Arthritis जिसे गठिया भी कहा जाता है, आज के समय में एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। कुछ समय पहले तक अर्थराइटिस केवल बड़ी उम्र के लोगों को प्रभावित करता था, लेकिन आज के समय में कम उम्र के लोग भी इस रोग से ग्रस्त होने लगे है। यह जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न का कारण बनता है। अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को बहुत अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। अमूमन लोग अर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए तरह-तरह की दवाईयां व मेडिकल ट्रीटमेंट भी करवाते हैं। लेकिन इसके साथ-साथ यह भी जरूरी है कि आप अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें।
दरअसल, खानपान का हमारी ओवर ऑल हेल्थ पर एक व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसलिए अगर आप अपने खान-पान को ही ठीक कर लें तो इससे काफी हद तक स्वास्थ्य समस्याओं से निजात मिल सकती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकते हैं-
अर्थराइटिस के लिए खाएं लहसुन

लहसुन को यूं तो आहार में तड़के के रूप में शामिल किया जाता है। यह खाने के स्वाद को बढ़ाता है। लेकिन इसके एंटी-इनफ्लेमेटरी प्रभावों के कारण अर्थराइटिस के रोगियों के लिए यह बेहद लाभदायक है। यह गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। वास्तव में, कुछ शोधों से पता चला है कि लहसुन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करने के लिए कुछ प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कार्य को बढ़ा सकता है। इसलिए, आप अपनी डेली डाइट में लहसुन का इस्तेमाल अवश्य करें।
अर्थराइटिस के लिए पीएं ग्रीन टी

ग्रीन टी को पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट में उच्च माना जाता है और इसमें सूजन को कम करने की क्षमता होती है। जानवरों पर किए गए अध्ययनों में यह भी पाया गया कि यह रूमेटोइड गठिया की घटनाओं और गंभीरता को कम करने में मदद कर सकता है। आप दिन में दो बार ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। यह वेट लॉस में भी मदद करती है और इससे भी अर्थराइटिस के पेशेंट को कुछ हद तक लाभ मिलता है।
अर्थराइटिस के लिए खाएं चेरी

अध्ययनों से पता चला है कि चेरी अर्थराइटिस अटैक की फ्रीक्वेंसी को कम करने में मदद कर सकती है। शोध से पता चला है कि चेरी में पाए जाने वाले एंथोसायनिन में एंटी-इनफ्लेमेटरी प्रभाव होता है। एंथोसायनिन अन्य लाल और बैंगनी फलों जैसे स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी में भी पाया जा सकता है।
अर्थराइटिस के लिए खाएं अनानास

पाइनेप्पल एक ऐसा फल है, जो खाने में बेहद ही डिलिशियस होता है और इसलिए बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी को अनानास खाना बेहद ही पसंद होता है। लेकिन अर्थराइटिस के रोगियों के लिए यह उतना ही लाभदायक भी है। दरअसल, पाइनेप्पल में ब्रोमेलिन पाया जाता है, जो एक बेहद ही पावरफुल एंटी-इनफ्लेमेटरी की तरह काम करता है। इस तरह यह गठिया में होने वाले जोड़ो के दर्द व सूजन से राहत दिलाने में मददगार होता है।
अर्थराइटिस के लिए खाएं डेयरी प्रोडक्ट

दूध, दही और पनीर जैसे लो फैट डेयरी प्रोडक्ट कैल्शियम और विटामिन डी से भरे होते हैं, ये दोनों ही हड्डियों की मजबूती को बढ़ाते हैं। कैल्शियम के अब्जार्बशन के लिए विटामिन डी आवश्यक है। साथ ही साथ यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाने में मददगार है। आप कोशिश करें कि डेयरी प्रोडक्ट को किसी ना किसी रूप में अपनी डाइट में शामिल अवश्य करें।
अर्थराइटिस के लिए खाएं ब्रोकली

ब्रोकली का सेवन अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बेहद ही लाभदायक माना गया है। यह विटामिन के और सी से भरपूर होता है। इतना ही नहीं, इसमें सल्फोराफेन नामक एक यौगिक भी होता है, जो ऑस्टियोआर्थराइटिस की प्रगति को रोकने या धीमा करने में मदद कर सकता है। ब्रोकली में कैल्शियम की भी प्रचुर मात्रा होती है, जो हड्डियों के निर्माण और उसे मजबूत करने में मददगार साबित हो सकती है।
अर्थराइटिस के लिए खाएं हल्दी

हल्दी कई मायनों में बेहद गुणकारी मानी गई है। खासतौर से, अगर आप अर्थराइटिस से पीड़ित है तो खाने व दूध में आपको हल्दी का सेवन अवश्य करना चाहिए। दरअसल, हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है। जिसमें हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं। अगर आप इसका सेवन करते हैं तो इससे ना केवल दर्द में राहत मिलती है, बल्कि आपकी बॉडी भी तेजी से हील होना शुरू हो जाती है।
अर्थराइटिस के लिए खाएं नट्स

सभी नट्स में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जबकि इसमें एनिमल प्रोटीन के विपरीत कोलेस्ट्रॉल नहीं होते हैं। इतना ही नहीं, नट्स फाइबर का भी एक अच्छा स्त्रोत हैं और इसलिए अगर आप अर्थराइटिस से पीड़ित है तो ऐसे में अपनी मसल्स की स्ट्रेन्थ को बढ़ाने के लिए आप नट्स का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, अपने आहार में सोडियम की मात्रा को सीमित करने के लिए अनसाल्टेड नट्स चुनें।
अर्थराइटिस के लिए ऑयल्स

आप अपने खाने में किस ऑयल का इस्तेमाल करते हैं, यह भी बेहद अहम होता है। कुछ लोग वेजिटेबल ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कोशिश करें कि आप कैनोला और जैतून का तेल खाने के लिए इस्तेमाल करें। इसमें ओमेगा -3 और ओमेगा -6 एसिड का अच्छा संतुलन होता है, दोनों ही आवश्यक फैटी एसिड होते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि जैतून के तेल में ओलियोकैंथल नामक एक घटक में एंटी-इनफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इतना ही नहीं, यह हार्ट हेल्थ के लिए भी विशेष रूप से अच्छा माना जाता है।
