Benefits of Raw Onion
Benefits of Raw Onion

Summary : प्याज की मोजूदगी स्वाद से परे

स्वाद तो केवल एक वजह है प्याज के थाली में होने की, अगर आप महसूस करेंगे तो वो यह आपको इमोशनल यादों तक भी ले जाएगा...

Benefits of Raw Onion: थाली के एक कोने में रखा कच्चे प्याज का टुकड़ा कुछ अलग ही सुकून देता है। चाहे वो दाल-चावल के साथ हो, कबाब प्लेटर के किनारे सजा हो या फिर गर्म पराठा रोल में लिपटा हो… कच्चा प्याज हमेशा कहीं न कहीं अपनी जगह बना ही लेता है। भारतीय घरों में, खासकर दोपहर या रात के खाने के वक्त, प्याज अक्सर थाली में होता ही है। कई लोग मानते हैं कि ये सिर्फ़ खाने में करारापन (क्रंच) लाने के लिए होता है, लेकिन जिनका बचपन इससे भरी थालियों के साथ बीता है, वो जानते हैं, ये सिर्फ़ स्वाद नहीं… आदत है, परंपरा है और भावनाओं से जुड़ा हिस्सा भी है।

कच्चा प्याज सिर्फ एक ही रूप में नहीं आता। कभी पतली स्लाइस करके उस पर नमक और नींबू डाल दिया जाता है, कभी हरी मिर्च और हरे धनिए के साथ बारीक काटा जाता है, तो कभी मोटे गोल टुकड़ों को सिरके में डुबोकर या पुदीने की चटनी के साथ परोसा जाता है। किसी भी रूप में हो, यह खाने में कुछ “खास” जोड़ देता है। यह तीखे मसालों से भरी करी के स्वाद को बैलेंस करता है, सादा खाने को चटपटा बनाता है, और भोजन को पूरा होने का अहसास कराता है।

अब अगर आप सोच रहे हैं कि कच्चा प्याज सिर्फ स्वाद के लिए होता है, तो जरा रुकिए। इस प्याज़ के पीछे स्वास्थ्य से जुड़ी कई वजहें हैं, जिनकी वजह से ये हर थाली में आम हो गया है।

गर्मियों में जब तापमान 40-45 डिग्री तक पहुंचता है, तब कच्चा प्याज सिर्फ थाली की सजावट नहीं, बल्कि शरीर को ठंडा रखने का देसी उपाय बन जाता है। कहा जाता है कि प्याज शरीर का तापमान संतुलित करता है और लू लगने से बचाता है। इसलिए कई लोग गर्मी में रोटी-प्याज खाते हैं या टिफिन में प्याज जरूर रखते हैं।

Raw onion
Raw onion

प्याज में पानी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसे कच्चा खाने से शरीर को बिना कोशिश के तरलता मिल जाती है। एक तरह से ये खाने के साथ-साथ शरीर को हल्का ठंडा और हाइड्रेटेड रखता है।

कच्चे प्याज में प्रीबायोटिक तत्व होते हैं, जो पेट में अच्छे बैक्टीरिया को मजबूत रखते हैं। अगर आपने कुछ भारी, तला हुआ या मसालेदार खा लिया है तो कच्चा प्याज आपके पाचन तंत्र की चुपचाप मदद करता है।

प्याज में ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं जो इंसुलिन को बेहतर काम करने में मदद करते हैं। अगर आप पराठा, बिरयानी या चावल जैसे भारी और कार्बोहाइड्रेट से भरे खाने के साथ प्याज खा रहे हैं, तो वह आपका ब्लड शुगर भी संतुलित कर रहा होता है। साथ ही, इसके एंटीऑक्सीडेंट खून को पतला करने और रक्तसंचार सुधारने में भी मदद करते हैं।

स्वास्थ्य, आदत और पोषण की बात छोड़ भी दें… कच्चा प्याज खाने को स्वाद से भर देता है। सोचिए, गरम राजमा-चावल खा रहे हों और साथ में नींबू-नमक में डुबोया गया प्याज का टुकड़ा खाएं…क्या वो स्वाद किसी और चीज से मिल सकता है? या फिर बची हुई रोटी में थोड़ा घी लगाकर प्याज की कुछ स्लाइस और हरी चटनी डालकर रोल बना लें… सादा सा खाना, लेकिन दिल को छूने वाला। कच्चे प्याज का तीखापन और ताजगी, खाने को नया जीवन देती है।

कई लोगों के लिए कच्चा प्याज सिर्फ स्वाद या सेहत का हिस्सा नहीं, बल्कि घर की यादों का एक टुकड़ा है। खाने के साथ हाथ से मिलाना, दाल में चावल मिलाकर खाने के बाद किनारे से प्याज उठाकर खाना… ये सब वो चीजें हैं जो हमें बचपन, घर और अपनापन याद दिलाती हैं। कभी पापा थककर ऑफिस से आते थे और चुपचाप खाना खाते हुए प्याज खाते थे। कभी ढाबे की थाली में सबसे पहले प्याज पर हाथ जाता था। कभी घर में सब्जी नहीं बनी, तो अंडा-भुर्जी और प्याज ही डिनर बन गया।​​​​​​​ प्याज कभी बीच में नहीं आता, लेकिन हमेशा साथ होता है।

तो जब अगली बार कोई आपसे पूछे “तुम हर चीज के साथ कच्चा प्याज़ क्यों खाते हो?” तो बस मुस्कुराकर कहिए, “ये सिर्फ क्रंच नहीं है, ये ठंडक है, सेहत है, स्वाद है… और बचपन की यादें भी”।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...