Green Time for Kids: पिछले कुछ सालों में स्मार्टफोन और वीडियो गेम्स जैसे टेक्निकल उपकरणोें का ट्रेंड बहुत तेजी से बढ़ा है। इसलिए युवा पीढ़ी ही नहीं बल्कि बच्चे भी इन गैजेट्स में अधिक समय बिताना चाहते हैं। आजकल के बच्चे स्मार्टफोन, टीवी, स्क्रीन और टैबलेट जैसे गैजेट्स में इतने डूबे रहते हैं कि उन्हें पेड़-पौधे, बाहरी नजारे, मैदान में खेलने कूदने और असली दुनिया में समय बिताने की इच्छा उनमें खत्म होती जा रही है, जो सभी माता-पिता के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है। स्क्रीन के सामने बहुत ज्यादा समय बिताने की वजह से दिमाग और शरीर दोनों के विकास पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं। इसलिए अपने बच्चों के स्क्रीन टाइम को ग्रीन टाइम में बदलना जरूरी है।
ग्रीन टाइम क्या है?

ग्रीन टाइम का मतलब है कि बच्चों को आउटडोर एक्टिविटीज, रियल लाइफ एक्सपीरियंस और नेचर के साथ समय बिताना। इन चीजों से न केवल उनका ब्रेन बूस्ट होगा बल्कि आंखें भी स्वस्थ रहेंगी। इसलिए ग्रीन टाइम क्रिएटिव थिंकिंग, सोशल स्किल्स और मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान से कम नहीं माना जा सकता है।
स्क्रीन टाइम के नुकसान
जो बच्चे ज्यादा स्क्रीन पर समय बिताते हैं। उनके शरीर और दिमाग दोनों पर इसका सीधा असर पड़ता है। ज्यादा डिजिटल डिवाइसेज पर घंटों समय बिताने वाले बच्चों में आंखों का नंबर बढ़ना, थकान, आंखों में जलन, खराब नींद की समस्या, पढ़ाई में ध्यान कम होना, फोकस की कमी, अकेलापन और सोशल स्किल्स में गिरावट जैसी चीजें देखी जाती हैं।
क्यों जरूरी है ग्रीन टाइम

वैज्ञानिक शोध के अनुसार, नेचर के साथ समय बिताने पर यह बच्चों के लिए किसी नेचुरल थेरेपी की तरह ही काम करता है। जो बच्चे नेचर के साथ अधिक समय बिताते हैं। आउटडोर गेम्स, फिजिकल एक्टिविटी, खेलना-कूदना जैसी नेचर एक्टिविटी से बच्चों का दिमाग अधिक शार्प होता है और उनकी आंखें कमजोर नहीं बल्कि हेल्दी रहती हैं। नेचर के साथ खेलने वाले बच्चों में तनाव कम होता है और उनका मूड हमेशा अच्छा रहता है। ग्रुप के साथ खेलने वाले बच्चों में कम्युनिकेशन स्किल्स और टीमवर्क जैसी अच्छी स्किल्स डेवलप होती है।
आज से ही शुरू करें कुछ आसान और मजेदार टिप्स
फैमिली आउटडोर एक्टिविटीज: आप अपने बच्चों को स्क्रीन टाइम से बचने के लिए वीकेंड्स पर फैमिली साइकलिंग बर्ड वाचिंग, प्लाटिंग और ट्रैकिंग जैसी एक्टिविटीज का प्लान करें इससे बच्चे कुछ नई चीज सीखेंगे और नेचर से जुड़े रहेंगे बच्चों को नई चीज़ सीखने में काफी दिलचस्पी होती है।
बनाएं स्क्रीन फ्री जोन: अपने घर में एक ऐसा एरिया भी तैयार रखें जहां पर टीवी मोबाइल और टैबलेट जैसे गैजेट का इस्तेमाल करना बन हो। जैसे मैं आप बेडरूम और डाइनिंग टेबल को इसके लिए चुन सकते हैं।
बच्चों को दें छोटे-छोटे टास्क: अगर आप अपने बच्चों को अधिक स्क्रीन टाइम से बचाना चाहते हैं और उसे बोर भी होने देना तो इसके लिए उसे कुछ छोटी-छोटी आदतों को सिखाएं, जैसे- पौधे लगाना, पक्षियों को दाना डालना, पेड़ को पानी देना। इन छोटी-छोटी आदतों को सीखकर बच्चा नेचर से प्यार करेगा और उसके अंदर धीरे-धीरे जिम्मेदारियां भी डेवलप होंगी। बच्चों में नेचर के प्रति लगाव होना बेहद जरूरी है। इसलिए उसे यह छोटी-छोटी आदतें डालना जरूर सिखाएं।
