Eye Twitching: आंख का फड़कना एक आम समस्या है लेकिन कई बार इसे शुभ और अशुभ घटनाओं से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि महिलाओं की सीधी आंख फड़कना अशुभ होता है और धन-धान्य की हानि होती है। वहीं बाईं आंख फड़कने से घर में शुभ समाचार और सुख-समृद्धि आती है। लेकिन ऐसा नहीं है। आंख का फड़कना आंखों की मांसपेशियों के आसपास की जगह में गड़बड़ी होने के कारण होता है।
आमतौर पर हमारी आंख लंबे समय तक या महीनों तक घूमती रहती है जिसकी वजह से आंखों की मांसपेशियों को आराम नहीं मिल पाता जिसके कारण थकी हुई मांसपेशियां फड़कने लगती हैं। कई बार शरीर में किसी तरह के न्यूट्रिशन की कमी के कारण भी आंख फड़कने लगती है या धुंधला दिखाई देने लगता है। इसके लिए कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके कारण और उपचार के बारे में।
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थकान

तनाव या नींद की कमी के कारण आंखों के आसपास की नसें शिथिल होने लगती हैं। ये थकान भी अक्सर आंखों के फड़कने के लिए जिम्मेदार होती है। इसके अलावा लगातार स्क्रीन पर देखना या मानसिक रूप से व्यस्त रहने से भी आंखों की मांसपेशियों पर असर पड़ता है।
कैफीन और अल्कोहल
चिकित्सकों का मानना है कि अत्यधिक कैफीन और अल्कोहल का सेवन भी आंखों के फड़कने का कारण बन सकता है। अगर आप इनका अधिक सेवन कर रहे हैं तो इससे कटौती करना फायदेमंद हो सकता है।
ड्राय आईज
उम्र के साथ ड्राय आईज की समस्या होने लगती है। आंखों का सूखना उन लोगों में भी आम है जो लगातार कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, लेंस पहनते हैं, दवाएं लेते हैं या शराब का सेवन करते हैं। ड्राय आईज की वजह से भी आंख फड़कने लगती है और कई बार उसमें दर्द भी होता है।
एलर्जी
जिन लोगों की आंख में एलर्जी होती है उनको भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है। जब आंखों को रगड़ा जाता है तो उसमें से एंटीहिस्टामाइन निकलते हैं जो आंखों में आंसू का कारण बनते हैं। एंटीहिस्टामाइन भी आंखों के फड़कने का कारण बन सकता है।
न्यूट्रिशन की कमी
मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण भी आंखें फड़कने लगती हैं। इसके अलावा यदि आप सही डाइट या पौष्टिक चीजों का सेवन नहीं कर रहे हैं तो भी आपको आंख फड़कने की समस्या हो सकती है।
आंख फड़कने की समस्या से ऐसे पाएं छुटकारा

– प्रतिदिन सात घंटे से अधिक सोने की सलाह दी जाती है क्योंकि जब आप इस अवधि से कम सोते हैं तो इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। पर्याप्त नींद न लेने पर आंख पर असर पड़ता है और वह फड़कने लगती है।
– आंखों में हमेशा नमी बनाएं रखें। ड्राय आईज होने से आंखों में ऐंठन होने लगती है। आंखों की नमी को बनाए रखने के लिए आप एक कटोरी में गुनगुना पानी लें और उसमें दो बड़े चम्मच शहद डाल लें। कॉटन की सहायता से चेहरे और आंख पर लगाएं। फिर पोंछ लें। इससे आंखों पर प्रभाव पड़ता है और वह नम बनी रहती है।
– जब आपकी आंखें एलर्जी, धुंए, प्रदूषण, धूल के कण और डिटर्जेंट जैसे रसायनों से प्रभावित होती हैं वह फड़कने लगती हैं। ऐसे में आंखों में कुछ बूंद डालने से आराम मिल सकता है। साथ ही आंखों की जलन और फड़कना भी कम हो जाता है।
