health technology
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Health technology: आज के हाई-टेक युग में हो रहे तकनीकी विकास ने लोगों का समय बचाने के साथ उनके बेहतर स्वास्थ के लिए उचित मार्गदर्शन भी दिया है। इस बारे में इन्ट्रीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस रिसर्च, लखनऊ के फिजीशियन कंसलटेंट डॉ. रजनीश श्रीवास्तव का कहना है कि तकनीकी विकास केवल डॉक्टर्स के लिए ही नहीं बल्कि मरीजों के लिए भी स्वास्थ की दृष्टि से फायदेमंद है। आज कई ऐसी टेक्नोलॉजी और ऐप्स आ गए हैं, जिन्होंने डॉक्टर और मरीजों के बीच की दूरियों को कम किया है, खासतौर पर इमरजेंसी मामलों में।

”टी-रे” मेडिकल स्कैनर

वैज्ञानिकों ने विद्युत चुंबकीय ”टी-रे”  नामक एक नई खोज की है। यह स्कैनर कैंसर और ट्यूमर जैसे गंभीर रोगों के निदान के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। ”नेचर फोटोनिक्स”  पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में टी-रे जैसे और भी उपकरण बनाए जा सकते हैं। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि टी-रे स्कैनर और डिटेक्टर की मदद से ट्यूमर वाली जगह पर बढ़े हुए रक्त प्रवाह और कैंसरकारक ट्यूमर में मौजूद मॉलिक्यूल्स का पता लगाकर इन जटिल बीमारियों का इलाज आसान व संभव बनाया जा सकता है।

कैलोरी ट्रेकर

हमारा स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन हमारे खानपान पर निर्भर करता है। लेकिन व्यस्त दिनचर्या के चलते लोगों का संतुलित खानपान संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में हेल्थफेम का कैलोरी ट्रेकर एप आपकी व्यस्त दिनचर्या में असंतुलित और पौष्टिक आहार लेने में मदद कर सकता है। ये ऐप यह भी बताएगा कि आपको दिनभर में कितनी कैलोरी लेनी है और कितना समय व्यायाम व योगा को देना है। कैलोरी ट्रेकर एप में उपलब्ध डायटीशियन और फिटनेस ट्रेनर टीम आपकी मदद करेगी।

स्लीप ट्रेकर

8 से 10 घंटे की नींद हर किसी के लिए जरूरी है। नींद न पूरी होने पर थकान, तनाव और सिर दर्द के अलावा कई तरह की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह स्लीप ट्रेकर आपको भरपूर नींद लेने में मदद करता है। यह एप आपके सोने का समय, तरीका और जागने का समय तय करता है, साथ ही अलार्म का भी काम करता है।

फिटेनस बैंड

माइक्रोसॉफ्ट ने फिटनेस ट्रेकर बैंड लॉन्च किया है। इस बैंड की कीमत 12,000 रुपये के करीब है। यह बैंड एंड्रॉयड, आईओस और विंडोज फोन के साथ ही इस्तेमाल किया जा सकता है। बैंड पर मौजूद टचस्क्रीन में आपको टेक्स्ट, ईमेल और ट्विटर जैसे अलर्ट भी मिलेंगे। इस बैंड की खासियत यह है कि इसमें दिल की धड़कन जैसी चीजें मापने के लिए 10 सेंसर लगे हैं।

हार्ट अटैक के लिए वाइबर ऐप

इस हाई-टैक युग में डॉक्टर और मरीजों के बीच फासलों को कम करने के लिए अब हॉस्पिटल्स भी टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं। इसके लिए अनेक डॉक्टर्स की टीम ऑनलाइन व वॉट्स एप पर उपलब्ध हैं। इन एप के माध्यम से हार्ट अटैक के शिकार मरीजों की जान बचाने की संभावनाओं में काफी इजाफा हुआ है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डॉक्टर मरीज को देखकर जरूरी दवा देने की हिदायत देता है, ताकि कुछ घंटे का समय मरीज को मिल जाए और उसे वक्त रहते अस्पताल तक पहुंचाया जा सके।

माइंडशिफ्ट ऐप्स 

क्या आपको पता है कि टेक्नोलॉजी आपके तनाव को दूर करने में भी मददगार साबित हो सकती है। बाजार में कुछ ऐसे एह्रश्व स मौजूद हैं, जिनकी मदद से आप तनाव को भी कम कर सकते हैं। माइंडशिफ्ट, ऐंगजाइटी बीसी द्वारा विकसित किया गया ये एप्लिकेशन तनाव से मुक्ति और माइंड रिफ्रैशमेंट के लिए टिप्स  देता है। मनोरंजन के लिए गाने और गेम्स के बारे में भी आपको जानकारी देता है।