PT Usha and DHARMENDRA
PT Usha and DHARMENDRA

Summary: उषा ने ऐसे याद किया धर्मेंद्र को...

1986 में एशियन गेम्स में 4 गोल्ड और 1 सिल्वर जीतने के बाद धर्मेंद्र जी ने मुझे 50,000 रुपए भेजे थे। व्यस्तताओं के कारण हमारी कभी मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन कभी-कभी प्यार और अपनापन ही काफी होता है, चाहे दूरी हजार मील की क्यों न हो।

Dharmendra and PT Usha 50000 Story: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए। धर्मेंद्र पिछले हफ्ते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पर ही रिकवरी कर रहे थे, लेकिन 24 नवंबर को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद हर तरफ से श्रद्धांजलि आने लगी फैंस… फिल्मी सितारे, खिलाड़ी… सबने उन्हें एक ऐसे कलाकार के रूप में याद किया, जिसे ‘पूरी एक पीढ़ी का हीरो’ कहा जाता है। भारतीय खेल जगत की लीजेंड पीटी उषा ने धर्मेंद्र से जुड़ी एक बेहद खूबसूरत याद साझा की, जिसने लोगों का दिल जीत लिया।

पीटी उषा ने एक्स पर धर्मेंद्र की एक तस्वीर शेयर की और बताया कि 1986 में एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन के बाद धर्मेंद्र ने उन्हें 50,000 रुपए बतौर इनाम भेजे थे। उन्होंने लिखा, “1986 में एशियन गेम्स में 4 गोल्ड और 1 सिल्वर जीतने के बाद धर्मेंद्र जी ने मुझे 50,000 रुपए भेजे थे। व्यस्तताओं के कारण हमारी कभी मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन कभी-कभी प्यार और अपनापन ही काफी होता है, चाहे दूरी हजार मील की क्यों न हो।” उषा की यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई, क्योंकि इसमें धर्मेंद्र का वही दिलदार, सादगीभरा रूप झलकता है, जिसके लिए वह जाने जाते थे।

बता दें कि 1986 के एशियन गेम्स में पीटी उषा ने कमाल कर दिया था। सियोल में हुए इन खेलों में उन्होंने 200 मीटर, 400 मीटर और 4×400 मीटर रिले में गोल्ड जीते, वो भी नए गेम रिकॉर्ड के साथ। 100 मीटर में वह अपनी चिर-प्रतिद्वंद्वी लीडिया डे वेगा से मामूली अंतर से हारकर सिल्वर पर रुक गईं। उनके इस प्रदर्शन के बाद देशभर में खुशी की लहर थी, लेकिन धर्मेंद्र का व्यक्तिगत तौर पर उन्हें इनाम भेजना, उस दौर में बेहद अनोखी और दिल छू लेने वाली बात थी। शायद इसलिए उषा आज भी इस याद को इतने गर्व और भावुकता के साथ साझा करती हैं।

पीटी उषा भारत की सबसे सम्मानित खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्हें 1983 में अर्जुन अवॉर्ड मिला, 1985 में पद्मश्री से नवाज़ा गया और भारतीय ओलंपिक संघ ने उन्हें ‘स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द सेंचुरी’ और ‘स्पोर्ट्सवुमन ऑफ द मिलेनियम’ जैसे खिताब दिए। ऐसे में धर्मेंद्र जैसा बड़ा सितारा उनके प्रति सम्मान जताने के लिए उन्हें इनाम भेजे… ये बात खुद में बताती है कि उस दौर में कलाकार और खिलाड़ी कितनी सादगी और भावनाओं से जुड़े रहते थे।

धर्मेंद्र के निधन के बाद कई दिग्गज खिलाड़ियों ने भी उन्हें याद किया। विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर से लेकर तमाम खेल हस्तियों ने उन्हें भारतीय सिनेमा का आइकन बताया। छह दशकों से अधिक लंबे करियर में धर्मेंद्र ने अनगिनत यादगार फिल्में दी – ‘शोले’, ‘आदमी और इंसान’, ‘फूल और पत्थर’, ‘यादों की बारात’, ‘राजा जानी’, ‘धर्म वीर’… ये लिस्ट खत्म ही नहीं होती। उनका आखिरी ऑन-स्क्रीन काम फिल्म ‘इक्कीस’ में नजर आएगा, जिसमें अगस्त्य नंदा मुख्य भूमिका में हैं।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...