Phobia: हम सभी किसी ना किसी चीज से अवश्य डरते हैं। कुछ हद तक मन में डर का भाव होना सामान्य है, लेकिन जब यह हमारे मन-मस्तिष्क पर हावी होने लगता है और हमारे जीवन को प्रभावित करने लगता है तो इसे फोबिया कहा जाता है। ’फोबिया’ शब्द ग्रीक शब्द ’Phobos’ से उत्पन्न हुआ है। फोबिया का अर्थ है, किसी चीज़् का डर। किसी चीज का फोबिया होने पर व्यक्ति को अपनी लाइफ को सामान्य रूप से जीने में कठिनाईयों का अनुभव करना पड़ता है। जिस तरह हर व्यक्ति अलग होता है, ठीक उसी तरह उसका डर भी भिन्न हो सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम फोबिया के विभिन्न प्रकार, उसके कारण व लक्षणों पर चर्चा करेंगे-
फोबिया के क्या कारण है ?

डर के मन पर हावी होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
- जिनके परिवार में किसी को एंग्जाइटी डिसऑर्डर की शिकायत होती है, उनके बच्चों को फोबिया होने का खतरा कई गुना बढ़ा जाता है
- अगर बचपन में बच्चों को जरूरत से ज्यादा डांटा-फटकारा जाता है, तो इससे उनके बालमन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और इससे भी उन्हें फोबिया हो सकता है।
- जेनेटिक कारणों की वजह से भी आप फोबिया के शिकार हो सकते हैं।
- कभी-कभी मानसिक तनाव देने वाली घटनाएं, जैसे किसी करीबी की मृत्यु हो जाना भी फोबिया को जन्म दे सकता हैं।
- कुछ मेडिकल समस्याओं का इलाज करवा रहे लोग भी फोबिया के शिकार हो सकते हैं।
फोबिया के लक्षण क्या है ?

फोबिया सामान्य डर से थोड़ा अलग होता है और इसलिए जब किसी व्यक्ति को फोबिया होता है तो उसके कुछ लक्षण होते हैं। इन लक्षणों की मदद से आसानी से फोबिया का पता लगाया जा सकता है। जैसे-
- मुंह सूखना।
- दिल की धड़कन का बहुत तेज होना
- पेट में मरोड़ उठना
- कुछ समय के लिए बोलती का बंद हो जाना
- ब्लड प्रेशर का कम होना या बढ़ जाना।
- हाथ पैरों में कंपकपी होना।
फोबिया के प्रकार

फोबिया के कारण और लक्षण जानने के बाद अब इसके प्रकार के बारे में भी हम विस्तार से चर्चा करेंगे। बता दें कि फोबिया कई प्रकार का होता है। जिसमें से कुछ प्रमुख फोबिया कुछ इस प्रकार हैं-
- एगोरोफोबिया
- डिस्मॉर्फोफोबिया
- स्पेक्ट्रोफोबिया
- अब्लूटोफोबिया
- ग्लोसोफोबिया
- एवियोफोबिया
- हीमोफोबिया
- एक्रोफोबिया
- निक्टोफोबिया
एगोरोफोबिया क्या है ?

यूं तो भीड़ भाड़ की जगहों पर जाना हम में से बहुत ही कम लोग पसंद करते हैं किन्तु जो लोग एगोरोफोबिया से पीड़ित होते हैं, वह भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बिल्कुल भी नहीं जा सकते हैं। उन्हें ऐसी जगहों पर जाने में बहुत अधिक डर लगता है। ऐसे लोग घर में रहना अधिक पसंद करते हैं । इस फोबिया के मरीजों को कभी-कभी ऐसा भी लग सकता है कि भीड़ भाड़ वाले एरिया में कोई उन पर हमला कर सकता है, जिससे वह बच नहीं पाएंगे।
डिस्मॉर्फोफोबिया क्या है ?

डिस्मॉर्फोफोबिया फोबिया का शिकार व्यक्ति अपनी बॉडी व फिगर को लेकर बहुत अअधिक चिंतित रहता है। खुद को परफेक्ट बनाने के लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हो जाता हैं। ऐसे लोग हमेशा ही खुद को मोटा समझते हैं और इस चक्कर में वह हमेशा ही अपना वजन घटाने में लगे रहते हैं। लेकिन उनका वजन इस हद तक घट जाता है कि उन्हें कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर लोग इस फोबिया को गंभीरता से नहीं लेते और ना ही इसका इलाज करवाते हैं, जिसकी वजह से कई बार उनकी जान तक चली जाती है।
स्पेक्ट्रोफोबिया क्या है ?

स्पेक्ट्रोफोबिया एक बेहद ही अजीब तरह का डर है, जिसमें व्यक्ति को शीशा देखने में ही डर लगता है। ज्यादा हॉरर मूवीज देखने वाले लोग अक्सर इस फोबिया के शिकार हो जाते हैं। उन्हें शीशे में परछाई दिखाई देने लगती है जो उनके शीशे से डर का कारण बन जाती है।
अब्लूटोफोबिया क्या है ?

सफाई और हाइजीन का ख्याल रखने की आदत को यकीनन काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन जो लोग अब्लूटोफोबिया के शिकार होते हैं, उनके मन में सफाई को लेकर एक अजीब सी सनक होती है। ऐसे व्यक्ति सफाई को लेकर कुछ ज्यादा ही परेशान रहते हैं। वे हमेशा साफ़-सफाई के बारे में सोचते रहते हैं। ऐसे लोग को बार-बार हर छोटे काम के बाद हाथ धोने व नहाने का मन करता है। इस तरह उन्हें कई तरह की अन्य समस्याएं भी हो जाती हैं।
ग्लोसोफोबिया क्या है ?

ग्लोसोफोबिया को आम भाषा में परफॉर्मेंस एंग्जाइटी भी कहा जाता है। इससे परेशान लोगों को जब स्टेज पर या फिर अन्य लोगों के सामने परफार्म करना होता है, तो उनका एंग्जाइटी लेवल बहुत अधिक बढ़ जाता है, जिसे उनकी बॉडी लैंग्वेज से भी पहचाना जा सकता है। ऐसे लोग भीड़ भाड़ की जगहों पर बोलने से बहुत कतराते है।
एवियोफोबिया क्या है?

एवियोफोबिया के पीड़ित व्यक्ति को हवाई जहाज में बैठने और ट्रेवल करने से डर लगता है। ऐसे मरीज़ को हवाई जहाज में बैठते ही घबराहट होने लगती है और तरह-तरह के नेगेटिव ख्याल उनके मन में आते हैं। उंचाई से गिरने का एक अजीब सा भय ऐसे व्यक्ति के दिमाग में हमेशा बना रहता है। ऐसे लोग बहुत जरूरी होने पर भी प्लेन में ट्रेवल करने से बचते हैं।
हीमोफोबिया क्या है ?

खून देखकर तो हम सभी डर जाते है परन्तु हेमोफोबिया से परेशान व्यक्ति खून से इतना डरते है कि खून देखते ही उन्हें कुछ होने लगता है। इतना ही नहीं, कभी कभी तो लाल रंग का कोई भी लिक्विड उन्हें बहुत परेशान कर देता है।
एक्रोफोबिया क्या है ?

इस फोबिया के शिकार व्यक्ति को ऊंचाई से डर लगता है। एक्रोफोबिया के मरीज को पहाड़ों पर जाने, बहुमंजिली इमारतों में उपर की मंजिलो में रहने और पैराग्लाइडिंग जैसे एक्टिविट्स करने में डर लगता है। ऐसे व्यक्ति को हमेशा ही लगता है कि अगर वह ऊंचाई पर होंगे तो वह नीचे गिर जाएंगे और मर जाएंगे। एक्रोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति को कभी-कभी नींद में भी ऊंचाई से गिरने जैसा आभास होता है।
निक्टोफोबिया क्या है ?

निक्टोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति अंधेरे से डरते हैं। ऐसे लोग रात में भी अंधेरे में नहीं सो सकते, उन्हें कुछ हद तक रोशनी की आवश्यकता होती है। आमतौर पर, इस डर की शुरूआत बचपन में होती है और उम्र बढ़ने के साथ साथ इस डार का स्तर भी बढ़ता चला जाता है और निक्टोफोबिया का रूप ले लेता है।
