200 Year Old Condom: आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि एक 200 साल पुराना कंडोम नीदरलैंड के एक म्यूजियम में डिस्प्ले के लिए रखा गया है। इसकी खासियत यह है कि इसे अब तक इस्तेमाल में नहीं लाया गया है और यह तीर की तरह सीधा है। यह एम्स्टर्डम के रिज्क्स म्यूजियम में भारी भीड़ खींच रहा है। इसकी एक अन्य प्रमुख वजह यह है कि इस पर एक इरॉटिक प्रिन्ट बना हुआ है।
कहां है यह कंडोम?
नीदरलैंड के एम्स्टर्डम में रिज्क्स म्यूजियम में लगभग 200 साल पुराना और बेहतरीन हालत में एक कंडोम को डिस्प्ले के लिए रखा गया है। माना जाता है कि यह भेड़ के एपेंडिक्स से बना है और इस पर एक इरॉटिक प्रिंट बना हुआ है। इसमें एक नन और तीन पादरी दिख रहे हैं, यह“लग्जरी सोवेनियर” म्यूजियम के आर्ट कलेक्शन में रखा जाने वाला पहला गर्भनिरोधक आवरण है। म्यूजियम के क्यूरेटर जॉयस ज़ेलेन ने बीबीसी को बताया, “यह बहुत अच्छी स्थिति में है।”
क्या बना है इस कंडोम पर?
इसमें एक नन का स्पष्ट प्रिंट है, जो तीन पादरियों के सामने अपनी ड्रेस ऊपर करके और अपने पैरों को फैलाकर बैठी है। वह पुरुषों की ओर अपनी उंगली से इशारा कर रही है और वे सब उसके सामने अपने प्राइवेट पार्ट को पकड़ कर खड़े हैं। म्यूजियम ने बताया कि “वोइला मोन चोइक्स का अर्थ है ‘यह मेरी पसंद है’। इस प्रिंट को ब्रह्मचर्य और ग्रीक पौराणिक कथाओं के पेरिस के फैसले से जोड़कर देखा जा रहा है।”
बिना इस्तेमाल का है यह कंडोम

म्यूजियम के क्यूरेटर जॉयस ज़ेलेन ने कहा कि हमने अल्ट्रा वायलेट लाइट के साथ कंडोम को देखा और पाया कि इसका कभी इस्तेमाल नहीं किया गया था। उन्होंने आगे बताया कि यह भी स्पष्ट नहीं है कि प्रिन्ट में नन गंजे आदमी, पतले आदमी या थोड़े मोटे दिखने वाले व्यक्ति की ओर इशारा कर रही है। कोइ भी व्यक्ति इस तरह से महसूस कर सकता है कि उससे बात की जा रही है। यह दुर्लभ कलाकृति संभवतः फ्रांस के एक फैंसी वेश्यालय से एक “लग्जरी सोवेनियर” है। इसे 1830 का माना जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि आज तक केवल दो ऐसी वस्तुएं बची हैं।
म्यूजियम में बढ़ रही है भीड़
जब से इस कलाकृति को डिस्प्ले के लिए रखा गया है, म्यूजियम में युवा और बूढ़े दोनों तरह के लोगों की भीड़ खास इसे देखने आ रही है। रिज्क्स म्यूजियम क्यूरेटर जॉयस ज़ेलेन ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार नीलामी में कंडोम देखा तो वह और उनके साथ के लोग खूब हंसे थे। 1830 का यह कंडोम 19वीं सदी की वेश्यावृत्ति और कामुकता पर एक प्रदर्शनी का हिस्सा है।
पहले ऐसे बनाए जाते थे कंडोम
1839 में वल्केनाइज्ड रबर के आविष्कार से पहले आदिम कंडोम लिनेन, जानवरों की झिल्लियों या यहां तक कि कछुए के खोल से बनाए जाते थे। हालांकि, वे सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीडी) से बचाने या प्रेगनेंसी को रोकने के लिए सक्षम नहीं थे। वे ज्यादातर वेश्यालयों या नाई की दुकानों में काउंटर के नीचे बेचे जाते थे। डच म्यूजियम ने कहा कि वह इस कलाकृति को अन्य संस्थानों को उधार पर देने के लिए तैयार है, लेकिन उसने यह भी कहा कि कंडोम बहुत नाजुक है। यह नवंबर के अंत तक डिस्प्ले पर रहेगा।
