इरिटेबल बाउल डिजीज
इरिटेबल बाउल डिजीज

Overview:

कब्ज, अपच, ब्लोटिंग आदि से अधिकांश लोग पीड़ित रहते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इस बात को नहीं जानते हैं कि पेट की ये आम सी परेशानियां आपकी आंखों को भी खराब कर सकती हैं।

बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, खराब खान-पान, टेंशन आदि सभी का असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है। ऐसे में पेट से संबंधित बीमारियां होना बहुत ही कॉमन हैं। कब्ज, अपच, ब्लोटिंग आदि से अधिकांश लोग पीड़ित रहते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इस बात को नहीं जानते हैं कि पेट की ये आम सी परेशानियां आपकी आंखों को भी खराब कर सकती हैं। जी हां, पेट की समस्याएं इरिटेबल बाउल डिजीज यानी आईबीडी का कारण बन सकती हैं। आइए जानते हैं क्या है इरिटेबल बाउल डिजीज और कैसे होगा इससे बचाव।

इरिटेबल बाउल डिजीज यानी आईबीडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट यानी जीआई ट्रैक्ट में सूजन आने लगती है।
Irritable bowel disease is a condition in which the gastrointestinal tract becomes inflamed.

इरिटेबल बाउल डिजीज यानी आईबीडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट यानी जीआई ट्रैक्ट में सूजन आने लगती है। यह ट्रैक्ट पाचन तंत्र का मार्ग है, जिससे भोजन मुंह से गुजरता है। आईबीडी आमतौर पर दो प्रकार का होता है। पहला, अल्सरेटिव कोलाइटिस और दूसरा क्रोहन डिजीज। ये दोनों ही स्थितियां आंखों के रोगों से संबंधित है।  

क्रोहन डिजीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो जीआई ट्रैक्ट के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। चिंताजनक बात यह है कि ये बीमारी किसी भी उम्र के शख्स को प्रभावित कर सकती है। आमतौर पर यह बचपन या युवावस्था में ही शुरू हो सकती है। इसलिए इसके शुरुआत लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी होता है। क्रोहन डिजीज के कारण आंतों की परतों को भी नुकसान होने लगता है। जिससे एंटीजन नामक एक टॉक्सिक पदार्थ ब्लड सर्कुलेशन में लीक होकर मिलने लगता है। यह टॉक्सिक पदार्थ इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर शरीर में सूजन का कारण बन सकते हैं। इससे आंखों पर भी सूजन आने लगती है।

अल्सरेटिव कोलाइटिस यानी यूसी भी आंखों को प्रभावित कर सकता है। इसमें कोलोन और मलाशय में सूजन आने लगती है। इसके कारण मुख्य रूप से स्किन और आंखों पर सूजन आ जाती है। यह आपकी आंतों को भी बहुत ज्यादा प्रभावित करता है।  

पाचन तंत्र की खराबी से आंखों की कई परेशानियां प्रभावित कर सकती हैं।

एपिस्क्लेराइटिस की स्थिति में आंखों का ​सफेद हिस्सा यानी स्क्लेरा प्रभावित होता है। उसमें सूजन के साथ रेडनेस आने लगती है। आंतों में भी सूजन आ जाती है। हालांकि एपिस्क्लेराइटिस में दर्द नहीं होता है।  

एपिस्क्लेराइटिस का एक गंभीर रूप है स्केलेराइटिस। इसमें भी आंखों के स्क्लेरा में सूजन और रेडनेस आ जाती है, जिसमें तेज दर्द होता है। यह दर्द रात के समय बढ़ सकता है। कभी—कभी आंखों से पानी आने और धुंधला दिखने की समस्या भी हो सकती है।

जब आंखों की मध्य परत यानी यूविया में सूजन आती है तो इसे यूवा​इटिस कहा जाता है। इसमें आंखों में सूजन के साथ रेडनेस आने के साथ दर्द होता है। हालांकि यह बहुत गंभीर स्थिति नहीं होती।

इसमें आंख का कॉर्निया प्रभावित होता है। कई बार इसमें इंफेक्शन इतना बढ़ जाता है कि तेज दर्द भी होने लगता है। इस स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।  

आईबीडी के समाधान के लिए इसके शुरुआती लक्षण पहचानना जरूरी है। इसमें आंखों में सूजन, ड्राइनेस और रेडनेस आने लगती है। रात के समय धुंधला दिख सकता है। कई बार पीड़ित शख्स लाइट की ओर नहीं देख पाता। आंखों से लगातार पानी आता है।  

आईबीडी का सबसे कारगर उपचार है संतुलित आहार पर पूरा ध्यान देना। आप हमेशा पोषक तत्वों और फाइबर से भरी हुई डाइट लें। दिनभर में पर्याप्त पानी का सेवन करें। एक्सरसाइज से भी आईबीडी की परेशानी दूर होने में मदद मिलती है। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...