हेल्दी वेट मेंटेन करें- लिवर से जुड़ी परेशानियों में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली परेशानी है फैटी लिवर। फैटी लिवर होने की वजह ओबेसिटी या सामान्य से थोड़ा भी ज्यादा बढ़ा हुआ वज़न हो सकता है। कोशिश करें कि आपका वज़न आपकी हाइट के अनुरूप ही रहे। वज़न घटाने से लिवर का फैट भी कम होता है।

संतुलित आहार खाएं- अधिक कैलरी वाले मील्स, सैचुरेटेड फैट, रिफान किया हुआ कार्बोहाइड्रेट जैसे व्हाइट ब्रेड, व्हाइट रिफाइन और मैदे से बना पास्ता और चीनी खाने से बचें। कच्चा या कम कुक किया हुआ शेलफिश खाने से भी बचें। फल, सब्जियां, साबुत आनाज, चावल, गेहूं के जरिए खाने में फाइबर शामिल करें। रेड मीट खाएं, डेरी प्रोडक्ट में लो फैट मिल्क और थोड़ा-सा चीज़ खाएं और गुड फैट जैसे वेजिटेबल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, बीज और मछली खाएं। पानी खूब पाएं क्योंकि लिवर को हेल्दी रखने के लिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।

नियमित एक्सरसाइज़ करें।

किसी भी तरह के टॉक्सिन्स से बचें- किसी भी तरह के ज़हरीले पदार्थ लिवर सेल को खराब कर देते हैं। हेयर स्प्रे, स्प्रे पेंट या मच्छर भगाने वाले स्प्रे प्रोडक्ट्स में मौजूद एरोसॉल को सांस में खींचने से बचें। ऐसी चीज़ों का प्रोयोग करते हुए नाक पर मास्क या कपड़ा डाल लें। पेस्टिसाइड, केमिकल्स आदी से दूर रहने की कोशिश करें। धुम्रपान बिलकुल न करें।

अल्कोहल का सेवन सीमा में करें- अल्कोहल युक्त कोई भी ड्रिंक सेहत को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इसका सेवन बहुत कम होना चाहिए। अगर आपको लिवर से जुड़ी कोई भी दिक्कत है तो इसका सेवन बंद कर दें या चिकित्सक से पूछ कर ही इसका सेवन करें।

हमेशा हो सेफ सेक्स- असुरक्षित सेक्स या एक से ज्यादा पार्टनर्स के साथ सेक्स से हेपेटाइटिस बी और सी होने का खतरा बढ़ जाता है।

संक्रमित नीडल से बचें- टैटू बनवाते वक्त, बॉडी पियर्सिंग के समय, ब्लड टेस्ट करवाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि निडल संक्रमित न हो और बिलकुल नया हो।

दवा खाते हुए हमेशा निर्देश का ध्यान रखें- बिना चिकित्सक से जानकारी लिए कोई भी दवा खाना, खुद से एक या दो दवा का गलत कॉम्बिनेशन खाने से या ज्यादा दवा खाने से भी लिवर कमजोर होता है। कोई भी दवा खाते हुए इस बात का ख्याल रखें। पूछे