इंडियन स्ट्रीट फूड पानी पूरी पर गूगल ने क्यों बनाया है डूडल, जानें कारण: Pani Puri on Google Doodle
Pani Puri on Google Doodle

Pani Puri on google Doodle: गूगल जिससे आज के समय में सब मुश्किल हल हो जाती है, वो चाहे कैसा भी सवाल क्यों ना हो,हल निकाल ही देता है। अब जब आपने अपना गूगल खोला होगा तो देखा होगा कि  उस पर पानीपूरी का डूडल बना है उसके इस डूडल पर एक सवाल है कि आखिर क्यों? साथ ही गूगल डूडल पर अब आप पानीपूरी का गेम भी खेल सकते हो, तो इसके पीछे क्या वजह है, आज हम आपको बता रहें है। 

असल में 12 जुलाई 2015 को मध्यप्रदेश के इंदौर के  एक रेस्तरां ने अपने कस्टमर को 51 किस्म के अलग-अलग टेस्ट के पानी पूरी परोसे थे जिसके बाद उनका  यह फ्लेवर रिकार्ड गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में  शामिल हो गया। उन्हीं की अचीवमेंट का जश्न मानने के लिए गूगल ने अपने डूडल में पानीपूरी के चित्र के साथ पानीपूरी गेम भी लांच किया है।

क्या है पानी पुरी या गोलगप्पे

पुचका, गोलगप्पा, गुपचुप, फुलकी, पानी पुरी आदि नामों से फेमस पानीपूरी भारतीयों का पंसदीदा स्ट्रीटफूड है, जो आटे और सूजी से बनाया जाता है, जिसके साथ इमली या पुदीने का पानी, आलू, चने का मसाला तैयार किया जाता है। बेशक यह भारतीय स्ट्रीट फूड हो लेकिन इसे पसंद विदेशी लोग भी करते है।

किस रेस्तरां ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था?

गूगल ने जिस रेस्तरां की उपलब्धि का जश्न मनाया है वो मध्यप्रदेश के इंदौर में  स्थित है। गूगल के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह रेस्तरां मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित रेस्तरां ने अलग-अलग फ्लेवर वाले 51 तरह के पानी पुरी सर्व किया था। इंदौर स्थित एक रेस्तरां ने ग्राहकों के लिए 51 अलग-अलग स्वाद और पानी वाले गोलगप्पे सर्व किए थे।

गूगल डूडल पर पानीपूरी गेम कैसे खेलें

गूगल डूडल पर यह गेम टाइमर के साथ शुरू होता है। इसमें आपको पानीपूरी वाले की पानीपूरी खिलाने में मदद करनी होगी, वो भी सबके टेस्ट को ध्यान में रखते हुए। इसमें जितनी देर तक आप फ्लेवर वाले ऑप्शन से पानीपूरी ठीक सलेक्ट करते रहेगे उतनी देर तक आप गेम में टिके रहेंगे।  जैसे ही गलत फ्लेवर को चुना आप आउट हो जाएंगे ।

महाभारत से जुड़ी है पानीपूरी

Pani Puri on Google Doodle
Pani Puri and Mahabharat Connection

आज के समय से नहीं बल्कि महाभारत काल से इंसानो की पानीपूरी पंसदीदा रहीं है। महाभारत काल में द्रोपदी ने पानीपूरी की खोज की थी। इसके पीछे कहानी है कि जब पाण्डव निर्वासन में थे तब कुंती ने द्रोपदी को बचा हुआ आटा और कुछ आलू दिए  और कहा कि इससे कुछ ऐसा बनाओ, जिससे उसके पुत्रों की भूख शांत हो जाये। तब  द्रोपदी ने आटे की पूरी और आलू का मसाला बनाया और पांडवों को दे दिया।