Papaya Tea for Arthritis
Papaya Tea for Arthritis Credit: Istock

Papaya Tea For Arthritis: गठिया या अर्थराइटिस एक ऐसी समस्‍या है जो किसी भी उम्र में हो सकती है और असहनीय ज्‍वॉइंट्स पेन का कारण बन सकती है। अर्थराइटिस इनदिनों एक सामान्‍य समस्‍या के रूप में अपने पैर पसार रही है। शरीर में कैल्शियम की कमी और यूरिक एसिड की अधिक मात्रा की वजह से ये समस्‍या पनपती है। गठिया के असहनीय दर्द से छुटकारा पाने के लिए आपने कई तरह की देशी और विदेशी दवाओं का सेवन किया होगा लेकिन कुछ समय बाद ये दर्द वापस आ जाता है। यदि आप गठिया के दर्द से हमेशा के लिए राहत पाना चाहते हैं तो दादी मां की पपीते की चाय आजमा सकते हैं। ये चाय सिर्फ गठिया के दर्द से ही नहीं बल्कि कई समस्‍याओं का रामबाण इलाज है। तो चलिए जानते हैं दादी मां के पपीते की चाय की रेसिपी के बारे में।

क्‍या है पपीते की चाय

What is papaya tea
What is papaya tea

चाय तो आपने कई प्रकार की पी होंगी लेकिन क्‍या आपने कभी पपीते की चाय ट्राय की है। पपीते की चाय हेल्‍थ के लिए बेहद लाभदायक होती है, खासकर अर्थरा‍इटिस यानी गठिया के मरीजों के लिए। ये चाय मुख्‍य रूप से पपीते के पत्‍तों और गूदे से तैयार की जाती है। जो शरीर में मौजूद यूरिक एसिड की मात्रा और जोड़ों की सूजन को कम करने का काम करती है। पपीते को अर्थरा‍इटिस के लिए सबसे अच्‍छी प्राकृतिक औषधि माना जाता है। इसमें मौजूद विटामिन- ए, सी,ई व बी और एंजाइम्‍स सूजन, दर्द और खिचाव की समस्‍या को कम कर सकते हैं।

पपीते की चाय के फायदे

पाचन तंत्र के लिए लाभदायक: पपीते की पत्तियों की चाय पाचन संबंधित समस्‍याओं को जड़ से खत्‍म कर सकती है। इस चाय में पपेन नामक एंजाइम होता है जो आंतों में प्रोटीन को तोड़ने में मदद करता है। इसके सेवन से गैस, अपच और कब्‍ज से छुटकारा मिल सकता है।

लिवर को करे डिटॉक्सिफाई: लिवर शरीर का सबसे महत्‍वपूर्ण अंग है और पपीते की चाय इसे डिटॉक्‍सिफाई करने में मदद कर सकती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्‍सीडेंट और विटामिन ई हानिका‍रक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

प्‍लेटलेट्स बढ़ाए: पपीते की पत्तियों की चाय डेंगू के इलाज में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। ये प्‍लेटलेट्स बढ़ाकर गंभीर समस्‍याओं से बचा सकती है।

ज्‍वॉइंट्स पेन में राहत: पपीते की चाय एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है जो पुरानी सूजन के कारण हो रहे ज्‍वॉइट्स पेन, गठिया, हार्ट डिजीज और ऑटोइम्‍यून डिजीज को ठीक कर सकती है।

कैसे बनाएं पपीते की चाय

सामग्री: एक कप पानी, 180 ग्राम पपीता और पत्‍ते , 1 ग्रीन टी बैग 

विधि: सबसे पहले गैस पर पानी गर्म करने के लिए रखें। फिर इसमें कटे हुए पपीते के टुकड़े और पत्‍ते डालें। पानी को 5 मिनट तक उबलने दें और फिर गैस बंद करके चाय को 10 मिनट के लिए ढक कर रख दें। इसके बाद एक कप में पानी छाने और उसमें ग्रीनटी बैग डालकर चाय बनाएं। चाय को हॉट सर्व करें।

कैसे और कितनी मात्रा में करें सेवन 

How and in what quantity should it be consumed
How and in what quantity should it be consumed

पपीते की चाय को दिन में एक बार सोते समय पिया जा सकता है। इसका अत्‍यधिक सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए एक से दो बार से ज्‍यादा इसका सेवन न करें। साथ ही ध्‍यान रखें कि खाली पेट इसका सेवन न करें।

इन बातों का रखें ध्‍यान

– गठिया की समस्‍या होने पर पपीते की चाय का सेवन लाभदायक हो सकता है।

– पपीते की चाय का सेवन दिन में एक बार से ज्‍यादा न करें।

– अधिक दर्द या समस्‍या होने पर चिकित्‍सक से संपर्क करें।

– पपीते की चाय गर्म होती है इसलिए अधिक प्रयोग से बचें।

– चाय में किसी प्रकार की मिठास को शामिल न करें।