Overview:ब्लड में छुपा 'साइलेंट किलर'-कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया कोलेस्ट्रॉल और बीपी से भी खतरनाक खतरा
यह कहानी हमारे खून में छुपे एक अदृश्य खतरे के बारे में है, जिसे डॉक्टर ‘साइलेंट किलर’ कहते हैं। ये छोटे प्लास्टिक कण धमनियों में जमा होकर दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और रक्त प्रवाह की समस्याएँ बढ़ा सकते हैं। हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल जैसी पारंपरिक समस्याओं से भी यह अधिक खतरनाक है। रोज़मर्रा की आदतें बदलकर, हेल्दी खाना, साफ पानी और व्यायाम से इससे बचा जा सकता है।
Hidden Heart Threat: हमारे ब्लड में एक अदृश्य और खतरनाक खतरा छिपा हुआ है, जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यह खतरा न तो कोलेस्ट्रॉल है और न ही उच्च रक्तचाप, बल्कि यह है – Blood Arteries में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण। हाल ही में किए गए शोधों में यह पाया गया है कि ये प्लास्टिक कण धमनियों में जमा होकर दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकते हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर है कि इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जा रहा है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. डिमिट्री यारानो ने इस खतरे को लेकर चेतावनी दी है और इसे कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप से भी अधिक खतरनाक बताया है।
इन सूक्ष्म प्लास्टिक कणों का रक्त में प्रवेश हमारे दैनिक जीवन की आदतों और पर्यावरणीय प्रदूषण के कारण हो सकता है। यह कचरा हमारे शरीर में प्रवेश करता है और रक्तवाहिनियों में जमा होकर सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और अन्य हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करता है। यह स्थिति दिल की धमनियों को कमजोर करती है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
इसलिए, यह आवश्यक है कि हम इस अदृश्य खतरे के प्रति जागरूक हों और इसे कंट्रोल करने के उपायों पर विचार करें। इस लेख में हम इस ‘साइलेंट किलर’ के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके प्रभावों को समझेंगे और इससे बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे।
प्लास्टिक कण हमारे खून में कैसे पहुँचते हैं

हम रोज़मर्रा के जीवन में प्लास्टिक का बहुत इस्तेमाल करते हैं – पानी की बोतलें, पैकेजिंग, खाने-पीने के पैकेट और प्लास्टिक के बर्तन। इन चीज़ों से बहुत छोटे‑छोटे प्लास्टिक के कण हमारे शरीर में धीरे‑धीरे पहुँच जाते हैं। ये कण खून में जाकर arteries में जमा हो जाते हैं और वहां इंफ्लामेशन और स्ट्रेस पैदा करते हैं। यानि ये चीज़ें धीरे‑धीरे हमारे हार्ट और पूरे शरीर के लिए खतरनाक बन सकती हैं।
arteries पर प्लास्टिक के कणों का असर

जब ये छोटे कण arteries में जम जाते हैं, तो उनकी walls कमजोर हो जाती हैं। इससे arteries में सूजन और stress पैदा होता है, जो उन्हें हार्ड और नैरो कर देता है। ब्लड फलो ठीक से नहीं हो पाता, और धीरे‑धीरे यह दिल की arteries में रुकावट का कारण बन सकता है। इसका नतीजा यह है कि दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है।
सूजन और शरीर पर असर
खून में ये कण सिर्फ arteries को ही प्रभावित नहीं करते, बल्कि पूरे शरीर में सूजन और स्ट्रेस पैदा करते हैं। इससे हमारे कई अंग प्रभावित हो सकते हैं और दिल की arteries कमजोर हो जाती हैं। जब रक्त ठीक से नहीं बहता और arteries में रुकावट होती है, तो दिल की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
पुराने खतरे भूलना खतरनाक
हम अक्सर हाई बीपी या कोलेस्ट्रॉल जैसी चीज़ों पर ध्यान देते हैं और इन्हें ही सबसे बड़ा खतरा मान लेते हैं। लेकिन ये छोटे प्लास्टिक कण इन जोखिमों से भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। खासकर उन लोगों के लिए जिनकी पहले से ही हाई बीपी या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है। इसलिए इस छुपे खतरे के बारे में जागरूक रहना और अलर्ट रहना बहुत ज़रूरी है।
बचाव के आसान तरीके
इस ‘साइलेंट किलर’ से बचने के लिए हमें अपनी रोज़मर्रा की आदतों में थोड़ा बदलाव करना होगा। सबसे पहले प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें। पानी हमेशा साफ और सेफ सोर्स से पिएँ। अपने खाने-पीने में हेल्दी और ताज़ा चीज़ें शामिल करें। इसके अलावा रोज़ हल्का‑फुल्का व्यायाम करें और तनाव कम करने की कोशिश करें। जागरूक रहना और अपने दिल की देखभाल करना ही इस अदृश्य खतरे से बचने का सबसे आसान तरीका है।
