आहार, पोषण एवं स्वच्छता के बीच के लिंक को समझें
सही आहार से हमें पोषण मिलता है, जिससे हमारा शरीर सही से काम करता है। ऐसे में हाइजीन यानि स्वच्छता भी जरुरी है। आहार, पोषण एवं स्वच्छता के बीच के लिंक के बारे में जानें।
Diet, Nutrition and Hygiene: हमारे जीवन की बेसिक जरूरतों में भोजन भी शामिल है। फूड में पोषक तत्व होते हैं जो हमारे बॉडी टिश्यूज के ग्रो होने, रिपेयरिंग और मेंटेनेंस के लिए जरूरी है। इसके साथ ही शरीर की जरूरी प्रक्रियाओं के लिए भी यह आवश्यक है। यह न्यूट्रिएंट्स यानी पोषक तत्व शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं जिससे शरीर को काम करने में आसानी होती है। यह एनर्जी कैलोरीज में परिवर्तित होती है। इन पोषक तत्वों में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फैट्स और मिनरल्स आदि शामिल हैं। जब बात फूड की आती है, तो स्वच्छता यानी हायजिन भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। खाने को खाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह फूड खाने के लिए सुरक्षित है या नहीं। नहीं तो, हम कई समस्याओं का सामना कर सकते हैं। आइए जानें आहार, पोषण एवं स्वच्छता के बीच में क्या लिंक है। लेकिन, सबसे पहले जानते हैं पोषण के बारे में विस्तार से।
पोषण क्या है?
पोषण यानी न्यूट्रिशन फूड की वो स्टडी है, जिसे हम खाते हैं और जो हमारी हेल्थ को प्रभावित करता है। यह तो हम जानते ही हैं कि न्यूट्रिशन और न्यट्रीशियस डाइट का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। न्यूट्रिएंट्स वो सब्सटांस होते हैं, जो फूड्स में होते हैं जिसका इस्तेमाल हमारा शरीर ग्रो होने, रीप्रोड्यूज और सर्वाइव करने के लिए करता है। भोजन से प्राप्त किए जाने वाले मुख्य न्यूट्रिएंट्स इस प्रकार हैं:
प्रोटीन
प्रोटीन ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए जरूरी है। इसके साथ ही यह शरीर के टिश्यूज को रिपेयर करने, ऑक्सीजन को कैरी करने, खाने को पचाने और हॉर्मोन्स को रेगुलेट करने के लिए मददगार है। मीट, फलियां, नट्स, सीफूड और अंडे इसका अच्छा स्त्रोत हैं।
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कार्बोहाइड्रेट्स
कार्बोहाइड्रेट्स का इस्तेमाल एनर्जी के लिए होता है। कार्बोहाइड्रेट युक्त फूड को खाने बाद हमारा शरीर इसे ग्लूकोज में ब्रेक-डाउन कर देता है, जिसका इस्तेमाल सेल्स एनर्जी के रूप में करते हैं। चावल, फल, दूध, आलू आदि से आप इसे प्राप्त कर सकते हैं।
फैट्स
फैट्स का इस्तेमाल एनर्जी को स्टोर करने, अंगों को प्रोटेक्ट करने, सेल ग्रोथ को सपोर्ट करने और शरीर के न्यूट्रिएंट्स को एब्जॉर्ब करने में होता है। फैट्स दो प्रकार के होते हैं सेचुरेटेड और अनसेचुरेटेड फैट्स। अनसेचुरेटेड फैट्स ऑइल, मेवे, सीड्स, एवोकाडो आदि में होते हैं।
विटामिन्स
बी विटामिन्स हमारे शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है जिनमें वसा से एनर्जी रिलीज करने से लेकर प्रोटीन को तोड़ने और शरीर में ऑक्सीजन व अन्य पदार्थों का ट्रांसपोर्टेशन आदि शामिल है। विटामिन ए विजन, ग्रोथ, रीप्रोडक्शन और इम्युनिटी के लिए महत्वपूर्ण है। ब्लड वेसल्स, मसल्स और कोलेजन आदि को बनाने के लिए विटामिन सी की जरूरत होती है। विटामिन डी हड्डियों को बनाने और उन्हें हेल्दी बनाने के लिए फायदेमंद है। विटामिन के ब्लड क्लॉट्स बनाने और हड्डियों के निर्माण के लिए आवश्यक प्रोटीन बनाने में मदद करता है।
मिनरल्स
मिनरल के कुछ प्रकारों के बारे में आपके सुना होगा, जैसे पोटेशियम का इस्तेमाल किडनी, हार्ट, मसल्स और नर्वस सिस्टम को सही से काम करने के लिए किया जाता है। कैल्शियम का प्रयोग हड्डियों को दांतों को बनाने के लिए किया जाता है। सोडियम नर्वज और मसल्स को काम करने के लिए जरूरी है। जिंक इम्युनिटी सिस्टम और मेटाबॉलिज्म फंक्शन के लिए फायदेमंद है। इसी तरह से अन्य मिनरल्स के भी अपने-अपने फायदे हैं।
पानी
पानी हमारे शरीर के काम करने के लिए जरूरी है, क्योंकि हमारा शरीर 60 प्रतिशत पानी से बना है। इसके साथ ही इससे शरीर का तापमान सामान्य रहता है, रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा होती है, शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं। पानी के और भी बहुत से फायदे हैं।
संक्षेप में कहा जाए तो आहार में मौजूद न्यूट्रिएंट्स हमारी हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्टडी यह भी बताती हैं कि जो लोग हेल्दी आहार का सेवन करते हैं वो अधिक जीते हैं और उनमें हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे आदि का जोखिम कम होता है।
आहार पोषण एवं स्वच्छता के बीच के लिंक के बारे में जानें
आहार यानी फूड हमारे जीवन का एक बेसिक और आवश्यक हिस्सा है। हवा जिसमे हम सांस लेते हैं और पानी जिसे हम पीते हैं, उसकी तरह ही फूड भी हमारे शरीर के लिए जरूरी है। जिस फूड को हम खाते हैं, उसका हमारा शरीर प्रयोग करता है और यह हमारे शरीर के टिश्यूज की ग्रोथ और मेंटेनेंस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यही नहीं अगर इस फूड में पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स होते हैं, तो इससे हमें अच्छे से और लंबे समय तक जीवित रहने में मदद मिलती है। यही नहीं, इससे बीमारियों का जोखिम भी कम होता है।
सही न्यूट्रिशन न केवल डेफिशियेंसी डिजीज से बचाव के लिए जरूरी है बल्कि इससे गंभीर बीमारियों से भी बचाव होता है। न्यूट्रिशन हमारे शरीर के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना पौधों के लिए पानी। अनहेल्दी आहार से आहार संबंधी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आहार, पोषण और स्वच्छता तीनों के बीच में गहरा संबंध है। खाने बनाते हुए हाइजीन यानी स्वच्छता का ध्यान रहना बहुत जरूरी है। हमारे आहार से हमें पोषण मिलता है और खाने बनाते या खाते हुए स्वच्छता का ध्यान न रखना कीटाणु के फैलने का कारण बन सकता है, जिससे खाने से होने वाली बीमारियां हो सकती हैं। यह फूड-बोर्न डिजीज कई अन्य समस्याओं और मृत्यु का मुख्य कारण है। इन्हीं बीमारियों में से एक है डायरिया। न्यूट्रिशनल आहार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ ही सेफ फूड हैंडलिंग भी जरूरी है। एक बैलेंस्ड डाइट और गुड हाइजीन प्रैक्टिस के साथ यह सब संभव है।
आहार में न्यूट्रिशन और हाइजीन को बनाए रखने के लिए क्या करें?
एनर्जी हमारे लिए एक फ्यूल की तरह काम करती जो कार्बोहायड्रेट, हेल्दी फैट्स और प्रोटीन आदि न्यूट्रिएंट्स के सही बैलेंस से आती है। आहार में न्यूट्रिशन और हाइजीन को बनाए रखने के लिए इन चीजों का ध्यान रखें:
- अधिक से अधिक विभिन्न सब्जियों और फलों का सेवन करें।
- कैल्शियम, कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन युक्त फूड खाएं।
- शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए अधिक से अधिक पानी पीएं। यह जीवन के लिए जरूरी है।
- चीनी युक्त आहार और ड्रिंक्स को लेने से बचें। इससे मोटापा और अन्य समस्याओं का रिस्क बढ़ सकता है।
- खाना बनाने या खाने से पहले हाथों को अवश्य धोएं।
- बाथरूम के इस्तेमाल के बाद हाथों को धोना न भूलें।
- खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तनों, सरफेस और बेंचेस आदि को अच्छे से साफ करें।
- फूड में छींके या खांसने से बचें।
- आहार के क्रॉस कंटैमिनेशन को नजरअंदाज करें। कच्चे और पके हुए खाद्य पदार्थों को अलग रखें।
- बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए खाद्य पदार्थों को सही तापमान पर पकाएं।
- बैक्टीरियल ग्रोथ को रोकने के लिए खाद्य पदार्थों को सही तापमान में रखें।
- बैक्टीरियल के विकास को रोकने के लिए खाद्य पदार्थों को सही समय तक स्टोर करके रखें।
- अगर आपको किसी खाद्य पदार्थ को लेकर शंका हो तो उसे इस्तेमाल न करें।
- किसी चीज से अजीब बदबू आ रही हो, तो भी उसे फेंक देना चाहिए।
- हमेशा चीजों की एक्सपाइरी डेट देख कर ही उसे खरीदें।
- पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें। बोइलिंग मेथड के साथ पानी को उबालें और उसके बाद उसके ठंडा होने के बाद ही उसे पीएं।
FAQ | क्या आप जानते हैं
पोषण क्या है और इसके कितने प्रकार हैं?
न्यूट्रिएंट्स कितने प्रकार के होते हैं?
फूड हाइजीन किसे कहा जाता है?
आहार और पोषण में क्या अंतर है?
पर्सनल हाइजीन क्या है और इसे बनाए रखने के कारण क्या हैं?
-बीमारियों से बचाव
-सोशल और प्रोफेशनल एक्सेप्टेंस
-आत्मविश्वास में बढ़तरी
-दर्द से बचाव
हाइजीन कैसे मेंटेन करें?
-अपने शरीर को रोजाना साफ करें।
-बाथरूम जाने के बाद हाथों को साबुन से धोएं।
-दिन में दो बार ब्रश अवश्य करें।
-जब भी छींकें या खांसी आए, तो अपने मुंह और नाक को टिश्यू से कवर करें।
-पालतू या अन्य जानवरों को हाथ लगाने के बाद हाथ अवश्य धोएं।
पोषण का महत्व क्या है?