Pregnancy food cravings reasons
Pregnancy food cravings reasons

Summary: गर्भावस्था में अचानक खाने की इच्छा क्यों होती है?

प्रेगनेंसी में खाने की अजीब इच्छाएँ हार्मोन, पोषक तत्वों की कमी और भावनात्मक बदलाव से जुड़ी होती हैं, इन्हें समझदारी से मैनेज करें।

Pregnancy food cravings reasons: गर्भावस्था का समय एक महिला के लिए शारीरिक और मानसिक बदलावों से भरा समय होता है। इस अवस्था में महिलाओं के खाने की पसंद और नापसंद में तेजी से बदलाव आता है। कई बार महिलाओं को किसी खास चीज को खाने की बड़ी तीव्र इच्छा होती है। गर्भावस्था के दौरान किसी चीज को खाने की तीव्र इच्छा होना या बार-बार उस चीज की मांग करना प्रेगनेंसी फूड क्रेविंग्स कहलाता है। आइए इस लेख में जानते हैं, गर्भावस्था के दौरान क्यों महिलाओं के खाने की आदतों में इतना परिवर्तन आता है क्या है इसके पीछे का करण।

प्रेगनेंसी क्रेविंग्स अर्थात गर्भावस्था के दौरान कुछ चीजें जैसे मीठा, खट्टा, ठंडा या फिर मिट्टी इन्हें खाने की तीव्र इच्छा होना यहां तक की न मिलने पर उदास या गुस्सा होना शामिल है।

क्या सभी को होते हैं प्रेगनेंसी क्रेविंग्स?

गर्भावस्था के दौरान फूड क्रेविंग सभी महिलाओं को समान रूप से नहीं होता। यह कुछ महिलाओं में कम तो कुछ में बहुत ज्यादा हो सकता है। गर्भवती महिला के अंदर फूड क्रेविंग्स का होना उनके हार्मोनल बदलाव, शरीर में पोषक तत्वों की कमी या फिर भावनात्मक उदासी या अकेलेपन पर निर्भर कर सकता है।

Pregnancy food cravings reasons
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हार्मोनल बदलाव: गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में तेजी से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में बदलाव आता है जो की महिला के गंध और स्वाद की इंद्रियों को अधिक संवेदनशील बनाता है। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान महिला के पसंद या नापसंद में तेजी से बदलाव देखा जा सकता है।

पोषक तत्वों की कमी: गर्भावस्था के दौरान होने वाले फूड क्रेविंग्स का एक कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जैसे अगर गर्भवती महिला को बार-बार खट्टा खाने की क्रेविंग्स हो रही है तो उसके शरीर में विटामिन सी पोषक तत्व की कमी हो सकती है। जिसकी कमी को पूरा करने का संकेत आपका शरीर क्रेविंग के रूप में दे रहा है।

भावनात्मक कारण: गर्भावस्था में क्रेविंग का एक कारण इस समय होने वाले मूड स्विंग्स भी है। गर्भावस्था के दौरान जब महिला थका हुआ, उदास या तनाव महसूस करती है तो वह अपनी पसंद की चीजे खाकर खुद को अच्छा महसूस करवाती है। इसे कंफर्ट ईटिंग कहते हैं।

मेटाबॉलिज्म में बदलाव: गर्भावस्था के दौरान बच्चों के पोषण के लिए महिला का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है, जिस कारण उन्हें बार-बार कुछ अलग खान की इच्छा होती है।

गर्भावस्था के दौरान होने वाले सभी क्रेविंग्स को पूरा करना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लेकिन आप इन क्रेविंग्स को अनदेख भी नहीं कर सकते ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप इसे मैनेज करने का हेल्थी तरीका अपनाएं। जैसे;

भरपूर मात्रा में पानी पीएं: कई बार क्रेविंग्स का कारण शरीर में पानी की कमी होता है, जबकि हम इसे भूख समझ लेते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने आपको हाइड्रेटेड रखें।

छोटे अंतराल में खाना खाएं: अगर आप लंबे समय तक भूखे रहते हैं तो खाने की क्रेविंग्स बढ़ती है। इसके लिए आप छोटे-छोटे अंतराल में खाना खाएं।

हेल्दी डाइट लें: अपने खाने में फाइबर, प्रोटीन, हरी सब्जियां और फल को शामिल करें यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ रखते हैं। जिससे आपको क्रेविंग्स कम होती हैं।

डॉक्टर से सलाह लें: अगर आपको मिट्टी या चॉक खाने का मन करता है तो अपने डॉक्टर से बात करें, मदद लें।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...