगली डालने की प्रक्रिया से आंतरिक टिशू को नुकसान पहुंचता है, जो मस्तिष्‍क में बैक्‍टीरिया के प्रवेश को आसान बना सकती है। एक बार जब ये बैक्‍टीरिया मस्तिष्‍क में पहुंच जाते हैं,तो वे अल्‍जाइमर जैसे लक्षण पैदा कर देते हैं।

खराब नींद

नींद मस्तिष्‍क को स्‍वस्‍थ रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्‍योंकि ये मस्तिष्‍‍क को आराम करने,रिचार्ज करने और यादों को रिफ्रेश करने की अनुमति देती है। नींद की कमी या खराब गुणवत्‍ता वाली नींद कॉगनेटिव डिक्‍लाइन और अल्‍जाइमर रोग के जोखिम को बढ़ाता है। खराब नींद की वजह से दिमाग पर अधिक प्रेशर पड़ता है जिससे मांसपेशियों पर भी प्रभाव पड़ता है।

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खराब लाइफस्‍टाइल

अल्‍जाइमर एक ऐसा रोग है जो मस्तिष्‍क की नसों पर नकारात्‍मक प्रभाव डालता है। खराब लाइफस्‍टाइल और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण अल्‍जाइमर को बढ़ने का मौका मिल जाता है। मस्तिष्‍क में ब्‍लड फ्लो में सुधार, नई मस्तिष्‍क कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने और कॉगनेटिव फंक्‍शन का समर्थन करने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि में पार्टीसिपेट करना बेहद जरूरी होता है। इसके अलावा तनाव और एंग्‍जाइटी को कम करने के लिए भी लाइफस्‍टाइल में बदलाव करना जरूरी है।

सामाजिक अलगाव

आदतें बढ़ा सकती हैं समस्‍याएं
social isolation

सामाजिक जुड़ाव की कमी और सामाजिक अलगाव को कॉगनेटिव डिकलाइन और अल्‍जाइमर रोग के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है। बिजी लाइफस्‍टाइल और दूसरों से दूर रहने की आदत लोगों को अल्‍जाइमर का शिकार बना सकती है। लोगों से मिलने और बात करने से व्‍यक्ति का दिमाग सही दिशा में काम करता है। साथ ही विभिन्‍न मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं, जो ब्रेन हेल्‍थ में सुधार करने का काम कर सकती हैं। इसलिए सामाजिक रूप से एक्टिव रहना बेहद जरूरी है।

अनहेल्‍दी डाइट

वो डाइट जिसमें हाई प्रोसेस्‍ड फूड, अनहेल्‍दी फैट्स और शुगर की अधिक मात्रा होती है, वे सूजन, ऑक्‍सीडेटिव तनाव और अल्‍जाइमर रोग के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अनहेल्‍दी डाइट पेट के विकार और मस्तिष्‍क संबंधी समस्‍याओं को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अल्‍जाइमर जैसी समस्‍याओं से छुटकारा पाने के लिए सही डाइट का होना बेहद जरूरी है। अपनी इस आदत को सुधारकर हम कई समस्‍याओं को कम कर सकते हैं।