Diabetes and Ovulation: डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर कम या अप्रभावी इंसुलिन के कारण ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में असमर्थ हो जाता है। दुनियाभर में 18 करोड़ से ज्यादा लोग टाइप 1 डायबिटीज का शिकार हैं, जिससे युवा भी प्रभावित हो रहे हैं। डायबिटीज से सिर्फ किडनी और आंख ही डैमेज नहीं होते बल्कि महिलाओं में बांझपन का खतरा भी बढ़ जाता है। टाइप 1 डायबिटीज वाली महिलाओं में प्रजनन क्षमता काफी कम हो जाती है। जब पुरुष प्रजनन क्षमता और डायबिटीज के साथ इसके संबंध की बात आती है, तो इसका कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है। हालांकि, ये कई अन्य बीमारियों की शुरुआत का कारण बन सकता है, जो किसी भी प्रजनन क्षमता और गर्भधारण करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज कपल्स के बीच प्रजनन क्षमता को कम कर रहा है।
डायबिटीज महिलाओं में ओव्यूलेशन को कैसे प्रभावित करता है

डायबिटीज डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से गर्भधारण करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। ये कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स को जन्म दे सकता है, जो कपल्स के लिए गर्भधारण करना कठिन बना देता है। इसके अलावा ये ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को बाधित कर सकती है। कुछ स्थितियां ऐसी हैं जिनपर हमें ध्यान देना चाहिए।
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS)
पीसीओएस एक सामान्य स्थिति है जिसमें अंडाशय यानी ओवरी में सिस्ट बनते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन होता है। ये स्थिति प्रजनन क्षमता को कम कर सकती है। पीसीओएस वाली महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर अधिक होता है, इस स्थिति को हाइपरएंड्रोजेनिज्म कहा जाता है। ये पीरियड्स और प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। लाइफस्टाइल में बदलाव करने से बीमारी को दूर करने में मदद मिल सकती है।
एमेनोरिया और ओलिगोमेनोरिया
ओलिगोमेनोरिया अनियमित पीरियड को बढ़ावा देता है जो 35 दिनों या उससे अधिक अंतराल तक हो सकता है। यदि पहले आपके पीरियड नियमित हो रहे हैं, लेकिन छह महीने से पीरियड नहीं आया है, तो ये सेकेंडरी एमेनोरिया का लक्षण हो सकता है। देर से पीरियड होना या न होना टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज से जुड़ा हुआ है। वजन कम होना और पीसीओएस होना दोनों ही इस बीमारी को बढ़ावा दे सकता है।
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प्रारंभिक मेनोपॉज

प्रारंभिक मेनोपॉज या प्रजनन अंगों में गिरावट, 40 वर्ष से पहले होती है। ये एक स्थिति है जिसे प्रीमेच्योर ओवेरियन फेलियर कहा जाता है। ये तब होता है जब डायबिटीज के प्रारंभिक चरण में एक महिला की एस्ट्रोजन की प्राकृतिक आपूर्ति समाप्त हो जाती है। ये टाइप 1 डायबिटीज पीरियड साइकिल को बढ़ा सकता है और समय से पहले मेनोपॉज का कारण भी बन सकता है।
जन्म दोष
डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में ग्लूकोज का स्तर अधिक होता है, जो भ्रूण की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और बर्थ एब्नॉर्मलिटीज को बढ़ाता है।
एंडोमेट्रियल कैंसर
गर्भाशय में होने वाला एक प्रकार का कैंसर एंडोमेट्रियल कैंसर है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में इसके होने की संभावना अपेक्षाकृत अधिक होती है। एंडोमेट्रियल कैंसर अक्सर उन महिलाओं को होता है जिन्होंने कभी बच्चे को जन्म नहीं दिया हो और ये कभी-कभी ओवेरियन कैंसर से भी जुड़ा होता है।
डायबिटीज को कैसे रोकें

– डायबिटीज को रोकने के लिए जरूरी है कि लाइफस्टाइल में परिवर्तन किया जाए।
– अपने ब्लड शुगर लेवल की नियमित रूप से निगरानी करें और इसका रिकॉर्ड रखें।
– हेल्दी डाइट प्लान लें।
– नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करें।
– डायबिटीज में मीठा खाने से बचें।
– स्ट्रैस और एंग्जाइटी को मैनेज करें।
– स्मोकिंग करना छोड़ दें और अल्कोहल से दूरी बना लें।
– गर्मी के मौसम में हाइड्रेटेड रहें।
– डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए वजन को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है।
– पोर्शन कंट्रोल करें ताकि ओवरईटिंग से बचा जा सके।
