दाल खाने से कभी नहीं बनेगी गैस, जानिए कैसे
हाल ही में, सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुन गनेरीवाल ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट साझा की जिसमें बीन्स और दाल को कम गैसी और पचाने में आसान बनाने के कुछ आसान टिप्स बताए गए हैं।
Gastric Problem: हम सभी जानते हैं कि बीन्स और दाल प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के समृद्ध स्रोत हैं, लेकिन हम यह भी जानते हैं कि वे अम्लीय होते हैं और पेट में गंभीर परेशानी पैदा कर सकते हैं। हाल ही में, सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुन गनेरीवाल ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट साझा की जिसमें बीन्स और दाल को कम गैसी और पचाने में आसान बनाने के कुछ आसान टिप्स बताए हैं। उन्होंने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए विभिन्न प्रकार के बीन्स, दालें और फलियां को कैसे पकाया चाहिए। साथ ही उनका उनका सेवन कैसे करना चाहिए? ये सारी जानकारी दे रही है।
आकार और खाना पकाने के समय का ध्यान रखें

उनके पोस्ट के अनुसार दाल का आकार जितना बड़ा होगा, उसे पचाना उतना ही कठिन होगा और इससे पेट में अधिक गैस बनेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की दाल के आकार के हिसाब से पकाने के लिए समय को ध्यान में रखकर दाल को पकाना चाहिए। दाल पकने में जितना अधिक समय लगेगा, एक बार सेवन करने पर यह उतना ही अधिक पेट में फूलेगा, जिससे दाल को पचने में मुश्किल होंगी।
भिगोना

खाना पकाने से पहले बीन्स और दाल को भिगोना जरूरी है। बड़ी और अधिक गैस पैदा करने वाली दालों को रात भर भिगोए, उसके बाद ही बनाएं। जबकि हल्की दालों को बनाने से पहले लगभग 30-60 मिनट भिगोएं। भीगे हुए पानी को हमेशा फेक दें और दाल बनाने से पहले उसको अच्छे से धो लेना चाहिए।
दाल पकाने का सही तरीका

अंकुरित अनाज, बींस आदि को कच्चा खाने से बचना चाहिए। जब आप जिस पानी में दाल को पका रहे हैं, वह उबलने की अवस्था तक पहुँच जाए, तो सतह पर बनने वाले झाग को निकाल देना चाहिए।
तड़का

आप घी, लहसुन, अदरक और हींग का तड़का लगाकर भी दाल को खा सकते हैं। इन तीनों में पेट फूलने की परेशानी से बचाने वाले गुण होते हैं और ये आपके खाने को एक खास स्वाद भी देते है।
समय मायने रखता है

यहां तक कि दाल और बीन्स खाने का समय भी मायने रखता है। वह सुझाव देती हैं कि दिन में बड़े और लंबे समय तक पकाने वाली बीन्स और दालें जैसे राजमा, छोले, कुल्थी का सेवन करें, खासकर दोपहर के भोजन में इन सभी दालों का सेवन करना अच्छा माना जाता है, क्योंकि इन्हें पचने के लिए ज्यादा समय लगता है। इसलिए इन दालों को दोपहर में सेवन करने की सलाह दी जाती है। साथ ही रात के खाने में मूंग, तुअर और मसूर की दाल खानी चाहिए, जो पचने में कम समय लेती है।