Dietary supplements are necessary
उम्र बढऩे के साथ उपयुक्त मात्रा में पोषक आहार लेना जरूरी हो जाता है क्योंकि उम्र के साथ कैलोरी की जरूरत कम होने लगती है। ऐसे में आप जितनी भी कैलोरी लेते हैं वह पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए। बढ़ती उम्र में हमारे शरीर में पोषक तत्वों को सोखने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त खाने का स्वाद लेने और खाने की क्षमता भी कम हो जाती है। यहां हम बता रहे हैं कि कौन से पोषक तत्व आपके लिए सबौसे जरूरी हैं और इनको पर्याप्त मात्रा में आप कैसे ले सकते हैं।
विटामिन बी-12 : बी-12 की कमी का संबंध एनीमिया से होता है और इसके चलते न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे कि याददाशत में कमी भी हो सकती है। इसलिए हर दिन एक व्यस्क को इसके 2.4 माइक्रोग्राम की जरूरत होती है। कुछ चीजें जैसे कि सीरियल विटामिन से भरपूर होते हैं। लेकिन एक तिहाई बुजुर्गों का शरीर, खाने से प्राकृतिक विटामिन बी-12 सोखने में अक्षम होता है। ऐसे में उन्हें अपने रक्त और नव्र्ज को स्वस्थ रखने के लिए इस विटामिन की बेहद जरूरत होती है।
कैल्शियम : एक दिन में 12 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है, लेकिन यह 2500 मिली ग्राम से अणिक नहीं होना चाहिए। जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी की भी जरूरत होती है। हड्डियों की कमजोरी से फ्रैक्चर, खासतौर से कूल्हे, रीढ़ की हड्डी अथवा कलाई में पुरुषों व महिलाओं दोनों में हो सकती है। विटामिन डी : 51 से 70 साल की उम्र वालों के लिए 400 इंटरनैशनल यूनिट और 70 से बड़ी उम्र वालों को 600 इंटरनेशनल यूनिट की जरूरत होती है। लेकिन इसकी रोज की डोज 2000 इंटरनेशनल यूनिट से अधिक नहीं होनी चाहिए। विटामिन डी कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों को स्वस्थ रखने और इसे टूटने से बचाने में मदद करता है अधिकतर स्वस्थ वयस्क लोग सुरक्षितधूप की किरणों और अपने भोजन से विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में लेते हैं। लेकिन बुजुर्गों का धूप से संपर्क कम होता है।
आयरन
शरीर में स्वस्थ लाल रक्त कणों के लिए यह खनिज बेहद जरूरी होता है अधिकतर लोगों कोखाने की चीजों से पर्याप्त मात्रा में आयरन मिल जाता है। इसके लिए रेड मीट, दालें, बींस, अंडे, साबुत अनाज, नट्स, बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां,सूखे मेवे और फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल आदि बेहतरीन स्रोत हैं।अगर कोई मेडिकलअथवा पोषक जरूरत न हो तो अधिकतर वयस्क लोगों को आयरन के लिए कोई सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत नहीं होती है। डॉक्टर ऐसे लोगों को आयरन लेने की सलाह दे सकते हैं जिनकी कोई ऐसी सर्जरी हुई हो जिसमें रक्त का नुकसान हुआ हो अथवा ऐसे लोग जो शाकाहारी हों। ऐसी महिलाओं को भी अतिरिक्त आयरन की जरूरत हो सकती है जिनकी माहवारी बंद हो चुकी हो और वह हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले रही हों। ऐसी महिलाओं और पुरुषों को 8 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है। आयरन लाल रक्त कणों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है।माहवारी बंद होने के बाद जो महिलाएं हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी पर हों वे अब भी मासिक पीरियड महसूस कर सकती है। रक्त के इस नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें अतिरिक्तआयरन की जरूरत हो सकती है।
विटामिन बी-6 : पुरुषों को 1.7 मिलीग्राम और महिलाओं को 1.5 मिलीग्राम की जरूरत होती है।शरीर में लाल रक्त कण बनाने और स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए हर किसी को इस विटामिन की जरूरत होती है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
ये अनसैचुरेटेड फैट प्राथमिक तौर पर मछली से मिलते हैं, जिसके कई फायदे होते हैं, जिनमें रुयुमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षणों से संभवत आराम मिलता है और इससे उम्र संबंधी मैक्युलर डीजेनरेशन यानी एएमडी को बढऩे से रोकता है।
यह एक ऐसी बीमारी है, जो बुजुर्गों की आंखों की रोशनी कमजोर कर देती है।नए अध्ययन बताते हैं कि ओमेगा 3 अल्जाइमर्स डिजीज़ के असर को भी कम कर सकता है और हमारे दिमाग को उम्र बढऩे के साथ तेज भी रख सकता है। दिल को सेहतमंद रखने के लिए खाने में सी फूड भी शामिल होना चाहिए।
एंटीऑक्सिडेंट और हर्बल सप्लीमेंट्स
क्या हैं एंटीऑक्सिडेंट?
आपने एंटीऑक्सीडेंट के फायदों के बारे में सुना होगा, ये प्राकृतिक तत्व हैं, जोखाने की चीजों में मिलते हैं। फिलहाल ऐसाकोई तथ्य उपलब्ध नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि एंटीऑक्सिडेंट दिल की बीमारियों, डायबिटीज़ और मोतियाबिंद जैसी क्रॉनिक बीमारियों से बचाव में कारगर है अथवा नहीं।एंटीऑक्सिडेंट के लिए कोई सप्लीमेंट्स लेने से बेहतर है कि आप या आपके सीनियर या माता-पिता दिन भर में पांच बार फल व सब्जियां खाएं। वेजिटेबल ऑयल और नट्स भी कुछ प्रकार के एंटीऑक्सिडेंट्स के अच्छे स्रोत होते हैं।
क्या होते हैं हर्बल सप्लीमेंट्स ?
शायद आपने जिंकगो बिलोबा, जिनसेंग,एचिनेशिया अथवा ब्लैक कोहोश के बारे में सुना होगा। ये वे डाइटरी सप्लीमेंट्स हैं, जो कुछ खास प्रकार के पौधों से मिलते हैं और चूंकि ये पौधों से आते हैं यह समझना आसान है कि ये सुरक्षित होंगे। चूंकि हर्बल सप्लीमेंट्स दवाओं के तौर पर मान्यता प्राप्त नहीं हैं, ऐसे में कुछ ही के संबंध में समस्याओं के इलाज संबंधीअध्ययन हुए हैं। इन्हें लेने से पहले सावधानी बरतना जरूरी है।
जब लेने हो सप्लीमेंट्स
- खाने की अन्य चीजों की तरह सप्लीमेंट्स के लेबल भी जरूर पढ़ें ताकि आप यह समझ सकें कि अपने लिए आवश्यक चीज ले रहे हैं अथवा नहीं।जानें कुछ टिप्स-
- आप अथवा आपके बुजुर्ग माता-पिता किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए डाइटरी सप्लीमेंट्स अथवा हर्बल चीजें दवा की तरह लेते हैं। ये तत्व आपके शरीर पर कुछ प्रभाव छोड़ते हैं ऐसे में पहले से ली गई दवाओं के साथ भी ये प्रतिक्रिया कर सकते हैं। कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स गंभीर साइड इफेक्ट की वजह भी बन सकते हैं, जैसे कि ब्लड प्रेशर, नॉजिया,डायरिया, कब्ज, बेहोशी, सिरदर्द, दौरे, हार्ट अटैक अथवा स्ट्रोक आदि।
- कोई भी नया सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। हाई डोज या लंबे समय तक सप्लीमेंट्स लेने से यह खतरनाक साबित हो सकता है। कुछ सप्लीमेंट्स प्रेस्क्रिप्शन वाली दवाओं के साथ प्रतिक्रिया भी कर सकते हैं।
- सुनिश्चित करें कि उत्पाद ताजा हो एक्सपायरी डेट की जांच करें।
- आपकी सुरक्षा के लिए इसकी बोतलसीलबंद होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं है अथवा सील टूटी हुई है तो इसे न खरीदें।
- गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए किसी विश्वसनीय उत्पादक का प्रॉडक्ट ही खरीदें।
- अगर आपको पेट की समस्या आसानी से हो जाती है तो आपके लिए टैबलेट की जगह कैप्सूल का विकल्प बेहतर हो सकता है।
- फिलर वाले सप्लीमेंट्स लेने से बचें, अक्सर ऐसी चीजों में गैरजरूरी तत्व भरे होते हैं ताकि ये ज्यादा दिखें। इनमें गेहूं, मकई और डेयरी प्रॉडक्ट हो सकते हैं, जिसके चलते पाचन अथवा एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- अगर किसी मछली के तेल पर यह लिखा है कि यह ओमेगा 3 फैटी एसिड का स्रोत है तो इसका लेबल जांचें, इस पर स्पष्ट लिखा होना चाहिए कि इसे सुरक्षित तरीके से तैयार किया गया है जिसमें कोई दूषित तत्व नहीं है,खासतौर से मर्करी।
ध्यान रखें
अगर आप ब्लड थिनर ले रहे हैं तो कोई भी डाइटरी सप्लीमेंट्स लेने से पहले अपने डॉक्टर या डाइटीशियन की सलाह जरूर लें। डॉक्टर की सलाह के मुताबिक खुराक ही लें।और हमेशा ध्यान रखें- सप्लीमेंट्स इसलिए लिए जाते हैं ताकि ये आपके पोषण की खुराक के पूरक बनें, ये आपकी खुराक का विकल्प कभी नहीं हो सकते हैं। ऐसे में सप्लीमेंट्स का पूरा लाभ उठाने के लिए संतुलित आहार भी लें।
(डॉ. इती भल्ला, चीफ डाइटीशियन- पारस अस्पताल, से बातचीत पर आधारित)
