Summary: स्मार्ट पिलो या प्राकृतिक उपाय, क्या है बेहतरस्मार्ट पिलो या प्राकृतिक उपाय, क्या है बेहतर
गर्भावस्था में नींद की कमी आम समस्या है, स्मार्ट पिलो और ट्रैकर थोड़ी मदद करते हैं लेकिन प्राकृतिक उपाय अधिक सुरक्षित हैं।
Sleep Technology in Pregnancy: गर्भावस्था में नींद आने में परेशानी का सामना ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को करना पड़ता है, ऐसे में नींद को बेहतर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का ट्रेंड खूब बढ़ रहा है। पर क्या सच में गर्भावस्था के दौरान स्लिप टेक्नोलॉजी फायदेमंद है और क्या यह गर्भ में पल रहे शिशु के लिए सही है? क्या स्लिप टेक्नोलॉजी के बिना भी गर्भावस्था के दौरान नींद को बेहतर बनाया जा सकता है? इन्हीं सवालों के जवाब आज हम जानेंगे इस लेख में।
अच्छे नींद का आना क्यों महत्वपूर्ण है

अक्सर हम अपने बड़ों को कहते सुन सकते हैं, एक अच्छी नींद ना जाने कितनी ही बीमारियों की दवा है। हमारे बड़ों का ऐसा कहना आज वैज्ञानिक रूप से सही साबित हो चुका है, रोज की अच्छी नींद एक व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास और मां के स्वास्थ्य दोनों के लिए नींद महत्वपूर्ण है।
गर्भावस्था के दौरान बेहतर नींद से गर्भवती महिला का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, पाचन क्रिया सही रहता है, तनाव, चिंता, थकान जैसी परेशानियां भी कम होती हैं।
स्लीप टेक्नोलॉजी क्या है
स्लीप टेक्नोलॉजी, अर्थात ऐसे डिवाइस जो व्यक्ति के स्लिप पैटर्न को ट्रैक करते हैं या उसे सुधारने में मदद करते हैं। इस समय स्लिप टेक्नोलॉजी के कुछ प्रसिद्ध टूल्स है, स्मार्ट पिलो स्लिप, ट्रैकर, मोबाइल एप्स और स्मार्ट गेजेट्स।
स्मार्ट पिलो: स्मार्ट पिलो गर्भवती महिला के पोजीशन और मूवमेंट को रिकॉर्ड करता है। महिला को बैक पेन से राहत के लिए सर और गर्दन को सपोर्ट पहुंचता है। इन पिलो में सॉफ्ट म्यूजिक, व्हाइट नॉइस की सुविधा भी होती है जो बेहतरीन में मददगार होते हैं।
स्लीप ट्रैक्टर: यह गैजेट एक स्मार्ट वॉच या बैंड है जो हृदय गति, सांस की गति और नींद के पैटर्न को ट्रैक करता है और नींद के डीप और लाइट स्टेज की जानकारी देता है।
स्लीप टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान
स्लीप टेक्नोलॉजी के फायदे: स्लीप गेजेट्स के इस्तेमाल से गर्भवती महिला अपने नींद के पैटर्न को जान पाती हैं।
स्मार्ट पिलो गर्भवती महिला को सोते समय सपोर्ट देता है। उसमें म्यूजिक या व्हाइट नॉइस की सुविधा से महिला को बेहतर नींद में भी मदद मिलता है।
इन गैजेट की मदद से गर्भवती महिला अपने हेल्थ रिपोर्ट जैसे बीपी, सांस की गति, नींद के पैटर्न को जान पाती है और अपने डॉक्टर से इसे साझा कर पाती है।
सावधानियां: इस टेक्नोलॉजी के द्वारा बताया गया डाटा 100% सही नहीं माना जा सकता खासतौर पर गर्भावस्था के दौरान।
इस तरह के डिवाइस से लगातार रेडिएशन या ब्लूटूथ सिग्नल्स निकलते हैं जिसका प्रेगनेंसी में लिमिट उपयोग जरूरी है।
कई बार महिलाएं बार-बार ट्रैकर के रिपोर्ट को देखकर तनाव में आ जाती है।
इस तरह के स्लिप गैजेट्स महंगे होते हैं और जिसे हर कोई नहीं ले सकता।
नींद सुधारने के प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके
गर्भवती महिलाएं अपने सेहत और पॉकेट दोनों का ध्यान रखते हुए प्राकृतिक तरीके अपना सकती हैं जो की स्मार्ट टेक्नोलॉजी से ज्यादा सुरक्षित और सस्ते हैं। जैसे,
रात में हल्का खाना लें। सोने से 2 घंटे पहले अपना खाना खा लें। सोने से पहले हल्की संगीत सुने या किताबों की मदद ले।
सोने से 1 घंटे पहले स्क्रीन से दूरी बना ले और कमरे में हल्की पीले रोशनी का प्रयोग करें।
सोने के लिए बाई करवट लें इससे शिशु तक ब्लड फ्लो सही रहता है।
अपने दिनचर्या में पौष्टिक आहार, हल्के व्यायाम, वॉक और मेडिटेशन को शामिल करें।
यह सभी आदतें आपको गर्भावस्था में बेहतर नींद में मददगार साबित होंगे।
