Summary:तेजी से वजन घटाना है? ट्राई करें मोनो डाइट – लेकिन सोच-समझकर
मोनो डाइट से पाचन सुधरता है और कैलोरी घटती है, मगर पोषण की कमी भी हो सकती है।
Mono Diet for Weight Loss: आज के समय में हर किसी की यही समस्या है कि वजन कैसे घटाएं। पहले के समय में लोग काफी ज्यादा शारीरिक गतिविधि करते थे, जिसकी वजह से वे स्वस्थ रहते थे और उनका वजन भी नहीं बढ़ता था, लेकिन आज के समय में लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण है अनहेल्दी डाइट और कम फिजिकल एक्टिविटी। अगर आपकी भी यही परेशानी है कि आप मोटापे का शिकार हो गए हैं और इससे तुरंत छुट्टी पाना चाहते हैं, तो आप मोनो डाइट अपना सकते हैं। आइए जानते हैं कि मोनो डाइट क्या होता है और इसके क्या फायदे व नुकसान हैं?
क्या होता है मोनो डाइट?

‘मोनो डाइट’ एक ऐसा डाइट प्लान है जिसमें आपको एक ही तरह का फूड कुछ समय के लिए खाना पड़ता है। इस डाइट प्लान का कॉन्सेप्ट एकदम सरल व साधारण है। दरअसल इस डाइट प्लान में आप एक ही प्रकार का फूड पूरे दिन खाते हैं, जिसकी वजह से खाने को पचाने के लिए शरीर को बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। इससे पाचन तंत्र पर भी कम दबाव पड़ता है और खाना आसानी से भी पचता है। साथ ही शरीर बची हुई ताकत को दूसरी चीजों में भी लगाता है।
मोनो डाइट के अलग-अलग प्रकार

फ्रूट मोनो डाइट- इस डाइट प्लान में कोई एक फल जैसे केला, सेब, पपीता, अंगूर या संतरा खाया जाता है।
सब्जी मोनो डाइट- सब्जी मोनो में सब्जी जैसे खीरा, गाजर, पालक, लौकी आदि में से कोई एक शामिल होती है।
ग्रेन मोनो डाइट: ग्रेन मोनो डाइट में एक ही प्रकार के अनाज जैसे ब्राउन राइस, क्विनोआ या ओट्स का सेवन किया जाता है।
प्रोटीन मोनो डाइट: प्रोटीन मोनो डाइट में हाई-प्रोटीन चीजें जैसे अंडा, चिकन, टोफू, या दाल खाई जाती है।
लिक्विड मोनो डाइट: लिक्विड मोनो डाइट में जूस, नारियल पानी व स्मूदी जैसी लिक्विड चीजों का सेवन किया जाता है।
मोनो डाइट के फायदे

- यह शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को बाहर निकाल कर शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है।
- इसमें एक ही तरह का भोजन किया जाता है, जिससे पाचन अच्छा होता है।
- इस डाइट में कम कैलोरी खाने से वजन घटाने में काफी मदद मिलती है।
मोनो डाइट के नुकसान
मोनो डाइट से वजन तो आसानी से कम होता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। दरअसल इसमें एक ही तरह का खाना खाने से शरीर में जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी हो जाती है। अगर बहुत लम्बे समय तक इस डाइट को जारी रखा जाता है तो इससे शरीर कमजोर पड़ जाता है और बोरियत भी होने लगती है, जिसकी वजह से क्रेविंग भी बढ़ती है।
मोनो डाइट इन लोगों को करने से बचना चाहिए

मोनो डाइट कुछ लोगों के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं होता है, खासकर गर्भवती महिलाओं, डायबिटीज के मरीज, लो ब्लड प्रेशर वाले लोग या किसी भी तरह की गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को नहीं अपनाना चाहिए। इसके साथ ही जो लोग बहुत ज्यादा एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी करते हैं, उन्हें भी इस डाइट को अपनाने से बचना चाहिए।
