आज का नहीं, 3000 साल पुराना है पानीपुरी का इतिहास...जानिए किन वीरों को आई थी पसंद: History of Panipuri
History of Panipuri

History of Panipuri: पानी पुरी का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। यह भारत का मोस्ट फेवरेट स्ट्रीट फूड है। इसके बिना कोई पार्टी पूरी नहीं होती, आउटिंग अधूरी लगती है। भले ही इसे भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों जैसे गोलगप्पा, पुचका, फाल्क, पकौड़ी, गुपचुप, पानी के पताशे से जाना जाता हो, लेकिन सभी में एक कॉमन बात है वो है बेमिसाल स्वाद। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इतनी टेस्टी डिश का आविष्कार कैसे हुआ और इसे किसने खोजा होगा। अगर आप इसके रोचक इतिहास को नहीं जानते हैं तो चलिए हम आज आपको बताते हैं आखिर पानी पुरी आई कहां से-

और ऐसे बन गई पानी पुरी

History of Panipuri
Pani Puri has been a favorite food of Indians since centuries, not just a few years ago.

दरअसल, पानी और चटपटे आलू से भरे गोलगप्पे यानी पानी पुरी कुछ सालों नहीं सदियों पहले से भारतीयों का पसंदीदा भोजन रहा है। इसका इतिहास महाभारत से जुड़ा हुआ माना जाता है। किंवदंती है कि पहली बार महाभारत काल में महारानी द्रौपदी ने इसे बनाया था। कहा जाता है कि जब द्रौपदी पांडवों की पत्नी बनीं, उस समय वे जंगल में रहते थे। ऐसे में उनके पास सीमित संसाधन ही उपलब्ध थे। पांडवों की मां कुंती यह देखना चाहती थीं कि क्या द्रौपदी परिवार को संतुलित तरीके से संभाल सकती हैं। ऐसे में उन्होंने द्रौपदी से बची हुई आलू की सब्जी और गेहूं के आटे से कुछ ऐसा बनाने के लिए कहा, जिससे सभी भाइयों की भूख शांत हो जाए और उन्हें स्वाद भी मिले। लेकिन क्योंकि कुंती द्रौपदी की परीक्षा लेना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने बहू को सिर्फ एक रोटी जितना ही आटा दिया। ​कुंती के आदेश के बाद द्रौपदी ने आटे की  छोटी पूरियां बनाकर उनमें आलू भरकर पांडवों को परोसा। कहा जाता है कि बस यहीं से पानी पुरी प्रचलन में आ गई।  

मगध से भी है संबंध

पानीपुरी का दूसरा संबंध मगध साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र से भी जुड़ा है
Another relation of Panipuri is also related to Pataliputra, the capital of Magadha Empire.

पानीपुरी का दूसरा संबंध मगध साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र से भी जुड़ा है, जो आज दक्षिण बिहार में स्थित है। बिहार में इसे ‘फुल्की’ के नाम से जाना जाता है। दरअसल, भारत हमेशा से ही वैभव का प्रतीक रहा। प्राचीनकाल से ही यहां धन-धान्य की कमी नहीं थी। यहां भोजन को लेकर भी प्रयोग होते थे। ऐसे में कुछ इतिहासकारों का दावा है कि मगध काल में ही पानी पुरी बनाना शुरू किया गया था। क्योंकि इसी समय चावल से पोहे, लिट्टी चोखा आदि बनाने के भी प्रमाण मिले हैं। ऐसे में एक बात साफ है कि सदियों से भारतवासी पानीपुरी खाते आ रहे हैं और यह हमेशा से ही सबका पसंदीदा भोजन रहा है।  

स्वाद ही नहीं, कैलोरीज भी देती है पानी पुरी

 1 पानीपुरी में करीब 36 कैलोरी होती है।
There are approximately 36 calories in 1 Panipuri.

ये बात तो सच है कि पानीपुरी बहुत ही टेस्टी लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं इसमें भरपूर कैलोरी होती है, जो आपके डाइट प्लान के लिए खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार 1 पानीपुरी में करीब 36 कैलोरी होती है। वहीं अक्सर लोग एक प्लेट पानीपुरी खाना पसंद करते हैं, जिसमें करीब छह पानीपुरी सर्व की जाती हैं। ऐसे में साफ है कि एक प्लेट पानी पुरी की सर्विंग में 329 कैलोरी होती है। इस पूरी कैलोरी में से 207 कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से और 38 कैलोरी प्रोटीन से आती है। शेष कैलोरी वसा से आती है, जो 82 होती है। एक वयस्क को आदर्श रूप से अपने आहार में करीब 2,000 कैलोरी की आवश्यकता होती है। ऐसे में अगर आप एक प्लेट पानीपुरी खाते हैं तो आपकी दैनिक कैलोरी का लगभग 16 प्रतिशत आप इसी से प्राप्त कर लेते हैं।