अगर आप भी कहीं घूमना चाहते हैं लेकिन समझ नहीं आ रहा कि कहां जाए तो उत्तराखंड स्थित औली एक खूबसूरत पर्यटन स्थल और आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

औली में कौन सी जगह हैं मन को मोहने वाली–

औली उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के बद्रीनाथ धाम के पास घने जंगल, पहाड़ व मखमली घास से भरपूर बहुत ही सुंदर और ठंडी जगह है। यहां देश का सबसे नया और आधुनिक आइस स्काइंग केंद्र भी है। इसके अलावा औली से नंदा देवी, हाथी गौरी पर्वत, नीलकंठ और ऐरावत पर्वत की हरियाली भी देखी जा सकती है। वहीं, अगर आप रोपवे का मज़ा लेना चाहते हैं तो औली से जोशी मठ तक 4 किलोमीटर लंबी रोपवे की यात्रा आपको रोमांचित कर देगी।

औली में कहां-कहां हैं घूमने की जगह-

औली से 12 किलोमीटर की दूरी पर जोशी मठ स्थित है जहां पर मठ, मंदिर और स्मारक हैं। जोशी मठ को बद्रीनाथ और फूलों की घाटी का प्रवेश द्वार माना जाता है।औली में ठहरने के स्थान के लिए यहां गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा फाइबर हट्स बनाई गई हैं। जहां रहने के साथ खाने-पीने की भी व्यवस्था है।

इतना ही नहीं औली में आप छत्रा कुंड, क्वारी बुग्याल, सेलधार तपोवन, गुरसौं बुग्याल, चिनाब झील, वंशीनारायण कल्पेश्वर जैसी खूबसूरत जगहों पर भी घूम सकते हैं। वैसे आपको बता दें कि ट्रैकिंग करने वालों के लिए ‘क्वारी बुग्याल’ सबसे फेवरेट जगहों में से एक है। औली स्थित सेलधार तपोवन में गर्म पानी के झरने और फव्वारे हैं।

औली के आसपास अन्य स्थान जहां घूमा जा सके–

नंदा देवी (Nanda Devi) —

नंदा देवी भारत के सबसे ऊंचे हिल स्टेशनों में से एक है और ये 7,817 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चोटी को घेरे हुए नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान भी एक ऐसा स्थान है जहां आप वनस्पतियों और जीवों और जैव विविधता को देख सकते हैं। पहाड़ी घास, ओक, देवदार, शंकुधारी, रोडोडेंड्रोन और कई अन्य ऊंचे पेड़ों की विशेषता के कारण यह विश्व यूनेस्को की विरासत का एक हिस्सा बन गया है।

गुरसों बुग्याल (Gorson Bugyal)–

समुद्र तल से 3,056 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गर्सन बुग्याल एक बेहद खूबसूरत स्थान है जहां से आप हिमालय जैसे नंदा देवी, त्रिशूल और द्रोण को देख सकते हैं। औली से 3 किमी ट्रेक आपको इस मनोरम स्थान तक ले जाएगा। आप छत्रकुंड की ओर भी ट्रेक कर सकते हैं जो सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

कुवारी बुग्याल (Kuari Bugyal)–

गुरसौं बुग्याल से 12 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 3,380 मीटर की ऊंचाई पर स्थित क्वांरी बुग्याल ट्रेकर्स के लिए एक बहुत लोकप्रिय स्थान है। जून से सितंबर तक क्वानी बुग्याल घूमने जाना सबसे अच्छा समय माना जाता है।

त्रिशूल पीक (Trisul Mountain)–

पश्चिमी कुमायूं की 3 हिमालय पर्वत चोटियां त्रिशूल शिखर बनाती हैं जिसकी ऊंचाई 7,120 मीटर है। वर्ष 1907 में, त्रिशूल I, 7 हजार मीटर की ऊंचाई वाली पहली ऐसी चोटी बन गई थी, जहां किसी ने पहली बार चढ़ाई की थी। चोटी को कौसानी से या रूपकुंड ट्रेक के दौरान सबसे अच्छे देखा जा सकता है।

चिनाब झील (Chenab Lake)–

चिनाब झील को देखने के लिए आपको बहुत ऊंची चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, अगर आप इतनी चढ़ाई चढ़ सकते हैं तो इस जगह पर जरूर जाएं क्योंकि यहां से दिखने वाला नज़ारा आपकी चढ़ाई के समय होने वाली सारी थकान को एक झटके में खत्म कर देगा।

रुद्रप्रयाग – (Rudraprayag)-

अलकनंदा नदी के 5 ‘प्रयाग’ (संगम) में से एक, रुद्रप्रयाग अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का मिलन बिंदु है। बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों से निकटता के कारण रुद्रप्रयाग एक व्यस्त बिंदु बना हुआ है। पास में कई मंदिर स्थित हैं जैसे रुद्रनाथ मंदिर, चामुंडा देवी मंदिर और कई अन्य जगह जहां के आपको दर्शन ज़रूर करने चाहिए।

कितना रहता है औली का तापमान-

औली बहुत ऊंचाई पर स्थित है इसलिए यहां का मौसम अधिकतर समय ठंडा ही रहता है। वैसे औली जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम गर्मी का है। गर्मी में औली का तापमान अधिकतम 15 से 20 डिग्री तक और न्यूनतम तापमान 4 से 8 डिग्री तक रहता है।

सर्दियों में औली में होती है बर्फबारी–

अगर आप औली में बर्फबारी देखना चाहते है और आईस स्पोर्टस का आनंद उठाना चाहते हैं तो आपको औली सर्दियों के मौसम में जाना चाहिए। सर्दी में औली का तापमान अधिकतम 4 से 7 डिग्री और न्यूनतम तापमान कभी-कभी -8 डिग्री तक चला जाता है। सर्दी के मौसम में चारों तरफ बर्फ की चादर ढंकी होती है। हालांकि, बारिश के मौसम में बारिश औसत होती है। वहीं, बारिश के मौसम में औली का तापमान करीब 12 से 15 डिग्री तक रहता है।

औली जाने के लिए कितना पैसा खर्च करना पड़ेगा-

ये सब पढ़कर ज़रूर आपका मन औली जाने के लिए करने लगा होगा लेकिन इतनी सारी बातें पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि ज़रूर औली की ट्रिप बहुत महंगी होगी। तो मैं आपको बता दूं कि ऐसा कुछ नहीं है, अगर आप औली जाना चाहते हैं तो कुछ ट्रेवलिंग वेबसाइट्स पर सिर्फ 20,000 से 30,000 रुपए तक के टूर पैकजेस उपलब्ध हैं। ये पैकेज लोगों की संख्या, औली में रुकने के दिन आदि सुविधाओं के आधार पर कम-ज़्यादा भी हो सकते हैं।

कैसे पहुंचें औली–

काफी ऊंचाई पर होने के चलते औली तक पहुंचने के लिए कोई रेल मार्ग उपलब्ध नहीं है। रेल मार्ग द्वारा आप सिर्फ ऋषिकेश या काठगोदाम तक ही पहुंच सकते हैं और उसके बाद आपको सड़क के रास्ते से जाना होगा। बता दें कि ऋषिकेश से औली 253 किलोमीटर दूर है जबकि औली से काठगोदाम की दूरी करीब 300 किमी है।