50 साल के बाद महिलाएं रखें अपने खान-पान का ध्यान: Diets for Women Over 50
Diets for Women Over 50

Diets for Women Over 50: शादी के बाद ससुराल की देहरी पर पहुंची महिला पर घर-परिवार की तमाम जिम्मेदारियां आ जाती हैं। घर-बाहर की जिम्मेदारियों में सामंजस्य बिठाते-बिठाते अक्सर अपने प्रति लापरवाह हो जाती हैं जिसका खामियाजा कई बार अपनी हेल्थ से चुकाती हैं। उम्र के तीसरे दशक में महिलाओं को फैमिली एडजस्टमेंट और बच्चों की चिंता रहती है। रिप्रोडक्टिव उम्र के बाद हमारे शरीर में एजिंग प्रोसेस शुरू हो जाती है। चौथे और पांचवें दशक में मेनोपाॅज के बाद शारीरिक बीमारियां आनी शुरू हो जाती हैं। जो 50 साल तक आते-आते मेनोपाॅज स्टेज शुरू होने पर शरीर में हार्मोनल बदलाव आ जाते हैं। हार्मोन लेवल गड़बड़ाने से बाॅडी में कई बदलाव आते हैं और कई बीमारियां होने की आशंका रहती है।

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के खान-पान में भी बदलाव आता है। उनके लिए केवल पौषक तत्वों से भरपूर खाना खाना ही काफी नहीं है, सही मात्रा में खाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसे में अगर वो अच्छी डाइट नहीं लेती हैं, तो उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे- शरीर में कमजोरी आ सकती है, इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, सोचने की क्षमता कम हो सकती है यानी अल्जाइमर हो सकता है, मूड स्विंग बहुत होते हैं।

बैलेंस मील लेना है जरूरी

बढ़ती उम्र में फिट रहने के लिए महिलाओं को खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है। आहार में शरीर के लिए जरूरी सभी पौषक तत्वों का शामिल करना चाहिए। अगर महिला की लंबाई और वजन आइडियल के आसपास होनी चाहिए। उसके हिसाब से रोजाना आहार में पौषक तत्वों की मात्रा तय कर सकती हैं। जरूरत हो तो किसी आहार विशेषज्ञ को संपर्क कर सकती हैं।

Diets for Women Over 50
Balance Meal
  • कार्बोहाइड्रेट के लिए आप गेहूं, ओट्स, बारले, जौ, ज्वार, रागी जैसे साबुत अनाज अपने आहार में शामिल करें। रिफाइंड मैदा, बारीक सूजी अवायड करें।
  • प्रोटीन की आपूर्ति के लिए आहार में दालें, सोयाबीन, लो-फैट गाय का दूध और दूध से बनें खाद्य पदार्थ ले सकती हैं। अंडे का सफेद हिस्सा रोजाना ले सकती हैं, कम तेल में बना चिकन, लीन मीट, मछली जैसे मांसाहारी पदार्थ ले सकती हैं। इनके अलावा आप बादाम, पिस्ता, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स, सीड्स में अलसी, चिया, फ्लेक्स को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
  • रोजाना आहार में गुड क्वालिटी का फैट शामिल करना चाहिए। दिन भर में महिलाओं को 3 टेबलस्पून या 15 मिली ऑयल ले सकती हैं। इसमें पूरे दिन में आधा चम्मच देसी घी ले सकती हैं, बाकि बची मात्रा में ऑलिव ऑयल, सरसों का तेल, राइस ग्राइंड ऑयल इस्तेमाल कर सकती हैं। जहां तक हो सके मक्खन, चीज, क्रीम, तले भोजन अवायड करने चाहिए।
  • फ्राई करते समय एक ही ऑयल को बार-बार इस्तेमाल करना गलत है क्योंकि यह ट्रांस फैट में बदल जाता है और शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। बढ़ती उम्र में आहार में फैट की मात्रा ज्यादा लेने से शरीर में मेटाबाॅलिक समस्याएं हो सकती हैं जिससे महिलाओं में वजन बढ़ना, कोलेस्ट्राॅल बढ़ने, हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है।
  • इस उम्र की महिलाओं को रोजाना आहार में समुचित मात्रा में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स लेने चाहिए। इसके लिए दिन में दो बार सलाद (खीरा, मूली, गाजर, टमाटर, चुकुंदर) और दो सर्विंग मौसमी फल का सेवन बेस्ट है। साबुत दालें, साबुत अनाज में भी अच्छी मात्रा में फाइबर मिल जाता है। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में डायजेशन सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है जिससे उन्हें कब्ज, पेट खराब होना, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्याएं होने की संभावना रहती है। इसलिए महिलाओं को फाइबर रिच आहार लेना जरूरी है। चैकरयुक्त आटा फाइबर का बेहतरीन स्रोत है।

फिट रहने के लिए लें अच्छी डाइट

बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं होने लगती हैं जैसे- हड्डियां, मसल्स कमजोर होना, इम्यून सिस्टम कमजोर होना। इसे ध्यान में रखकर महिलाओं को अपनी डाइट को माॅडिफाई करना चाहिए। लेकिन कई महिलाएं खुद के प्रति लापरवाही बरतती हैं। पौष्टिक और संतुलित आहार न लेकर सप्लीमेंट लेने लगती हैं जो बिना डाॅक्टर की सलाह से लेना गलत है। क्योंकि सप्लीमेंट की ओवरडोज़ से शरीर में टाॅक्सिटी की मात्रा बढ़ने से उन्हें कई तरह की समस्याएं हो सकती है।

  • हड्डियों की मजबूती के लिए महिलाओं को आहार में कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थो का सेवन नियमित रूप से करना जरूरी है। जैसे- कैल्शियम की आपूर्ति के लिए दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ ज्यादा से ज्यादा शामिल करने चाहिए। इसके अलावा आहार में रागी का आटा, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, राजमा, सोयाबीन, बादाम ले सकते हैं।
  • कैल्शियम के अवशोषण के लिए जरूरी विटामिन डी भरपूर खाद्य पदार्थ भी अपनी डाइट में बढ़ाने चाहिए। विटामिन डी के लिए सप्ताह में 2-3 बार लीन मीट, मछली, अंडे का पीला भाग ले सकती हैं। आजकल बाजार में उपलब्ध विटामिन डी रिच प्रोसेस्ड मिल्क, सीरियल्स का सेवन कर सकती हैं।। इसके अलावा विटामिन डी की आपूर्ति के प्राकृतिक स्रोत धूप का फायदा भी ले सकती हैं। यथासंभव ज्यादा समय तक धूप सेंकने से उनके शरीर में विटामिन डी की निर्माण होगा और कैल्शियम की कमी न होने पर हडिडयों मजबूत होंगी।  
  • मसल्स लाॅस होना बड़ी उम्र में आम बात है क्योंकि इस समय बहुत ज्यादा मूवमेंट नहीं होता है और महिलाएं अपने खान-पान का पूरी तरह ध्यान नहीं रखती हैं। साथ ही घर-परिवार को संभालती महिलाएं नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं कर पाती हैं। नतीजतन उनमें सार्कोपीनिया या मसल्स मास का लाॅस देखा जाता है। इससे बचने के लिए महिलाओं को प्रोटीन से भरपूर डाइट लेनी चाहिए। उन्हें रोजाना कम से कम 2 गिलास दूध, 2 कटोरी दाल, सुबह-रात को मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स, चिकन, मछली, अंडे का सफेद भाग खाना चाहिए।
  • इस उम्र में इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है जिसकी वजह से महिलाएं इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आ जाती हैं। इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए उन्हें प्रोटीन के अलावा विटामिनऔर मिनरल्स से भरपूर डाइट लेनी जरूरी है। इसके लिए रोजाना कम से कम 2 सर्विंग फल-सब्जियों की जरूर लें। अगर महिलाओं को डायबिटीज या किडनी संबंधी संमस्या है, तो उन्हें डाॅक्टर या आहार विशेषज्ञ को कंसल्ट करना बेहतर है।
  • डायबिटीज या हार्ट संबधी बीमारियों होने का डर बना रहता है जिसे देखते हुए महिलाओं को यथासंभव हाई-कार्बोहाइड्रेट, हाई-कैलोरी, हाई-फैट,हाई-शूगर, हाई-साॅल्टेड फूड अवायड करें। जैसे- मैदा, जूस, फ्राइड खाद्य पदार्थ, प्रीजर्वेटिड, प्रोसेस्ड या फास्ट फूड-चीज, मयोनीज, साॅस, कैचेप।
  • स्किन में होने वाले बदलावों, डिहाइड्रेशन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं केा देखते हुए महिलाओं को रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। जरूरी नहीं कि सादा पानी ही पिएं, आप नींबू पानी, नारियल पानी, लस्सी, मट्ठा , सूप, जूस ले सकती हैं।

( डाॅ चेतना बंसल, आहार विशेषज्ञ, अपोलोमेडिक्स अस्पताल, लखनऊ )