Exercise
Physical Activity Credit: Istock

Overview: 40 के बाद यूं बदलें अपनी फिजिकल एक्टिविटी, कभी नहीं होगी शुगर और हार्ट डिजीज

कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का कॉम्‍बीनेशन मांसपेशियों, हड्डियों, और हार्ट हेल्‍थ को बनाए रखता है, साथ ही डायबिटीज और हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है।

After 40 Physical Activity: उम्र बढ़ने के साथ हमारे शरीर में कई बदलाव आते हैं। खासकर 40 साल की उम्र के बाद मांसपेशियों की ताकत, मेटाबॉलिज्म और ओवरऑल हेल्‍थ पर असर पड़ने लगता है। इस उम्र में डायबिटीज, हार्ट डिजीज और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि, कई लोग इन गंभीर बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए वॉक और योगा का सहारा लेते हैं, लेकिन क्‍या इतनी लाइट फिजिकल एक्टिविटी शरीर को स्‍वस्‍थ्‍य और रोगमुक्‍त बनाए रखने के लिए काफी है। शायद नहीं, सही फिजिकल एक्टिविटी जैसे कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को अपनाकर इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं 40 के बाद आप अपनी फिजिकल एक्टिविटी को कैसे बदलें, ताकि आप हेल्‍दी और एर्नेटिक रहें।

उम्र बढ़ने का शरीर और दिमाग पर प्रभाव

40 की उम्र में करें फिजिकल एक्टिविटी
Effects of aging on the body and mind

40 के बाद शरीर में प्राकृतिक बदलाव शुरू हो जाते हैं। मांसपेशियों का मसल मास कम होने लगता है, जिसे सरकोपेनिया कहते हैं। बोन डेंसिटी में कमी आती है और मेटाबॉलिज्‍म धीमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ने और मोबिलिटी कम होने का खतरा रहता है। दिमागी स्वास्थ्य पर भी उम्र का असर पड़ता है, जैसे एकाग्रता में कमी और तनाव में वृद्धि।

कार्डियो एक्‍सरसाइज का महत्व

कार्डियो एक्‍सरसाइज, जैसे तेज चलना, जॉगिंग, साइकिलिंग या स्‍वीमिंग, हार्ट और लंग्‍स की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। इसके प्रमुख लाभ हैं:

हेल्‍दी हार्ट: कार्डियो एक्‍सरसाइज हार्ट को मजबूत करता है और हार्ट डिजीज का जोखिम कम करता है। 

वजन नियंत्रण: यह कैलोरी जलाने में मदद करता है, जिससे वेट मैनेंजमेंट आसान होता है। 

मानसिक स्वास्थ्य: कार्डियो से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, जो तनाव कम करता है और मूड को बेहतर बनाता है।

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की भूमिका

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, जैसे वेट लिफ्टिंग, बॉडीवेट एक्सरसाइज, या रेजिस्टेंस बैंड का उपयोग, 40 के बाद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसके कई फायदे हैं:

मांसपेशियों का संरक्षण: यह मांसपेशियों के द्रव्यमान को बनाए रखता है, जिससे मेटाबॉलिज्‍म तेज रहता है। 

हड्डियों की मजबूती: वजन उठाने से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है। 

शारीरिक संतुलन: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से संतुलन और गतिशीलता में सुधार होता है, जिससे गिरने का जोखिम कम होता है। सप्ताह में 2-3 बार 20-30 मिनट की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर्याप्त हो सकती है।

कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कॉम्‍बीनेशन

40 की उम्र में करें फिजिकल एक्टिविटी
Cardio and strength training combination

दोनों प्रकार की एक्‍सरसाइज का बैलेंस बनाना सबसे प्रभावी है। उदाहरण के लिए, सप्ताह में 3 दिन 25 मिनट का कार्डियो (जैसे तेज चलना या साइकिलिंग) और 2 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (जैसे पुश-अप्स, स्क्वाट्स, या डंबल एक्सरसाइज) करें। यह संयोजन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है, बल्कि दिमागी स्वास्थ्य को भी बेहतर करता है। ब्‍लड फ्लो बढ़ने से ब्रेन को अधिक ऑक्सीजन मिलती है, जिससे स्मृति, एकाग्रता, और स्‍ट्रैस मैनेजमेंट में सुधार होता है।

बॉडी वेट कार्डियो और स्ट्रेंथ वर्कआउट

5 मिनट वार्म-अप: हल्का जॉगिंग या जंपिंग जैक। 

15 मिनट बॉडी वेट कार्डियो: स्क्वाट्स, प्लैंक और बर्पी जैसी एक्‍सरसाइज, प्रत्येक को 45 सेकंड तक करें और 15 सेकंड आराम करें। 

15 मिनट स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग: रोमेनियन डेड लिफ्ट,  डंबल पुशअप्‍स, डंबल स्‍क्‍वाट्स, शोल्‍डर प्रेस, बेंट ऑवर रो और पुलअप्‍स कर सकते हैं। 

5 मिनट कूल-डाउन: स्ट्रेचिंग और गहरी सांस लेने के व्यायाम। यह वर्कआउट मांसपेशियों को मजबूत करता है और हार्ट हेल्‍थ को बढ़ावा देता है।

एक्‍सरसाइज के दौरान अपनाएं ये सावधानियां

– कोई नया व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें, खासकर अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या हो। 

– कम तीव्रता से शुरू करें और धीरे-धीरे वर्कआउट की अवधि बढ़ाएं। 

– गलत तकनीक से चोट लग सकती है। शुरुआत में किसी ट्रेनर की मदद लें। 

– पर्याप्त पानी पिएं और व्यायाम के बाद शरीर को आराम दें।

– हफ्ते में 3 दिन कार्डियो, 2-3 दिन स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग और एक दिन योगा व पिलाते बेस्‍ट रिजल्‍ट दे सकता है।