सावन मास में भगवान ‘आशुतोष शंकर’ की पूजा का विशेष महत्त्व है। सावन मास में जो प्रतिदिन पूजन न कर सके उसे सोमवार को शिव पूजा, व्रत आदि अनुष्ठान अवश्य करना चाहिए क्योंकि सोमवार ‘भगवान शिव’ का प्रिय दिन है। सावन सोमवार की महत्ता को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। सावन में पार्थिव […]
Author Archives: Shweta Rakesh
कैसे बनता है जगन्नाथ का रथ?
जगन्नाथ पुरी की विश्वप्रसिद्ध रथ यात्रा का उत्सव हर वर्ष बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। लाखों देशी-विदेशी भक्त एवं दर्शक रथ यात्रा को देखने पुरी आते हैं। तीन किलोमीटर लंबी यात्रा वाले इस रंगारंग उत्सव के प्रमुख आकर्षण होते हैं तीन भव्य रथ। तीनों रथ अलग-अलग नामों से विभूषित हैं। ‘नंदिघोष’ नामक प्रमुख रथ […]
आस्था की यात्रा कांवड़ यात्रा
धार्मिक मान्यताओं के लिए पूरे विश्व में अलग पहचान रखने वाले भारतवर्ष में कांवड़ यात्रा के दौरान भोले के भक्तों में अद्भुत आस्था, उत्साह और अगाध भक्ति के दर्शन होते हैं। कांवड़ियों के सैलाब में रंग-बिरंगे कांवड़ देखते ही बनते हैं। कांवड़ का अर्थ कांवड़ का मूल शब्द ‘कावर’ है जिसका सीधा अर्थ कंधे से […]
भारतीय संस्कृति में आषाढ़ मास का महत्त्व
हमारी संस्कृति में आषाढ़ मास को बेहद ही पवित्र और महत्त्वपूर्ण माना गया है। इस मास में वर्षा के आगमन एवं कई पर्वोंत्सवों विशेषकर गुरु पूर्णिमा के होने से इस मास की महत्ता और बढ़ जाती है।समय की गणना एवं किसी कालखंड अथवा मास विशेष के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का जितना सूक्ष्म […]
कई मर्ज की एक दवा है नींबू
नींबू एक उपयोगी फल है। यह लगभग हर मौसम में उपलब्ध होता है। इसमें विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है। नींबू में प्रबल कीटाणु-नाशक शक्ति होती है। नींबू के रस में विटामिन ए, बी, सी पाए जाते हैं। इसका नित्य सेवन स्वास्थ्य और सौन्दर्य के लिए लाभदायक है। नींबू की किस्में नींबू की अनेक […]
खुलकर हंसिए और तनाव से बचिए
हंसना मानव की स्वाभाविक क्रिया है, सृष्टि का कोई दूसरा प्राणी हंसता नहीं है, इसलिए विचारक मानव को हंसने वाला प्राणी भी कहते हैं, परंतु आज भागमभाग वाली जिंदगी ने इंसान को हंसना, गुनगुनाना भुला दिया है, इससे उसका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है इंसान मुसीबतों में जकड़ गया है, आज प्राय: हर […]
क्यों होती है फूड पॉइजनिंग?
मनुष्य जो खाता-पीता है, वह उसके पेट में और फिर वहां से आंतों में जाकर पचता है। पाचक शक्ति (जठराग्नि) से जो अन्न पच जाता है, वह अमृत के समान होता है। वही अन्न अपच रह जाए तो सिरके के समान अम्ल होकर विषाक्त हो जाता है। इसी को ‘फूड पॉइजनिंग’ या अन्नविष कहते हैं। […]
बारिश में वृद्धों को होने वाली परेशानियाँ
वर्षा ऋतु में जठराग्नि धीमी होने से वृद्धों को अक्सर पेचिश, गैस बनना,उल्टी, दस्त, पाचन क्रिया में गड़बड़ी, भूख न लगना, जोड़ों में दर्द, कमजोरी होना आदि बीमारियां घेर लेती हैं। वर्षा ऋतु में नमी रहती है, जिससे त्वचा रोगों का जोर भी रहता है साथ ही सर्दी-जुकाम, फ्लू, खांसी, बुखार, दमा भी इस ऋतु […]
गर्मी के मौसम की व्याधियों का इलाज
गर्मी के मौसम में अक्सर प्यास लगना उदर का फूलना, पेशाब की रुकावट तथा जलन, सूजाक, उपदंश (सिफलिस), मंदाग्नि (पाचन शक्ति का कमजोर होना), बुखार, हैजा, घमौरी, सिरदर्द, दाद, दमा, खांसी, रक्तक्षय, पाण्डु, थैलेसीमिया, रक्त कैंसर, रक्तपित्त, पेट के कीड़े, उन्माद, पीड़ा, रक्तचाप, आंखों के रोग, लू, कान दर्द, हृदय व्याधि, मुखरोग, प्रदर, स्वेदाधिक्य, स्वेदावरोध, […]
मोटापा दूर करने में सहायक-स्नान
संतुलित भोजन, धूप, स्नान और स्वच्छ वायु का प्रयोग किसी भी अवस्था में लाभदायक है। चूंकि प्राकृतिक चिकित्सा, प्रकृति के उचित उपयोग के द्वारा जीवन को सुखी, हर्षयुक्त और दीर्घायु बनाने पर ही सर्वाधिक बल देती है, अत: इन जीवनदायक नियमों का पालन कर केवल मोटापा ही नहीं, वरन् अन्य कई भयंकर बीमारियों से बचा […]
