Outside Bedroom Romance: ज्यादातर कपल्स के लिए सेक्स का मतलब होता है रात का वक्त, एक तयशुदा बिस्तर और लगभग एक जैसा पैटर्न। लेकिन जब हर बार वही सेटिंग होती है, तो एक्साइटमेंट धीरे-धीरे कम होने लगती है। सेक्स भी एक तरह का अनुभव है और हर अनुभव में माहौल का बहुत बड़ा रोल होता है।
सेटिंग बदलने का मतलब क्या है?

इसका मतलब ये नहीं कि आप हर बार कोई होटल या रिज़ॉर्ट बुक करें। इसका मतलब है रोज़मर्रा की जगहों में थोड़ा नयापन लाना। जैसे लिविंग रूम में कैंडल्स और कंबल के साथ एक इंटिमेट सेटअप बनाएं, शावर या बाथटब में एक साथ वक्त बिताएं ये क्लोज़नेस बढ़ाने के साथ फिज़िकल टच को भी नेचुरल बनाता है। गाड़ी में देर रात की ड्राइव के बाद कुछ खास पल शेयर करना भी बेहद रोमांचक हो सकता है। बालकनी, छत या किसी शांत जगह पर एक-दूसरे के करीब आना नएपन का अहसास देता है।
क्यों असरदार होता है माहौल बदलना?
क्योंकि आपका दिमाग नए माहौल को नए अनुभव की तरह रजिस्टर करता है। जैसे ही सेटिंग बदली, वैसे ही आपका शरीर और दिमाग ज्यादा अलर्ट, रोमांचित और तैयार हो जाते हैं। और यही एक्साइटमेंट सेक्स को फिर से ताज़ा बना देती है।
एक छोटा-सा चैलेंज ट्राय करें
इस हफ्ते में एक बार सिर्फ सेटिंग के साथ एक्सपेरिमेंट करें कुछ बड़ा नहीं, बस बिस्तर की जगह कोई और कोना चुनिए। फर्क आपको खुद महसूस होगा।
कुछ और दिलचस्प आइडियाज़ सेटिंग बदलने के लिए:
डेट नाइट को होम-स्पा में बदल दें
हल्का सा मसाज ऑयल, सॉफ्ट लाइटिंग और एक-दूसरे को रिलैक्स करना — इंटिमेसी का एक नया लेवल खोल सकता है।
ट्रैवल में सिर्फ घूमना नहीं, प्यार भी करना है
अगली बार जब आप ट्रिप पर जाएं, तो होटल का कमरा सिर्फ सोने के लिए न रखें। नया शहर, नया माहौल और थोड़ा एक्सप्लोरेशन बेडरूम के बाहर भी।

दिन में क्यों नहीं?
सेक्स सिर्फ रात के लिए नहीं होता। वीकेंड की सुबह, या दोपहर में ऑफिस ब्रेक के दौरान एक छोटा-सा इंटिमेट टाइम बेहद एनर्जेटिक और फ्रेश फील कराता है।
लाइट्स से खेलिए
एकदम डार्क या बहुत ब्राइट लाइट के बजाय, फेयरी लाइट्स, लैम्प्स या कैंडल लाइट से मूड सेट करें। इससे माहौल इरॉटिक भी बनता है और थोड़ा सिनेमैटिक भी।
म्यूज़िक ऑन, मोमेंट ऑन
एक छोटा-सा प्लेलिस्ट तैयार करें जो आपके मूड को मैच करे रोमांटिक, स्लो या थोड़ा सा स्टीमी। म्यूज़िक मूड सेट करने का सबसे सिंपल और असरदार तरीका है।
जब बच्चे हों तो कैसे बदलें सेटिंग?
बच्चों के साथ रहते हुए रोमांस और इंटिमेसी बनाए रखना आसान नहीं होता ना वक्त मिलता है, ना प्राइवेसी। लेकिन यहीं पर थोड़ी-सी स्मार्ट प्लानिंग आपके रिश्ते में बड़ी गर्माहट ला सकती है। अगर आपके बच्चे छोटे हैं और दिन में सोते हैं, तो उस वक्त को सिर्फ घर के काम निपटाने में न लगाएं हफ्ते में एक बार उसे कपल कनेक्शन टाइम बनाएं। भले ही छोटा हो, लेकिन कनेक्शन गहरा होता है।
कई पेरेंट्स गिल्ट में दरवाज़ा बंद नहीं करते, लेकिन आपका रिलेशनशिप भी उतना ही ज़रूरी है जितना पैरेंटिंग। बच्चे अगर थोड़े बड़े हैं तो उन्हें प्राइवेसी का कॉन्सेप्ट समझाया जा सकता है और कुछ देर बंद दरवाज़े का मतलब है “मम्मी-पापा का टाइम।”

अगर आपके बच्चे थोड़े बड़े हैं और उन्हें हफ्ते में एक बार मूवी देखने की छूट है, तो उस डेढ़-दो घंटे का इस्तेमाल आप अपने रिलेशनशिप को रीचार्ज करने में कर सकते हैं। कभी-कभी एक रात बच्चों को दादी-नानी के पास भेज कर घर पर ही हनीमून ट्राय करें। नया नहीं तो कम से कम शांत माहौल मिल सकता है। कभी-कभी सिर्फ एक-दूसरे को पकड़कर बैठना, बात करना या बिना किसी रुकावट के किस करना वो भी सेटिंग बदलना ही है। ये क्लोज़नेस आगे चलकर फिजिकल इंटिमेसी में बदलती है।
सेटिंग बदलना एक तरह से रिश्ते में डेस्टिनेशन बदलने जैसा है मंज़िल वही है, लेकिन रास्ता नया और रोमांचक होता है। इसीलिए, अगर आपको लग रहा है कि “अब पहले जैसा कुछ नहीं रहा”, तो शायद वक्त है बिस्तर से बाहर सोचने का।
