Mumtaz-Dev Anand​​​​​​​
Mumtaz-Dev Anand​​​​​​​

Mumtaz-Dev Anand​​​​​​​: पुराने ज़माने की सुपरस्टार मुमताज ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री में खूबसूरती बनाए रखने के दबाव और अपने सह-कलाकारों के साथ यादगार पलों को लेकर कुछ दिलचस्प बातें साझा की हैं। मुमताज को प्रेम कहानी (1975), हरे रामा हरे कृष्णा (1971), चोर मचाए शोर (1974) और सच्चा झूठा (1970) जैसी फिल्मों में बेहतरीन एक्टिंग के लिए जाना जाता है।

रेडियो नशा से बातचीत में दर्शकों के दिल जीतने वाली मुमताज ने बताया कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसा दिखना और खुद को उसी रूप में बनाए रखना कितना मुश्किल होता जाता है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि आज भी उनके फैंस उन्हें पहले की तरह ही प्यार करते हैं। वे कहती हैं, ‘लोग आज भी मेरे पास आकर तस्वीरें खिंचवाते हैं और मुझे बहुत गर्व होता है। इतने साल बीत गए हैं, शायद मैंने इस इंडस्ट्री को 50 साल दिए हैं लेकिन लोग आज भी मुझे वैसा ही प्यार देते हैं। उन्हें पहचानने में एक सेकेंड भी नहीं लगता कि मैं कौन हूं।’

मुमताज ने कहा कि लोग आज भी उन्हें पहचानते हैं, ये इस बात का सबूत है कि वे अब भी खुद का ध्यान उतनी ही मेहनत से रखती हैं। वे बताती हैं, ‘आपको आज भी अच्छा दिखना होता है, प्रेजेंटेबल रहना पड़ता है। और सच कहूं तो आज भी मुझसे ज्यादा मर्द मुझे पसंद करते हैं बनिस्बत औरतों के।’

बातचीत के दौरान उन्होंने देव आनंद की ‘युवा दिखने की जिद’ का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि एक बार देव आनंद ने उनसे कहा था, ‘एक्टर अगर मर भी जाए, तो उसकी लाश भी अच्छी दिखनी चाहिए।’ मुमताज ने आगे कहा, ‘उन्होंने मुझसे कहा कि अपने बालों का ख्याल रखो, अपने शरीर का ध्यान रखो क्योंकि आप वही हैं, जो आप दिखते हैं। जब आप सड़क पर चलें तो लोग पलटकर देखें …चाहे मर्द हों या औरतें। अगर आपने खुद का ध्यान रखा, तो उम्र की फिक्र करने की कोई ज़रूरत नहीं।’

मुमताज ने बताया कि ”उस वक्त देव आनंद की उम्र 85 साल थी। इस बात को साबित करने के लिए कि उम्र सिर्फ एक नंबर है, उन्होंने एक दिलचस्प वाकया किया। उन्होंने अपने कमरे के मेकअप मैन से कहा कि एक दरवाजा खोलो। जैसे ही दरवाजा खुला, तीन लड़कियां अंदर झांक रही थीं, बस उन्हें देखने की कोशिश कर रही थीं। देव साहब ने बड़े ही आराम से उनसे कहा ‘मैं बाद में आता हूं’, और दरवाजा बंद करके मेरी तरफ मुड़कर बोले, ‘देखा बेबी, मेरे पास आज भी ऑप्शन हैं।’ मैं बस बैठी रह गई और मन ही मन बोली …वाह!”

हालांकि मुमताज को अपने करियर के एक दौर में टाइपकास्टिंग (एक ही तरह के रोल मिलना) का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों जैसे शशि कपूर, धर्मेंद्र, राजेश खन्ना और देव आनंद के साथ काम किया। देव आनंद के साथ तो उन्होंने दो बार स्क्रीन शेयर की।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...