Cancer Symptoms for Women: कैंसर किसी सैल्स के असामान्य तरीके से बढ़ने की एक बीमारी है। हमारे शरीर की सैल्स कंट्रोल से बढ़ती हैं। जब नॉर्मल सैल्स को नुकसान पहुंचता है या सैल्स पुरानी हो जाती हैं, तो वे डैमेज हो जाती हैं और उनकी जगह स्वस्थ सैल्स बनने लगती हैं। कैंसर में सैल्स के विकास को कंट्रोल करने वाले सिंबल ठीक से काम नहीं करते हैं जिससे कैंसर की सैल्स बढ़ती रहती हैं और रुकने की जगह पर कई गुना बढ़ जाती हैं। कैंसर सैल्स स्वस्थ सैल्स की तरह नहीं होती हैं। महिलाओ में कैंसर की बीमारी आज के समय में ज्यादा होती जा रहीं है।
कई महिलाओं में स्त्री रोग से संबंध कैंसर का पता चलता है, जिसमें युटेरस कैंसर, ओवेरियन का कैंसर, युटेरस ग्लैंड्स का कैंसर और स्तन कैंसर शामिल हैं। हर साल बहुत सारी महिलाएं कैंसर की चपेट में आती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कैंसर के लक्षणों का पता नही होता हैं और महिलाएं उस पर इतना ध्यान भी नहीं देती है। अगर कैंसर के लक्षणों का समय के रहते पता चल जाए तो इलाज कराने में आसानी हो सकती है।आइए जानते हैं महिलाओ के कैंसर के कुछ लक्षण जिनका हर महिला को पता होना चाहिए।
स्तनों में बदलाव

स्तनों में बदलाव होने पर भी कैंसर की समस्या पाई जा सकती है। शेविंग करते समय नहाते समय जैसे सामान्य काम को करते समय इसका पता लगाया जा सकता है। इस तरह की कैंसर पुरुषों में नहीं होती है। स्तन के आस पास की गांठ से सावधान रहें। स्तनों के निप्पल में बदलाव होना आपके स्तनों की दिखावट में बदलाव और आपके स्तनों की स्किन में परिवर्तन पर ध्यान देना जरूरी है। अगर आपको इनमे से कुछ भी बदलाव महसूस हो तो अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
पेशाब आना

अगर आपने ज्यादा पानी भी नहीं पिया है या फिर आप प्रेगनेंट भी नहीं हैं, फिर भी आपको यूरिन का प्रेशर महसूस होता रहता है या बार-बार पेशाब करने का मन का होना इसका एक सिंबल हो सकता है कि आपको यूरिन का कैंसर हो। अगर ऐसा है तो अपने डॉक्टर से सलाह लेकर टैस्ट कराए।
एंडोमेट्रियल कैंसर
एंडोमेट्रियल कैंसर ज्यादातर रोगियों में अनियमित ब्लड फ्लोटेशन होता है। अगर आपको पहले से ही पीरियड्स आ चुके है, तो किसी भी ब्लड के आने पर यहां तक कि स्पॉटिंग की भी टेस्ट करानी चाहिए। वहीं अगर अभी तक आपको पीरियड्स का अनुभव नहीं हुआ और आपको ब्लड फ्लोटेशन हो रहा है या पीरियड्स के बीच में ज्यादा ब्लड फ्लोटेशन हो रहा है या फिर सेक्स करते समय ब्लड फ्लोटेशन हो रहा है, तो अपने डॉक्टर को दिखाएं। यह योनि या युटेरस ग्लैंडस के कैंसर का लक्षण भी हो सकता है।
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बिना कारण वजन घटना
अगर कोई एक्सरसाइज भी नहीं करती हैं या बिना कोई कोशिश किए आपका वजन लगातार कम हो रहा है तो आपको चैकअप कराना चाहिए। यदि आपको भूख कम लग रही है या शरीर में थकान महसूस हो रही है तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। आपको डाक्टर से सलाह जरुर लेनी चाहिए।
लगातार खांसी या आवाज बैठ जाना

अगर आपको एक महीने से अधिक समय तक खांसी है या दो सप्ताह से अधिक समय तक गला बैठा हुआ है तो फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है। आपको इसके लिए टैस्ट कराने चाहिए।
आंत या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन: आंत्र या पेशाब की आदतों में कोई बदलाव महसूस करती हैं, जैसे कब्ज, दस्त या फिर पेशाब करने में परेशानी होना, तो यह कोलोरेक्टल के कैंसर का संकेत हो सकता है।
