हर बार की तरह एक बार फिर मैं अपने कॉलम कुछ खट्टी कुछ मीठी के ज़रिए आपसे करने जा रही हूं खानपान संबंधी अपने मन की बातों का साझा। इस बार मैं गर्मी की चिलचिलाती धूप में गले और मन को तर कर देने वाली बातें करने वाली हूं। गर्मियों की बात आते ही खानपान में सबसे ज्यादा सूकून देने वाली चीज़ होती है पेय। जी हां, गर्मी की दस्तक होते ही ठंडे पेय पदार्थों की बिक्री बढ़ जाती है और कोल्ड ड्रिंक्स की बल्ले-बल्ले हो जाती है। अपने देसी पेय कोल्ड ड्रिंक्स और बाजार में मौजूद सॉफ्ट एंड कूल ड्रिंक्स के आगे ज़रा फीके पड़ जाते हैं। मैने लोगों को अक्सर परांठा कॉर्नर पर अलग-अलग परांठों के साथ कोल्ड ड्रिंक्स का मजा लेते देखा है। परांठा तो छोडि़ए, कोल्ड ड्रिंक का ट्रेंड तो हर डिश के साथ चल पड़ा है। चिप्स हों तो कोल्ड ड्रिंक, चाइनीज़ हो तो कोल्ड ड्रिंक और पिज्जा तो कोल्ड ड्रिंक्स के बिना गले के नीचे बिल्कुल नहीं उतरता।

अगर मैं अपनी बात करूं तो मुझे कोल्ड ड्रिंक्स खासकर कोला का स्वाद ज्यादा रास नहीं आता। वो लोग जो किसी भी डिश के साथ शीतल पेय का आनंद लेते हैं, उन्हें शायद अहसास नहीं कि यह कितनी नुकसानदेह है। और अगर एहसास भी हो तो क्या फर्क पड़ता है भई, आखिर ट्रेंड भी तो कोई चीज होती है। खैर जो भी हो, अपनी टॉप ड्रिंक मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुशबू वाले कुल्हड़ में मिलने वाली ठंडी-ठंडी लस्सी है। गला भी तर, पेट भी खुश और स्वास्थ्य भी सही रहे। और जब मन करे खट्टे मीठे स्वाद का तो नींबू की शिकंजी का जवाब नहीं। गर्मियां आते ही कभी मोदीनगर वालों की मशहूर शिकंजी के ठेले दिख जाते हैं। ऑफिस आते जाते कभी-कभी केवल नींबू पानी वाली शिकंजी से भी दिल खुश हो जाता है। ये नींबू की अहमियत का ही असर है कि सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियां नींबू का फ्लेवर मार्केट में लेकर उतर गईं। वैसा ही टेस्ट देने की कोशिश भी की, जैसा नींबू की शिकंजी में मिलता है।

यहां नींबू का स्वाद पसंद करने वाले लोग दो हिस्सों में बंट गए हैं। मेहनतकश नींबू शिकंजी को प्राथमिकता देते हैं जबकि कार सवार सॉफ्ट ड्रिंक की तरफ आकर्षित होते हैं। मजे की बात तो यह कि यह उन्हें भी पता है कि कोल्ड ड्रिंक्स के नुकसान हैं लेकिन ट्रेंड है भई। कोल्ड ड्रिंक्स पीने के बाद जो मेरे लिए झेल पाना सबसे मुश्किल होता है वह है उसे पीकर आने वाली डकार। मार्केटिंग के इस दौर में एक मुसीबत और भी है वो है असली-नकली कोल्ड ड्रिंक्स की। हम शॉप पर जाकर बेधड़क गला तर करने लगते हैं, ये जाने बगैर कि प्रोडक्ट असली है या नकली। जनाब, पीएं तो कम से कम इसकी तसल्ली आगे जरूर करें।

क्या आपने कभी सोचा है कि जब हमारे पास इतने सारे अच्छे-अच्छे देसी पेय हैं- नींबू पानी, लस्सी, छाछ, शिकंजी, जलजीरा, आम पना, कांजी, सत्तू, ठंडाई वगैहरा…वगैहरा। ये पेय आपको गर्मी से भी बचाते हैं और पीने में भी काफी मजेदार होते हैं। अगर आप मीठे के दीवाने हैं तो मीठी लस्सी का कुल्हड़ लीजिए। अगर आप नमकीन के दीवाने हैं तो फिर तो मसाला छाछ का मज़ा ले सकते हैं। गर्मी में आपको चिल-पिल रखने के लिए गन्ने के रस वाले भी आपके स्वागत के लिए तैयार रहते हैं। ऐसी दुकानें आपके गली मोहल्ले में आसानी से दिख जाएगी।

अब जब गर्मियों में गले को तर करने वाले पेय की बात हो रही है तो मैं भला नारियल पानी के बारे में बात कैसे भूल सकती हूं। ठेले पर ढेर सारे नारियल और साथ रखे स्ट्रॉ से नारियल पानी पीने का जो मज़ा है वो सिर्फ वही जानता है जिसने इसका लुत्फ लिया हो। यकीनन यह ज्यादा ठंडा ड्रिंक नहीं होता लेकिन पीने के बाद भरपूर ऊर्जा जरूर देता है। बेल का शर्बत भी है गर्मियों की शान। ये पीने में बढिय़ा है और पेट के लिए भी रामबाण। 

जहां तक बात रही रिफ्रेशिंग ड्रिंक मोजिटो की तो ये देसी पेय के फ्लेवर का अंग्रेजी नाम देने जैसा ही है। अगर हम अपने प्राकृतिक शीतल पेय को गर्मियों की अपनी दिनचर्या में शुमार करें तो यकीनन कई तरह की बीमारियों जैसे डिहाइड्रेशन वगैरह से बचेंगे, देसी ज़ायका भी मिलेगा और गला भी तर हो जाएगा। ट्रेंड आप और हम मिल कर तय करते हैं। तो क्या कहेंगे इस गर्मी ठंडा बोले तो सिर्फ देसी ठंडा पेय।