Baby Skin Care Routine- पहली बार अपने छोटे से बच्चे को पकड़ना या गोद में उठाना एक सुखद अहसास है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। जब आप माता-पिता के रूप में एक नए डेली रुटीन में सेटल हो जाते हैं, तो अपने बच्चे का पोषण और देखभाल करना आपकी प्राथमिकता बन जाती है। पेरेंट्स से ज्यादा एक बच्चे का ध्यान और कोई नहीं रख सकता। खासकर जब बात उसकी नाजुक त्वचा की हो। बच्चे की त्वचा काफी सॉफ्ट और सेंसेटिव होती है जिसे असाधारण देखभाल की आवश्यकता होती है। वैसे तो मार्केट में कई बेबी प्रोडक्ट उपलब्ध हैं लेकिन इनका प्रयोग बच्चे को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए इनका इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक से सलाह करना न भूलें। न्यू पेरेंट्स के लिए बच्चे की स्किन की सही देखभाल करना काफी चेलेंजिंग होता है लेकिन उन्हें सही जानकारी हो तो ये काम आसान हो सकता है। चलिए जानते हैं कैसा होना चाहिए बच्चे का डेली स्किनकेयर रुटीन।
सही ढंग से करें मालिश

बच्चे की सही ग्रोथ में मालिश अहम भूमिका निभाती है। जब बच्चे के शरीर की अच्छी तरह से मालिश की जाती है, तो उससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में मदद मिलती है। इससे बच्चे की त्वचा पोषित होती है और मांसपेशियों की थकान मिटती है। आपने अक्सर देखा होगा कि मालिश के बाद अधिकतर बच्चे सो जाते हैं क्योंकि मालिश से उनके एक्टिव सेंसेज को आराम मिलता है जो नींद का बढ़ावा देते हैं। मालिश के लिए किसी केमिकलयुक्त प्रोडक्ट की बजाए नारियल, बादाम या जैतून के तेल का चुनाव कर सकते हैं। इससे त्वचा मॉइस्चराइज और हाइड्रेट होगी। अधिक लाभ के लिए पहले तेल को गुनगुना करें फिर मालिश करें।
सफाई का रखें ध्यान

बच्चे की त्वचा काफी सेंसटिव होती है। बच्चे के आसपास साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम अभी भी विकसित हो रहा होता है। अपने नवजात शिशु को हफ्ते में 2-3 बार नहलाना और साफ करना आवश्यक है। रोजाना उन्हें नहलाने से एसेंशियल ऑयल्स और पोषण कम हो सकते हैं। इसके अलावा, बच्चे को छूने या गोद में लेने से पहले अपने हाथों को धोना न भूलें। साथ ही किसी बाहरी व्यक्ति को भी हाथ सेनिटाइज कराने के बाद ही बच्चे को छूने दें।
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करें मॉइस्चराइज

नहलाने के बाद बच्चे को मॉइस्चराइज करने की आदत डालें। छोटे बच्चों की त्वचा सेंसेटिव और ड्राई होती है इसलिए कोशिश करें कि आप उनकी स्किन को दिन में दो बार मॉइस्चराइज करें। अच्छी कंपनी का मॉइस्चराइजर लगाने से उनकी त्वचा को रूखेपन, जलन, खुजली और रैशेज से बचाया जा सकता है। बच्चे की स्किन काफी सेंसेटिव होती है इसलिए चिकित्सक की सलाह अनुसार ही प्रोडक्ट का चुनाव करें। जहां तक हो सके नेचुरल मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें।
रैशेज का सावधानी से इलाज करें

नवजात शिशुओं में रैशेज की समस्या आम होती है। कई बार वह अपने आप ही आसानी से गायब हो जाते हैं। लेकिन लाल और खुजलीदार रैशेज का इलाज कराना जरूरी होता है। यदि आपको अपने बच्चे की त्वचा पर मुहांसे जैसे दाने, निशान या छिलने का एहसास हो तो घबराएं नहीं। उस जगह को साफ और सूखा रखें। एक साफ और नर्म तौलिये से धीरे-धीरे थपथपाकर स्किन को सुखाएं। रैशेज को रगड़े नहीं बल्कि उसपर बेबी पाउडर या लोशन लगाएं।
बच्चे को रखें हाइड्रेटेड

शिशुओं और व्यस्कों दोनों के लिए हाइड्रेशन आवश्यक है। पानी शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह हेल्दी स्किन के लिए भी आवश्यक है क्योंकि ये त्वचा को पोषित करता है। हाइड्रेशन बनाए रखने से शरीर के सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे बच्चे की त्वचा में निखार आता है। बच्चे को स्तनपान या बोतल से दूध पिलाना बच्चे के हाइड्रेटेड और पोषित रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
