Success Rule: वर्तमान में व्यस्ततम जीवनशैली के चलते अमूमन हम सभी बैलेंस लाइफ जीना भूल गए हैं। यह व्यस्तता आमतौर पर हमारे वर्क, प्रोफेशन, पढ़ाई या कॉम्पिटिशन को लेकर होती है जिसके चलते जीवन के कई पहलुओं से समझौता करते रहते हैं। गौर करें तो हमारा दिन कई फालतू कामों में व्यतीत हो जाता है। कभी-कभी तो हमें पता ही नहीं चलता कि समय कहां जा रहा है और हम महत्वपूर्ण कामों को भी करना हम भूल जाते हैं। नतीजतन अपनी जिंदगी और काम के बीच संतुलन नहीं बना पाते, कई तरह की परेशानियों और तनाव से ग्रसित हो जाते है।
असल में देखा जाए तो जिंदगी दिनों में मापी जाती है। माना जाता है जिसने अपने दिन संभाल लिए, वो अपनी पूरी जिंदगी संभाल सकता है। दिन संभालने के लिए जरूरी है कि टाइम मैनेजमेंट करें यानी दिन के 24 घंटों को मैनेज करके चलें। ताकि आपका काम भी अच्छा हो, कैरियर में आगे बढ़े, हेल्दी और फिट रहने के साथ आप खुश भी रहें। अगर आप वर्क-लाइफ के बीच बैलेंस बनाकर चलना चाहते हैं, तो आपको डेली रूटीन के लिए बनाए गए 8+8+8 के नियम को फोलो करना चाहिए।
क्या हैं नियम के फायदे
इस नियम को फोलो करके अपनी जिंदगी और वर्क कल्चर को बैलेंस कर सकते हैं। साथ ही जिंदगी के अहम हिस्से-अपनी फैमिली और सोशल लाइफ को भी बराबर टाइम दे पाएंगे। टाइम मैनेज करके पूरे दिन अच्छी तरह व्यतीत कर पाएंगे और रात को साउंड स्लीप भी ले पाएंगे। दिन भर ऊर्जावान रहेंगे, आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी, सभी काम भी बखूबी कर पाएंगे और रोजाना नियत किए अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे।
क्या है 8+8+8 का नियम
यह अकाट्य सत्य है कि एक दिन में 24 घंटे होते हैं। यह नियम हमें 24 घंटों को सफलतापूर्वक इस्तेमाल करने के बारे में सिखाता है, जो तीन हिस्सों में 8+8+8 घंटों में एक दिन को बांटता है।
नियम के पहले 8 घंटे

इन्हें आप अपने आराम करने और सोने के लिए दें। इन 8 घंटों में आप साउंड स्लीप लें। इसमें आप दिन में ली जाने वाली पॉवर नैप और रिलेक्स होने के लिए किए जाने वाला मेडिटेशन भी शामिल कर सकते हैं। रोजाना भरपूर नींद लेने पर ही आप पूरा दिन एक्टिव रह सकते हैं और कई बीमारियों से बच सकते हैं।
नियम के दूसरे 8 घंटे

इन 8 घंटों में आपको रॉक सॉलिड हार्डवर्क करना है और अपने काम पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। वो काम कुछ भी हो सकता है- कैरियर, प्रोफेशन, जॉब, बिजनेस, स्टार्टअप वैन्चर, पढ़ाई। आपको पूरी ईमानदारी और निष्टापूर्वक अपना काम करना चाहिए। इसमें आप उन चीजों पर फोकस करें जो आपके करियर-ग्रोथ से जुड़ी हों। उन चीजों पर समय लगाएं जो आपकी प्रोफिट या आय को बढ़ाती हैं।
इन 8 घंटों के दौरान अपनी सर्वश्रेष्ठ परर्फोमेंस देने पर फोकस करें। किसी टॉपक्लास सफल एथलीट की तरह काम करना चाहिए जिसका फोकस अपने गोल पर होता है और वह किसी दूसरी चीज पर ध्यान नहीं भटकाता। इस दौरान आप उन सभी चीजों की ओर बिल्कुल ध्यान न दें जो आपके प्रोफेशन से जुड़ी न हों। प्रगति की राह में आने वाली अड़चनों या नकारात्मक विचारों को दूर रखें। ऐसा करने से आपका काम निश्चय ही श्रेष्ठ होगा।
नियम के तीसरे 8 घंटे

ये घंटे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। मूलतया इन घंटों को आप प्रोडक्टिव बनाकर अपनी जिंदगी बैलेंस कर सकते हैं। इसके लिए आप ‘6 एफ’ वाली नीति को फोलो कर सकते हैं-फैमिली, फ्रेंड्स, फेथ (विश्वास), फन, फूड और फीलिंग। दिन के बचे इन 8 घंटों में इन ‘6 एफ’ को फोलो करना है को उपयोगी बना सकते हैं- फैमिली, फ्रेंड्स, फैद, फन, फूड और फीलिंग।
इन 8 घंटों को भी आप 2+2+2+2 के हिसाब से बांटें यानी दो-दो घंटे के हिसाब से काम करें। इनमें पहले 2 घंटे अपने शरीर को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज और वर्कआउट करें। इसके लिए आप अपनी पसंद और क्षमता के हिसाब से फिजीकल एक्टिविटीज कर सकते हैं, जैसे- जिम में एक्सरसाइज, योगा, एरोबिक, वॉक, रनिंग, जॉगिंग, स्वीमिंग, साइकिल और आउटडोर गेम्स खेलें। यह जरूरी नहीं कि यह वर्कआउट आप एक बार में ही करेें। इसे आप अपनी सुविधानुसार सुबह-शाम कर सकते हैं।
दूसरे 2 घंटे में आप सेल्फ-डेवलेपमेंट पर फोकस कर सकते हैं। आपको रोज अपने डेली रूटीन में अपने विकास पर ध्यान देना चाहिए। इसमें अपना मनपसंद काम कर सकते हैं, हॉबीज़ को अंजाम दे सकते हैं, प्रोफेशन में आगे बढ़ने और नॉलेज बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं, अपनी स्किल को निखारने के लिए ट्रेनिंग ले सकते हैं, जिंदगी में आगे बढ़ने में मददगार कुछ नए कौशल (जैसे-पेंटिंग, क्रॉफ्ट, कुकिंग) सीख सकते हैं। इससे आप एंजाय तो करेंगे ही, महारत भी हासिल होगी।

अगले 2 घंटे में आप अपनी फैमिली के साथ समय बिताएं या अपने फ्रेंडस के साथ क्वालिटी समय बिताएं या फोन पर बात करें। इसमें आप खाना खाने का समय भी इसमें जोड़ सकते हैं क्योंकि आप खाना इनके साथ ही खाते होंगे। इनके साथ समय बिताते हुए ध्यान रखें कि आप काम या दूसरी परेशानियों के बारे में न सोचें। फैमिली-फ्रेंड्स हमारी लाइफ लाइन होते हैं। रिलेशनशिप बहुत जरूरी है। इससे आपकी फैमिली बॉन्डिंग बढेगी, भावनात्मक रूप से हम मजबूत होंगे और आप रिलेक्स होंगे।
आखिरी 2 घंटों आप एंटरटेनमेंट के लिए रखें। इसमें आप अपने पसंदीदा काम कर सकते हैं- मूवी, टीवी सीरियल, वेबसीरीज, किताबें पढ़ना जैसे कार्य कर सकते हैं। अगर आप पढ़ने के शौकीन हैं, तो नियमपूर्वक रीडिंग कर सकते हैं। ध्यान रखें कि सोशल मीडिया के सभी तरह के काम इन्हीं दो घंटे के दायरे में ही करें।
इसके अलावा अपने प्रोफेशन में महारत हासिल करने के लिए नॉलेज बढ़ाएं यानी अपने प्रोफेशन में आगे बढ़ने के वेबसाइट पर सर्च कर नॉलेज बढाएं या प्रोमोशन के होने वाले एग्जाम्स की तैयारी करें। इससे आप एंजाय तो करेंगे ही, आपकी नॉलेज भी बढ़ेगी।
(डॉ रोहित शर्मा, मनोवैज्ञानिक, दिल्ली)
