Maternal Nutrition Importance: गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) और स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) के दौरान मां और बच्चे के हेल्थ की दृष्टि से मातृत्व पोषण बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान महिलाओं की पोषण संबंधी जरूरतें भी काफी बढ़ जाती हैं क्योंकि उनके शरीर को बढ़ते भ्रूण को सपोर्ट करना होता है और साथ ही, स्तनपान के दौरान नवजात के लिए पोषक तत्वों से भरपूर दूध की आवश्यकता को भी पूरा करना होता है। ऐसे में मां का स्वास्थ्य सुनिश्चत करने और हेल्दी डेवलपमेंट के लिए आहार संबंधी चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए।
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गर्भावस्था के दौरान पोषण
डॉ तृप्ति रहेजा, लीड कंसल्टेंट – ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनीकोलॉजी, सी के बिरला® हॉस्पीटल, दिल्ली का कहना है प्रेग्नेंसी के दौरान संतुलित और पोषण से भरपूर डायट शिशु और मां दोनों की हेल्थ के लिए बहुत मायने रखती है। इस दौरान, फॉलिक एसिड, कैल्शियम तथा प्रोटीन का सेवन करना बेहद जरूरी होता है। फॉलिक एसिड, जो कि पत्तेदार सब्जियों और फॉर्टिफाइड अनाजों में मौजूद होता है, गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इससे न्यूरल ट्यूब संबंधी विकारों से बचाव होता है। आयरन का सेवन करने से मां के शरीर में खून की भी पर्याप्त मात्रा बनी रहती है जिससे एनीमिया से बचाव होता है, जो कि अन्यथा प्रेग्नेंसी के महीनों में सबसे आम चिंता रहती है। इसी तरह, कैल्शियम से शिशु की हड्डियों और दांतों के विकास में मदद मिलती है जबकि प्रोटीन का सेवन भ्रूण के मस्तिष्क समेत अन्यटिश्यू (ऊतकों) की ग्रोथ के लिए जरूरी होता है।
गर्भवती की खुराक में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को शामिल करने से मां एवं शिशु दोनों को स्वास्थ्य की दृष्टि सेजरूरी विटामिन तथा मिनरल्स मिलते हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं को खुद को हाइड्रेट भी रखना चाहिए और अपनी कैलोरी सेवन को भी मैनेज करना चाहिए ताकि उनका वजन बहुत अधिक न बढ़े और साथ ही, प्रेग्नेंसी में ऊर्जा संबंधी अधिक मांग भी पूरी हो।
स्तनपान के दौरान पोषण
स्तनपान कराने की अवधि में मां की पोषण संबंधी आवश्यकताएं अधिक होती हैं क्योंकि मां की खुराक का सीधा असर स्तन के दूध पर पड़ता है। स्तनपान कराने वाली मांओं को एक्सट्रा कैलोरीज़ की जरूरत होती है और उन्हें अपनी खुराक में साबुत अनाज, फलों, सब्जियों, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट्स आदि को शामिल करना चाहिए। इनसे शरीर को जरूरी पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, डी, बी12, तथा ओमेगा-3 फैटी एसिड्स मिलते हैं, जो कि शिशु के विकास, मस्तिष्क विकास और इम्यून सिस्टम के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
स्तनपान कराने वाली मांओं को संतुलित भोजन पर विशष रूप से ध्यान देना चाहिए जिससे उनके नवजातों को तो पर्याप्त पोषण मिलता ही है और वे खुद भी प्रसव के बाद शीघ्र स्वास्थ्यलाभ कर पाती हैं और उनका एनर्जी लेवल भी बना रहता है। इसी तरह, शरीर में पानी की पर्याप्त भी जरूरी है क्योंकि स्तन में दूध निर्माण के लिए अतिरिक्त तरल पदार्थों की भी भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण होती है।
गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान पोषण को प्राथमिकता देना मां और शिशु दोनों की हेल्थ के लिए जरूरी होता है। जब गर्भवती महिला सोच-समझकर खानपान चुनती है, तो ऐसा कर वह अपने भ्रूण/शिशु के विकास के लिए सही चुनाव करती है और साथ ही, अपनी हेल्थ और वैल-बींग भी बरकरार रख पाती हैं।
