Overview:आयुर्वेद और फिटनेस का संगम - रोहित रॉय का पंचकर्मा रहस्य और टू मील्स अ डे डाइट
बॉलीवुड अभिनेता रोहित रॉय ने अपनी फिटनेस और डाइट का रहस्य साझा किया। वे दिन में केवल दो बार खाना खाते हैं और पेट को 60-70% भरते हैं। साल में दो बार आयुर्वेदिक पंचकर्मा करते हैं, जिससे शरीर और ब्रेन दोनों डिटॉक्स रहते हैं। संतुलित डाइट, योग, व्यायाम और हल्की जीवनशैली उनकी फिटनेस और मानसिक तंदरुस्ती की कुंजी हैं।
Rohit Roy Fitness: बॉलीवुड अभिनेता रोहित रॉय ने हाल ही में indianexpress.com के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में अपनी जिंदगी और फिटनेस के राज़ साझा किए। उन्होंने बताया कि वे दिन में केवल दो बार खाना खाते हैं और पेट को 60-70% भरते हैं। उनका मानना है कि पेट को पूरी तरह भरना ज़रूरी नहीं है। इसी सादगी से शरीर हल्का रहता है और ऊर्जा बनी रहती है।
रोहित ने अपनी 30 साल की फिल्मी और टीवी की यात्रा के बारे में भी खुलकर बात की। वे मानते हैं कि उन्होंने अब तक अपने पूरे पोटेंशियल को हासिल नहीं किया है और अब भी किसी ऐसे रोल का इंतजार है जिसमें वे अपनी कला का पूरा फायदा उठा सकें। उनके परिवार में भी कई कलाकार हैं, लेकिन वे अपनी मेहनत और लगन से अलग पहचान बनाना चाहते हैं।
उनकी डाइट बहुत सरल और संतुलित है। सुबह वे मिल्कशेक और फलों से दिन की शुरुआत करते हैं, दोपहर और शाम को हल्का भोजन करते हैं। योग, व्यायाम और बैलेन्स्ड लाइफ स्टाइल उनकी फिटनेस और मेंटल हेल्थ का आधार हैं। पंचकर्मा जैसी आयुर्वेदिक प्रक्रियाएं उन्हें शरीर और ब्रेन दोनों में एनर्जी बनाए रखने में मदद करती हैं।
दो बार खाना: रोहित का सरल लेकिन असरदार नुस्खा

रोहित रॉय का कहना है कि पेट को पूरी तरह भरना सही नहीं है। वे दिन में केवल दो बार खाना खाते हैं और हमेशा 60-70% ही पेट भरते हैं। इससे शरीर हल्का रहता है और मेटाबॉलिज़्म सही रहता है। उनके भोजन में सादगी है—दाल, सब्ज़ियाँ, रोटी । रोहित जंक फूड और प्रोसेस्ड चीजों से दूर रहते हैं। उनका मानना है कि यह छोटी आदत शरीर और ब्रेन दोनों के लिए फायदेमंद है।
पंचकर्मा: साल में दो बार प्राकृतिक डिटॉक्स
रोहित साल में दो बार पंचकर्मा करते हैं। यह आयुर्वेदिक प्रक्रिया पेट और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है। इससे पाचन बेहतर होता है, ऊर्जा बढ़ती है और शरीर हल्का महसूस करता है। उन्होंने बताया कि पंचकर्मा कोई क्रैश डाइट नहीं है बल्कि प्राकृतिक सफाई है। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है। रोहित इसे हर किसी को हेल्दी और फिट रहने के लिए अपनाने की सलाह देते हैं।
संतुलित डाइट: सरल और पौष्टिक खाना
रोहित रॉय की डाइट में सादगी और संतुलन है। सुबह वे मिल्कशेक लेते हैं जिसमें खजूर, केले और सूखे मेवे शामिल होते हैं। दोपहर और रात का खाना हल्का और पौष्टिक होता है। बीच में वे फल और चाय या कॉफी का हल्का स्नैक लेते हैं। रोहित का कहना है कि एब्स जिम में नहीं, किचन में बनते हैं। वे नए-नए फूड ट्रेंड्स में विश्वास नहीं करते और नैचुरल खाने को प्राथमिकता देते हैं।
व्यायाम और योग: फिटनेस का आधार
रोहित रोजाना अपने शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर ट्रेनिंग करते हैं—पुश, पुल, लेग्स और एब्स। वे एक्सरसाइज में बदलाव करते रहते हैं ताकि बोरियत न हो। योग और नियमित व्यायाम से उनके मसल्स मजबूत रहते हैं और स्ट्रेस कम होता है। रोहित का कहना है कि फिटनेस केवल जिम से नहीं बल्कि संतुलित जीवनशैली और निरंतर प्रयास से आती है। यह मानसिक ताकत और आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।
मानसिक स्वास्थ्य और ब्रेन फिटनेस
रोहित रॉय मानते हैं कि फिटनेस सिर्फ शरीर का मामला नहीं है, बल्कि ब्रेन और मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है। वे सफलता और असफलता को बैलेनस्ड व्यू पॉइंट से देखते हैं। पंचकर्मा, संतुलित डाइट, हल्का पेट और नियमित व्यायाम से उनका ब्रेन भी एक्टिव रहता है। रोहित का मानना है कि छोटे बदलाव और सरल जीवनशैली से लंबी उम्र, ऊर्जा और मानसिक स्फूर्ति हासिल की जा सकती है।
