देव आनंद पर काला कोट पहनने पर कोर्ट ने लगाया था प्रतिबंध, जानिए ऐसा क्या हुआ था: Dev Anand and Black Coat Mystery
Dev Anand and Black Coat Mystery

देव आनंद की ख़ास बात

देव आनंद की फिल्मों, स्टाइल और रोमांटिक छवि ने न केवल उन्हें अमर बना दिया बल्कि उनकी लोकप्रियता ने कई ऐसे किस्से भी गढ़ दिए जो लोगों की जुबान पर आज भी हैं।

Dev Anand and Black Coat Mystery: भारतीय सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देव आनंद से जुड़ी कहानियां आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। उनकी फिल्मों, स्टाइल और रोमांटिक छवि ने न केवल उन्हें अमर बना दिया बल्कि उनकी लोकप्रियता ने कई ऐसे किस्से भी गढ़ दिए जो लोगों की जुबान पर आज भी हैं। ऐसा ही एक दिलचस्प किस्सा है उनके काले कोट पहनने पर प्रतिबंध का। जिसे लेकर तरह-तरह की कहानियाँ और बातें गढ़ी गईं लेकिन असल में यह मामला था क्या किसी को नहीं पता। आइये इस लेख के माध्यम से उनकी लोकप्रियता को समझने का प्रयास करते हैं। 

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Dev Anand and Black Coat Mystery
Slyle Icon Dev Anand

1950 के दशक में देव आनंद अपने स्टाइलिश अंदाज और शानदार अदाकारी के लिए मशहूर हो चुके थे। उनकी हर फिल्म एक नया ट्रेंड लेकर आती थी। इसी दौरान उनकी फिल्म काला पानी (1958) रिलीज हुई जिसमें वह काला कोट पहने हुए थे। काले कोट में उनका ये लुक काफी चर्चा में आया। उनके इस स्टाइल ने युवाओं पर ऐसा जादू कर दिया कि हर कोई उनके जैसा दिखना चाहता था। काले कोट में उनकी छवि न केवल पुरुषों को आकर्षित कर रही थी बल्कि महिलाएं भी उनकी दीवानी हो गई थी।

देव आनंद के प्रति दीवानगी का आलम यह था कि जब वे काले कोट में नजर आते तो कई महिलाएं उन्हें देखकर इतना प्रभावित हो जाती कि अपना सुध-बुध खोकर बेहोश हो जाती थी। कहा जाता है कि उनकी फिल्म के पोस्टर और सार्वजनिक कार्यक्रमों में काले कोट में उनकी उपस्थिति के दौरान कई ऐसी घटनाएं सामने आईं। अखबारों में ऐसी खबरें छपने लगीं जिनमें उनकी छवि को जादुई प्रभाव के रूप में बताया गया। 

Dev Anand
Dev Anand in Black Coat

इन घटनाओं ने धीरे-धीरे समाज में एक नई बहस छेड़ दी। मीडिया में तरह तरह की खबरें आने लगी। यह कहा जाता है कि महिलाओं की दीवानगी और बेहोशी की घटनाओं के चलते अदालत ने देव आनंद को सार्वजनिक स्थानों पर काले कोट पहनने से मना कर दिया। हालांकि, इस दावे को प्रमाणित करने वाले ठोस ऐतिहासिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं लेकिन यह कहानी उनकी लोकप्रियता को लेकर हमेशा चर्चित रही। जिसकी वजह से युवाओं में देव आनंद को लेकर क्रेज़ बढ़ता ही गया। 

यह किस्सा देव आनंद की अपार प्रसिद्धि और उनके व्यक्तित्व के प्रभाव को दर्शाता है। यह कहानी पूरी तरह सच हो या महज एक लोककथा, इससे उनकी लोकप्रियता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। बल्कि, यह उनकी स्टाइल आइकन की छवि को और मजबूत करने वाला साबित हुआ। दिन प्रतिदिन उनका व्यक्तित्व और ज़्यादा निखरता गया। वह एक के बाद एक मुक़ाम हासिल करते रहे और वह सफलता की बुलंदी पर चढ़ गये। 

Dev Anand
Dev Anand

देव आनंद का यह किस्सा इस बात का सबूत है कि वह अपने समय के कितने बड़े सितारे थे। उनकी फिल्मों ने जहां दर्शकों का दिल जीता वहीं उनके स्टाइल और अंदाज ने लोगों के जीवन में गहरी छाप छोड़ी। काले कोट का यह किस्सा उनकी विरासत का हिस्सा बन चुका है जिसे लोग पीढ़ियों तक याद रखेंगे। यह घटना हमें बताती है कि एक अभिनेता केवल अपनी अदाकारी से नहीं बल्कि अपने व्यक्तित्व और स्टाइल से भी लोगों के दिलों में जगह बना सकता है। 

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...