स्टोरी-बच्चों को कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत भी होती है क्या? राधिका ने सवाल तब पूछा जब उनकी सहेली पूजा ने बेटे को ज्यादा तला-भुना खिलाने से मना किया। पूजा का कहना था कि बच्चों को लाड़-प्यार में बहुत ज्यादा या ऐसा खाना भी न खिला दें कि उन्हें कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत हो जाए। पर राधिका का मानना था कि बच्चों को तो सब कुछ खिलाना चाहिए न। हां, ये बात सही है पर पूरी तरह नहीं। अगर आप पौष्टिक खाने का सेवन नहीं करा रही हैं और चाहती हैं कि बच्चा अपने मन का खाकर ही हेल्थी रहे तो आप गलत हैं। कोलेस्ट्रॉल एक ऐसा तत्व है, जो बच्चों को अभी नहीं तो एक उम्र के बाद परेशानी देगा ही। वो अपनी शारीरिक दिक्क्तों से धीरे-धीरे घिरते चले जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि बच्चों के खान-पान पर ध्यान दें, उन्हें उनकी पसंद के चक्कर में कुछ भी खाने देने से बचें। याद रखें, बाहर का खाना या पैकेट वाला खाना कितने भी हेल्थी होने के दावे कर लें लेकिन वो घर के खाने जितने हेल्थी बिलकुल नहीं हो सकते हैं। उसमें ढेर सारा अनहेल्थी ऑयल या दूसरी कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाली चीजें भी होती हैं। इसलिए कोलेस्ट्रॉल की अति से बच्चों को बचाने की आपकी चिंता का हल हम ले आए हैं। बच्चों के खाने में कोलेस्ट्रॉल से दूरी बनाने के लिए क्या कर सकती हैं आप आइए जानें संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज की डाइटीशियन निरुपमा सिंह से-

खाने पर हो नजर-
कोलेस्ट्रॉल एक ऐसा तत्व है जो हर उम्र व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ना बेहद घातक है और इसके बढ़ने या घटने के लिए सीधे तौर पर खाना जिम्मेदार है। इसके लिए रोज की एक्टिविटी भी इसे प्रभावित करती है। मतलब आपका बच्चा कितनी एक्सरसाइज करता है, इस पर भी आपका ध्यान होना चाहिए। इसको आप ऐसे समझिए कि आप कितना खाते हैं और कितना खर्च करते हैं, दोनों जरूरी है। वरना कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमने लगता है और ढेरों बीमारियां आपको परेशान करने को तैयार हो जाती हैं। निरूपमा बताती हैं कि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के हिसाब से एक दिन में 200 एमजी से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल का इनटेक नहीं करना चाहिए। 200 एमजी यानी दो अंडे।
दृश्य और अदृश्य फैट को पहचानें-
कोलेस्ट्रॉल बनता है एक्स्टा फैट से। मतलब शरीर के लिए जरूरी फैट से ज्यादा खा लिया जाए तो यह आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल बन जाता है। फैट को पहचानना भी जरूरी है। जैसे इन्हें दृश्य और अदृश्य के तौर पर भी समझा जा सकता है। दृश्य में आप उन फैट को रख सकती हैं, जिनमें फैट का इस्तेमाल दिख रहा है। जैसे फ्राई पुरी, वहीं अदृश्य में हम चीज, नॉनवेज, मिठाइयों को गिन सकते हैं। कुल मिलाकर बात यह है कि जरूरी नहीं कि आप जानकर ही फैट खाएं, हम कई ऐसी चीजें खा लेते हैं, जिनमें फैट छिपा होता है। तो बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक चीजें खाने के लिए प्रोत्साहित करें और इससे पहले खुद थोड़ी जानकार जरूर बन जाएं।
फाइबर देती हैं न-
क्योंकि फाइबर शरीर में बसे एक्सट्रा फैट को बाहर निकाल देता है इसीलिए निरूपमा कहती हैं कि इसके लिए जरूरी है कि छिल्के वाली दालें खासतौर पर मूंग छिल्का दाल, चोकर वाला आटा और हरी सब्जियां खाने में जरूर शामिल करें। हालांकि अब खाने से यह सब चीजें एक तरह से मानों गायब ही हो गई हैं। इसलिए बच्चों में शुरुआत से ही इन चीजों की आदत डाल देनी चाहिए।
खेलना आएगा काम-
आजकल के समय में बहुत से कारण ऐसे हैं, जिनकी वजह से बच्चे बाहर खेलने ही नहीं जाते और इसकी भरपाई मोबाइल और टेलीविजन से करने की कोशिश की जाती है। जबकि बाहर खेलना बच्चों के लिए मनोरंजन से ज्यादा शारीरिक एक्टिविटी का एक बेहद जरूरी विकल्प है। निरूपमा बताती हैं, देखिए अब समय इतना बदला है कि कोलेस्ट्रॉल, ओबेसिटी या दूसरी किसी बीमारी के इलाज के लिए आए बच्चों को बोलना पड़ता है कि खेलो कूदो। यहां मामला ‘फैट बर्न’ का है। अब नन्हें बच्चों को आप जिम करने तो नहीं भेज सकते हैं। अब के बच्चों में खेल कूद से जुड़ी एक्टिविटी कम हुई हैं। हम जो भी खाते हैं, उसमें से कार्बोहाइडेट अगले दो घंटे में तो प्रोटीन अगले कुछ घंटों में इस्तेमाल हो जात है। पर फैट तक बात पहुंचते-पहुंचते एक्टिविटी ही खत्म हो जाती है जबकि कुछ साल पहले तक ऐसा नहीं था, बड़े-छोटे सभी खूब शारीरिक मेहनत किया करते थे।

मानी हुई है बात-
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में हाल ही में की गई एक स्टडी की माने तो दिल्ली में 19 साल या उससे कम उम्र के 23 प्रतिशत युवाओं को हाई कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत होती है। और 20 की उम्र तक आते-आते यह कोलेस्ट्रॉल लेवल सीमा से आगे निकल जाता है। इसकी वजहों में बिगड़ी हुई दिनचर्या के साथ गलत खानपान और अनुवांशिक कारण भी शामिल थे। उम्र बढ़ने के साथ कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता हुआ स्तर दिमाग तक होने वाले रक्तसंचार को प्रभावित कर सकता है। अगर युवा धुम्रपान करते हैं या ओबेसिटी के शिकार हैं तो वह समय से पहले दिल से जुड़ी बीमारियों से भी ग्रस्त हो सकते हैं। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल और वजन टाइप 2 डाइबटीज को भी दावत देता है।
जरूरी बात-
- कम से कम हफ्ते में पांच दिन एक घंटे के लिए व्यायाम या ब्रिस्क वॉक या फिर स्वीमिंग करने की आदत डालें।
- रेडी टू ईट फूड और प्रोसेस्ड फूड से दूर ही रहें।
- चुकंदर और गाजर आदि के जूस पीना भी फायदेमंद रहेगा।
- करी पत्ता और हैल्दी कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में सहायक होते हैं।
- चोकर वाला आटा भी अच्छा है, यह सीधेतौर पर कोलेस्ट्रॉल कम नहीं करता पर डाइजेस्टिव सिस्टम और मेटाबॉलिस्म को बेहतर करता है।
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