Sangmeshwar Mahadev Mandir: सावन का महीना चल रहा है। इस महीने में सबसे ज्यादा शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। सबसे ज्यादा लोग सावन में देश प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में जानना और वहां दर्शन करने जाना पसंद करते हैं। कई शिव मंदिर बेहद प्रसिद्ध है जहां की मान्यता भी काफी ज्यादा है। पुराणों के मुताबिक जब समुद्र मंथन हुआ था, उसके बाद हलाहल विष समुद्र से बहार आया था। ऐसे में महादेव ने उसे अपने कंठ में धारण कर सृष्टि का बचाव किया था। कहा जाता है कि इस दौरान भगवान शिव को विष के जलन से बचाने के लिए नाग देवता उनके कंठ से लिपट गए थे। इसी के बाद से महादेव और नाग देवता का बंधन गहरा हो गया और हर मंदिरों में महादेव की पूजा नाग देवता के साथ ही की जाने लगी।
आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां नाग देवता खुद महादेव के दर्शन करने के लिए हर सावन में आते हैं। जी हां यह मंदिर हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र में पिहोवा के पास अरूणाय गांव में स्थित है। इस मंदिर का नाम संगमेश्वर महादेव मंदिर है। यहां दूर-दूर से लोग भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा है। मंदिर की अद्भुत वास्तुकला लोगों को आकर्षित करती है। अरुणा और सरस्वती नदी के संगम स्थल पर यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर में स्थापित महादेव के शिवलिंग को संगमेश्वर महादेव के नाम से पूजा जाता है।
संगमेश्वर महादेव मंदिर की मान्यता

मान्यताओं के मुताबिक महर्षि वशिष्ठ के श्राप से बचने के लिए सरस्वती नदी ने इस मंदिर आराधना की थी। जिसके बाद से महादेव की पूजा अर्चना का चलन शुरू हुआ। यह मंदिर बेहद चमत्कारी है। स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया है कि संगमेश्वर महादेव मंदिर में हर साल सावन के सांप का जोड़ा खुद महादेव के दर्शन करने के लिए आते हैं। खास बात यह है कि सांप का जोड़ा संगमेश्वर मंदिर में महादेव के दर्शन के लिए आता है। सांप का जोड़ा कुछ देर तक शिवलिंग के इर्द-गिर्द लिपटकर थोड़ी में वापस चला जाता है। इस दौरान भक्तों की काफी ज्यादा भीड़ मंदिर में देखने को मिलती है। यह सिलसिला पिछले कई सालों से जारी है।
हालांकि अभी तक यह कोई भी पता नहीं लगा पाया कि सांप का जोड़ा कहां से आता है और कहां वापस लौट जाता है। क्योंकि मंदिर के बाहर किसी को भी साफ नजर नहीं आता है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर में आने वाले सांप के जोड़े ने कभी भी किसी को नुकसान तक नहीं पहुंचाया है। वह सिर्फ महादेव के दर्शन करने कुछ देर के लिए आते हैं। अगर इस सावन आप भी संगमेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो आपको बता दें यह मंदिर अंबाला रोड के पिहोवा से लगभग 6 किलोमीटर दूर अरणाय गांव में स्थित है।
ऐसे पहुंचें संगमेश्वर महादेव मंदिर
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आप बस के माध्यम से आसानी से जा सकते हैं। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तो भी आप ऐसे जा सकते हैं। इसके अलावा आप टैक्सी से भी इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं। इस मंदिर में सावन के महीने में काफी ज्यादा भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। सबसे ज्यादा लोग महादेव के जलाभिषेक के लिए आते हैं। खास बात यह है कि नेता मंत्रियों और राजनेताओं का आना-जाना भी इस मंदिर में लगा रहता है। वहीं भक्त नाग देवता का महादेव के दर्शन करने आने का इंतजार सावन के महीने में बेसब्री से करते हैं।