चाइल्डहुड ल्यूकेमिया क्या है, यहां जानिए
वयस्कों की तरह बच्चों को भी ब्लड कैंसर हो सकता है। इसे चाइल्डहुज ल्यूकेमिया कहा जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में-
Childhood Leukemia : बच्चों को होने वाले ब्लड कैंसर को चाइल्डहुड ल्यूकेमिया (Childhood Leukemia) कहा जाता है। चाइल्डहुड ल्यूकेमिया बच्चों और टीनएज में काफी आम है। इस कैंसर की वजह से सफेद ब्लड सेल्स अनियमित रूप से बढ़ने लगते हैं। चाइल्डहुड ल्यूकेमिया की स्थिति में अस्थि मज्जा में असामान्य रूप से सफेद रक्त कोशिकाएं बनने लगती हैं। बच्चों में ब्लड कैंसर जानकर आपको जितना दुख महसूस हो रहा होगा, उतनी ही खुशी की यह बात है कि इसका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं बच्चों में ब्लड कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव के टिप्स क्या हैं?
इन कारणों से बच्चों में बढ़ती है ब्लड कैंसर की संभावना
फिलहाल इसपर अधिक रिसर्च की आवश्यकता है कि बच्चों में ल्यूकेमिया के मामले किन कारणों से बढ़ता है। हालांकि, कुछ ऐसी चीजें हैं, जिसकी वजह से बच्चों में ब्लड कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, ध्यान रखें कि इनमें से किसी एक चीज के होने का मतलब यह नहीं है कि बच्चे को ल्यूकेमिया हो जाएगा। वास्तव में, ल्यूकेमिया वाले अधिकांश बच्चों में कोई ज्ञात जोखिम कारक नहीं होते हैं।
- ली-फ्रामेनी सिंड्रोम, डाउन सिंड्रोम या क्लाइनफेल्टर सिंड्रोमजैसे विरासत में मिलने वाले विकार के कारण बच्चों में ल्यूकेमिया का खतरा बढ़ सकता है।
- विरासत में मिली प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या जैसे- एटैक्सिया टेलैंगिएक्टेसिया के कारण बच्चों को ब्लड कैंसर होने की संभावना होती है।
- अगर किसी के भाई या फिर बहन को ब्लड कैंसर है, तो हो सकता है कि दूसरे बच्चे को भी यह हो। मुख्य रूप से जुड़वा बच्चों में इस तरह की संभावना अधिक होती है।
- उच्च स्तर के विकिरण, कीमोथेरेपी या बेंजीन जैसे केमिकल के संपर्क में आने के कारण भी ब्लड कैंसर होने की संभावना होती है।
- अंग प्रत्यारोपण या फिर किसी तरह की प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर के कारण भी ब्लड कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आपके बच्चों में ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर की संभावना अधिक है, तो नियमित रूप से उनकी जांच कराएं, ताकि समय पर इसका पता चल सके और समय पर बच्चे का इलाज शुरू किया जा सके। किसी भी समस्या का जल्द पता लगाने के लिए नियमित जांच करानी चाहिए।

चाइल्डहुड ल्यूकेमिया (बच्चों में ब्लड कैंसर) के प्रकार
चाइल्डहुड ल्यूकेमिया के लगभग सभी मामले तीव्र यानी एक्यूट होते हैं। इसका अर्थ यह है कि ये काफी तेजी से विकसित होते हैं।
- एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL) – इसे तीव्र लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया भी कहा जाता है। बच्चों को होने वाले ब्लड कैंसर में हर 4 में से 3 मामले एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया का ही होता है।
- एक्यूट माइलोजेनस ल्यूकेमिया (एएमएल) – यह बच्चों में होने वाला दूसरा सबसे आम ब्लड कैंसर है।
- हाइब्रिड या मिश्रित वंशावली ल्यूकेमिया – यह एक दुर्लभ ल्यूकेमिया है, जिसमें सभी और एएमएल दोनों की विशेषताएं हैं।
- क्रोनिक माइलोजेनस ल्यूकेमिया (CML) – सीएमएल के मामले काफी दुर्लभ होते हैं।
- क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (सीएलएल) – सीएलएल बच्चों में बहुत दुर्लभ है।
- जुवेनाइल माइलोमोनोसाइटिक ल्यूकेमिया (JMML) – यह एक दुर्लभ प्रकार का ल्यूकेमिा है, जो न तो अधिक क्रोनिक है और न ही एक्यूट।

बच्चों में ब्लड कैंसर के लक्षण
बच्चों में ब्लड कैंसर के लक्षण दिखने पर तुरंत उन्हें डॉक्टर से संपर्क की जरूरत होती है। अगर आपके बच्चों में चाइल्डहुड ल्यूकेमिया के लक्षण दिख रहे हैं तो इस बीमारी को समय पर पहचानना आसान हो जाता है। समय पर ब्लड कैंसर के निदान से अधिक सफल इलाज हो सकता है। बच्चों में ल्यूकेमिया के कई संकेत और लक्षण नजर आ सकते हैं।
- बच्चों को काफी ज्यादा थकान महसूस होना
- स्किन का रंग पीला नजर आना
- संक्रमण और बुखार होना
- बिना वजह ब्लीडिंग होना
- अत्यधिक थकान या कमजोरी
- सांस लेने में कठिनाई
- खांसना, इत्यादि।

बच्चों में ब्लड कैंसर के अन्य लक्षणों जटिल लक्षण
- हड्डी या जोड़ों में दर्द होना
- पेट, चेहरे, बाहों, अंडरआर्म्स, गर्दन के किनारों या कमर में सूजन आना
- कॉलरबोन के ऊपर सूजन होना
- भूख न लगना या वजन कम होना
- सिरदर्द, अटैक, संतुलन की समस्या या असामान्य दृष्टि
- उल्टी करना और स्किन पर रैशेज होना
- मसूड़ों की समस्या, इत्यादि।

बच्चों में ब्लड कैंसर का निदान कैसे किया जाता है?
चाइल्डहुड ल्यूकेमिया का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले बच्चे का पूरा चिकित्सा इतिहास जानने की कोशिश करेगा। इसके अलावा कुछ शारीरिक परीक्षण भी किए जा सकते हैं। अगर उन्हें ल्यूकेमिया की आशंका होती है, जो वे कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं, जैसे-
ब्लड सेल्स की संख्या जानने के लिए डॉक्टर बच्चों का ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे सकता है।
बच्चों में ब्लड कैंसर के निदान की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर बोन मैरो एस्पिरेशन (अस्थि मज्जा) और बायोप्सी कराने की सलाह दे सकता है। यह आमजौर पर पेल्विक की हड्डी से ली जाती है। इसके अलावा कुछ अन्य प्रमुख टेस्ट की सलाह दे सकता है।
चाइल्डहुड ब्लड कैंसर का कैसे किया जाता है इलाज?
बच्चों के ब्लड कैंसर का इलाज कराने के लिए आपको सबसे पहले डॉक्टर की टीम और उनके अन्य सदस्यों से अच्छे से बात करने की जरूरत है। बच्चों के ब्लड कैंसर का इलाज मुख्य रूप से ल्यूकेमिया के प्रकार के साथ-साथ अन्य बातों पर भी निर्भर करता है। चाइल्डहुड ब्लड कैंसर का इलाज वयस्क कैंसर की तुलना में बेहतर तरीके से किया जा सकता है। इसका कारण बच्चों का शरीर अक्सर उपचार को बेहतर तरीके से सहन करता है।

उपचार से पहले तैयारी
कैंसर का उपचार शुरू होने से पहले कभी-कभी बच्चे को बीमारी की जटिलताओं से अवगत कराने की कोशिश की जाती है, ताकि इलाज के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो। उदाहरण के लिए, रक्त कोशिकाओं में परिवर्तन से संक्रमण या गंभीर रक्तस्राव हो सकता है और यह शरीर के ऊतकों तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा भी प्रभावित हो सकती है।

कीमोथेरेपी
कीमोथेरेपी चाइल्डहुड ल्यूकेमिया का मुख्य उपचार माना जाता है। इस थेरेपी में आपके बच्चे को मुंह, शिरा या स्पाइनल फ्लूइड में एंटी-कैंसर ड्रग दी जाती हैं। कीमोथेरेपी से ल्यूकेमिया का पूरा इलाज करने के लिए लगभग 2 या 3 साल लग जाते हैं। इस दौरान चिकित्सा साइकल के रखरखाव पर जोर देने की आवश्यकता होती है।

टार्गेटेड थेरेपी
चाइल्डहुड ल्यूकेमिया की कुछ स्थिति में टार्गेटेड थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं के विशिष्ट भागों को लक्षित करती है, जो मानक कीमोथेरेपी से अलग तरीके से काम करती हैं। इस थेरेपी के काफी कम दुष्प्रभाव देखे गए हैं।

रेडियो-विकिरण थेरेपी
अन्य प्रकार के उपचार में रेडियोथेरेपी भी शामिल है। इस थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने और ट्यूमर को सिकोड़ने का कार्य किया जाता है। इसमें उच्च-ऊर्जा विकिरण का उपयोग होता है। यह शरीर के अन्य भागों में ल्यूकेमिया के प्रसार को रोकने या उसका इलाज करने में भी मदद कर सकता है।
बच्चों को भी ब्लड कैंसर हो सकता है। ऐसे में उनके लक्षणों पर ध्यान दें, मुख्य रूप से अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति का कैंसर से जुड़ा इतिहास रहा है तो अपने बच्चों के शरीर में हो रहे बदलाव को नजरअंदाज न करें। ध्यान रखें कि समय पर ब्लड कैंसर का निदान होने पर इसका बेहतर और सही उपचार संभव है।