40+ की महिलाओं में अगर दिखाई देते हैं ये लक्षण तो हो सकती है आपको हार्ट अटैक की शिकायत
हार्ट अटैक का मतलब होता है कि हृदय में ब्लड सर्कुलेशन करने वाली धमनी में रुकावट होना जिससे हृदय का काफी नुकसान हो जाता है।
हार्ट अटैक का मतलब होता है कि हृदय में ब्लड सर्कुलेशन करने वाली धमनी में रुकावट होना जिससे हृदय का काफी नुकसान हो जाता है। हार्ट अटैक का कारण अक्सर हृदय में लगातार चलती रहने वाली एक धमनी के अंदर फैट, कोलेस्ट्रॉल या कैल्शियम पार्टिकल्स का इकट्ठा हो जाना है जो धीरे-धीरे धमनी को बंद करना शुरू कर देते हैं।
अगर आपको लगातार चेस्ट में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, जलन या तेज दर्द का एहसास, बाएं हाथ के अंगूठे या हथेली में दर्द या तंगी, जैसे कि बाएं हाथ का एक हिस्सा भारी लगता हो या हथेली या उंगलियों में झनझनाहट या ठंडक, त्वचा में चकत्ते का एहसास या पसीना ज्यादा आने लगा है तो ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। आज की दौर में लोगों में पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी इतनी टेंशन बढ़ गई है कि लोगों को, ज्यादातर महिलाओं में 40 की उम्र के बाद ही हार्ट अटैक के लक्षण दिखने लगते हैं।
इसका कारण है प्रीमेनोपॉज़ल उम्र में महिलाओं को आमतौर पर उनकी उम्र के पुरुषों की तुलना में कोरोनरी आर्टरी डिजीज के होने का खतरा कम होता है, क्योंकि महिलाओं को हार्मोन सुरक्षा प्रदान करते हैं। हालांकि, यह फायदे उन महिलाओं को नहीं मिलते, जो स्मोकिंग करती हैं या फिर जो डायबिटीज की मरीज हैं। अक्सर कामकाजी महिलाओं को काम और घर दोनों को ही संभालना होता है। जिसके चलते एक्सरसाइज करने के लिए समय निकालना काफी परेशानी भरा होता है। ये महिलाओं में मोटापे, हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज जैसे कई हेल्थ प्रोब्लेम्स वजह भी बन सकता है।
महिलाओं में हार्ट अटैक के ये होते हैं लक्षण

महिलाओं में हार्ट डिजीज के लक्षण में कुछ अंतर होते हैं जब उन्हें हार्ट अटैक या अन्य हृदय सम्बंधित समस्याएं होती हैं। निम्नलिखित लक्षणों में से कुछ महिलाओं में देखे जा सकते हैं:
चेस्ट में दर्द, जो बीच में होता है और थकान के साथ आता है। इसके अलावा, बाएं हाथ, पैर या ज़्यादातर संभवतः घावी हिस्से में दर्द होता है और जलन का एहसास होता है।
असामान्य श्वसन और सांस लेने में तकलीफ जैसे कि गहरी श्वसन लेने में तकलीफ होती है और सांस लेने में असामान्य चोटियों के साथ दर्द होता है।
बिना किसी शारीरिक कार्य किए भी थकान या कमजोरी का अनुभव होता है।
असामान्य बुखार या गर्मी जो बिना किसी वजह के आती है।
रक्त प्रवाह में बाधा होने के कारण त्वचा में झनझनाहट या ठंडक का अनुभव होता है।
महिलाओं में हार्ट अटैक के ये होते हैं कारण
एक्सरसाइज न करना

अक्सर घर और ऑफिस में कामों में उलझे रहने की वजह से महिलाएं अपने ऊपर खास ध्यान नहीं दे पाती हैं। जिसके चलते वो फिजिकल एक्टिविटी भी नहीं कर पाती। फिजिकल एक्टिविटी की कमी की वजह से महिलाओं में हार्ट डिजीज की शिकायत हो सकती है।
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डायबिटीज

अगर कोई महिला डायबिटीज से पीड़ित है तो पुरुषों की तुलना में उन महिलाओं में हार्ट डिजीज होने की संभावना ज्यादा रहती है। इस दौरान ये जरूरी है की डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं अपने डायबिटीज को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें।
सूजन संबंधी बीमारियां
रूमेटाइड अर्थराइटिस, ल्यूपस और दूसरी सूजन से जुडी बीमारियां पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही तरह तरह के हार्ट डिजीज होने का खतरा बढ़ा सकती हैं। इसलिए समय से अपनी दवाई लेते रहें।
डिप्रेशन
तनाव और डिप्रेशन ने आज के समय में लगभग 70% लोगों को घेर रखा है। बता दें, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के दिल को डिप्रेस्शन और तनाव ज्यादा प्रभावित करता है। इसके अलावा, डिप्रेशन स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखना भी बेहद मुश्किल बना देता है और बाकी कई हेल्थ प्रोब्लेम्स के होने और बढ़ने के खतरे को बढ़ा सकता है।
स्मोकिंग

जो महिलाएं स्मोकिंग करती हैं उन्हें हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों से ज़्यादा होता है। समय रहते इसको कंट्रोल में भी किया जा सकता है, ताकि आप स्वस्थ रहें।
मेनोपॉज
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजेन के लो लेवल से छोटी ब्लड वेसल्स में बीमारी विकसित होने या बढ़ने का खतरा काफी रहता है। इस दौरान जरूरी है कि आप अपना ध्यान रखें और अपनी जीवनशैली बेहतर करें।
प्रेग्नेंसी की जटिलताएं

प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज मां में हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ा सकता है। ऐसी गंभीर समस्याएं महिलाओं में हार्ट डिजीज के खतरे को काफी ज्यादा बढ़ाती हैं।
महिलाएं ऐसे बचें हार्ट डिजीज से

कलरफुल फल और सब्जियां, साबुत अनाज जैसे होल व्हीट रोटी, ब्राउन राइस, और दलिया इसके साथ ही लीन प्रोटीन जैसे चिकन, बीन्स, मछली, और फलियां आपके हार्ट के लिए काफी हेल्दी डाइट हैं। इनसे जीवनशैली से जुड़ी हार्ट अटैक और कई तरह तरह बीमारियां जैसे हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, और कोरोनरी आर्टरी डिजीज आदि के होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
नियमित रूप से एक्ससरसाइज करना आपके हार्ट के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। आराम से सब को शुरू करें और फिर धीरे-धीरे अपनी व्यायाम दक्षता बढ़ाते जाएं।
स्मोकिंग और ड्रिंकिंग का जरूरत से ज्यादा सेवन करना आपके हार्ट की हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। इन चीजों से दूर रहें या इनकी मात्रा को कम से कम रखें।
स्ट्रेस आपके हार्ट के हेल्थ के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक साबित होता है। स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान योग और अन्य आरामदायक गतिविधियों को अपनाएं।
40 की उम्र के बाद 5 साल में कम से कम एक बार हार्ट/कार्डियक स्क्रीनिंग करना बेहद जरूरी होता है। यह हार्ट डिजीज का पता लगाने में आपकी खास मदद करता है। जिसके बाद आपको पता होता है कि अपनी जीवनशैली को किस तरह ढ़ालना है।
