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best flour
Buckwheat flour or water chestnut flour which is best

Best Flour For Health: नवरात्रि का व्रत रखने वालों के लिए कुट्टू का आटा या सिंघाड़े का आटा, ये दो विकल्प हमेशा ही तैयार रहते हैं। आमतौर पर लोग व्रत में इन्हीं दो आटो का सेवन करते हैं। इसको खाते समय ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि इन दोनों आटे में बेहतर कौन सा है?

स्वास्थ्य के लिहाज से इनमें बेहतर कौन सा है, ये जानना भी जरूरी है, ताकि आप अपनी सेहत के हिसाब से अपने लिए आटे का चुनाव कर सकें। तो चलिए इन दोनों की खासियत जानते हैं और अपने लिए बेस्ट चुनते हैं-

तिकोना फल

कुट्टू का आटा, एक खास तरह के पौधे बकवीट के फल से बनता है। इस फल को पीस कर ही कुट्टू का आटा बनाया जाता है। यही आटा काफी टेस्टी लगता है और व्रत रखने वालों का सहारा बनता है।

Buckwheat flour
Buckwheat flour in a wooden bowl, buckwheat in the bag, buckwheat flower on the background of wooden boards

हर तरह का पोषण

कुट्टू के आटे में तकरीबन हर तरह का पोषण शामिल होता है, जैसे मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज और फासफोरस। इसमें मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस करने में मदद करता है।

सिंघाड़े का आटे में पोषण

  सिंघाड़े का आटा, सिंघाड़े के फल को सुखाकर बनाया जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी व सी, आयरन, कैल्शियम,प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे मिनरल्स होते हैं जो इसे हेल्दी बनाते हैं। इसके सेवन से दिल से जुड़े रोग, गठिया, अल्सर आदि में आराम मिलता है।  

जब घटाना हो वजन-

व्रत के दौरान वजन घटाने के बारे में अक्सर ही लोग सोचते हैं। लेकिन इसके लिए कौन सा आटा चुनें कुट्टू का या सिंघाड़े का? तो जवाब ये रहा। ये दोनों ही आटे वजन घटने के नजरिए से अच्छे हैं। जहां 75 प्रतिशत कॉम्‍प्‍लेक्‍स कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के साथ कुट्टू का आटा कम कैलोरी वाला होता है वहीं, सिंघाड़े के आटे में फाइबर खूब होता है, जिससे भूख कम लगती है।

थायराइड का इलाज भी

खासतौर पर सिंघाड़े के आटे से थायराइड की समस्या भी दूर हो सकती है। इस आटे में कॉपर और राइबोफ्लेविन होते हैं जो थायराइड को बैलेंस रखते हैं। इसके अलावा इसे खाने से मिनरल, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट शरीर में भरपूर रहते हैं। इस आटे को खाने से ऊर्जा भी काफी ऊपर रहती है।

गॉल ब्लैडर की पथरी का खतरा नहीं

कुट्टू के आटे से गॉल ब्लैडर का खतरा कम हो जाता है। इसमें चुकीं प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है इसलिए ये गॉल ब्लैडर की पथरी और कोलेस्ट्रॉल, दोनों को बढ़ने से रोकता है। दरअसल इसके सेवन से शरीर में बाइल एसिड बनता है और पथरी बनना कम हो जाती है।

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