भगवान शंकर त्रिदेवों में से एक है और देश भर के कोने-कोने में वह पूजे जाते हैं। देश के विभिन्न राज्यों में उनके कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जिनकी अपनी एक अलग महत्ता है। इन्हीं महादेव मंदिर में से एक गोवा में भी स्थित है। वैसे तो गोवा का नाम सामने आते ही बीचेस या फिर चर्च आदि का ख्याल मन में आता है। लेकिन गोवा में स्थित महादेव का मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसे तांबडी सुरला महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर गोवा की कैपिटल पणजी से लगभग 65 किलोमीटर दूर है। यह बेहद ही प्राचीन मंदिर है। इसकी महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गोवा में कदंब और यादव शासनकाल की स्मृति के रूप में स्थित है। तो चलिए जानते हैं गोवा में स्थित इस प्राचीन महादेव मंदिर के बारे में-

कंदब यादव वंश की स्मृति के रूप में है स्थापित

तांबडी सुरला मंदिर की विशेषता यह है कि यह कदंब यादव वंश की वास्तुकला की स्मृति के रूप में स्थित है। गोवा में स्थित यह महादेव मंदिर बेहद ही प्रसिद्ध है और पूर वर्ष यहां पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। वहीं शिवरात्रि के दिन यहां का नजारा बस देखते ही बनता है। बता दें कि तांबडी सुरला मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था और 10वीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी के दौरान गोवा के इस स्थान पर कदंब वंश का शासन था और यही कारण है कि इस मंदिर में कंदब वास्तुकला की छाप देखने को मिलती है।

इसलिए भी है खास

गोवा के तांबडी सुरला महादेव मंदिर को एक चीज जो उसे सबसे अलग व खास बनाती है, वह यह है कि यह गोवा का अकेला ऐसा मंदिर है, जो मुस्लिम आक्रमण और पुर्तगाली आक्रमण के बाद भी ध्वस्त नहीं हुआ। दरअसल, गोवा में मुस्लिम आक्रमण और पुर्तगाली आक्रमण से पहले कई मंदिर हुआ करते थे। वास्तव में पुर्तगाली आक्रमण से पहले यह एक हिंदू बहुल इलाका हुआ करता था। लेकिन इन आक्र्रमणों के कारण गोवा के मंदिरों को क्षति हुई और इस तरह कई मंदिर पूरी तरह से नष्ट हो गए। लेकिन तांबडी सुरला महादेव मंदिर इन आक्रमणों से पूरी तरह अछूता रहा।

मंदिर की वास्तुकला

वहीं अगर मंदिर की वास्तुकला की बात की जाए तो इस मंदिर को बेहतरीन किस्म की बेसाल्ट चट्टानों द्वारा निर्मित किया गया है। इस मंदिर का आकार गोवा के अन्य मंदिरों की अपेक्षा काफी छोटा है। इस मंदिर में कंदब शैली की वास्तुकला देखने को मिलती है। मंदिर में एक छोटा मंडप हैं, जिसमें भगवान शिव की सवारी अर्थात् नंदी की प्रतिमा स्थित है। मंदिर में भगवान शिव की स्थापना तो की गई है, लेकिन इसके अलावा यहां पर ब्रह्मा और विष्णु की प्रतिमाएं भी स्थित है। इस मंदिर में आपको कदंब राजतंत्र के प्रतीक चिन्ह के रूप में हाथी का चित्रण भी देखने को मिलेगा। वैसे इस मंदिर की एक विशेषता यह है कि इसका गुंबद का निर्माण पूरा नहीं हो सका था। जिसके कारण यह मंदिर पूरी तरह से नहीं बन पाया। साथ ही मंदिर का मुख पूर्व दिशा में है, जिससे सूर्य की पहली किरण की रोशनी इस मंदिर पर पड़ती है।

कहां है स्थित

अगर आप गोवा में हैं और इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि यह गोवा की राजधानी पणजी से करीबन 65 किलोमीटर दूर है। तांबडी सुरला मंदिर से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेहद फेमस तांबडी सुरला वॉटरफॉल स्थित है। यह मंदिर तांबडी सुरला नामक एक छोटे से गांव में स्थित है और शायद गांव के नाम पर ही इस मंदिर को नाम दिया गया है।

यह भी पढ़ें –ककनमठ मंदिर- भगवान शिव का वह मंदिर जो कभी पूरा नहीं बन पाया

धर्म -अध्यात्म सम्बन्धी यह आलेख आपको कैसा लगा ?  अपनी प्रतिक्रियाएं जरूर भेजें। प्रतिक्रियाओं के साथ ही  धर्म -अध्यात्म से जुड़े सुझाव व लेख भी हमें ई-मेल करें-editor@grehlakshmi.com