Birth plan in pregnancy
Birth plan in pregnancy

Summary; गर्भावस्था में बर्थ प्लान का महत्व

बर्थ प्लान डिलीवरी को पर्सनलाइज्ड बनाता है, पर इसमें नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में अधिक खर्च आता है।

Birth Plan in Pregnancy: वर्तमान समय जानकारी की अधिकता का समय है। आज महिला पहले से ज्यादा सतर्क, सशक्त और स्वतंत्र है अपने फैसले लेने के लिए। ऐसे में आज महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी से जुड़ी हर छोटी-छोटी जानकारी या ट्रेंड का ख्याल रखती हैं। इस समय ऐसा ही एक ट्रेंड है बर्थ प्लान बनाने का। आइए इस लेख में जानते हैं क्या है बर्थ प्लान बनाना और क्या यह सच में जरूरी है।

Birth plan in pregnancy
Birth plan in pregnancy

बर्थ प्लान एक प्रकार की योजना है, जिसे गर्भवती महिला और उसका परिवार डॉक्टर के साथ मिलकर तैयार करते हैं। यह एक लिखित पेपर है जिसमें गर्भवती महिला से पूछ कर उसकी इच्छाओं और भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी डिलीवरी प्लान की जाती है।

बर्थ प्लान में मुख्ता रूप से गर्भवती महिला यह चुनाव कर सकती है कि वह किस तरीके का प्रसव चाहती है। जैसे नॉरमल, वॉटर बर्थ, पेन फ्री या जरूरत पड़ने पर सी सेक्शन।

महिला यह भी चुनाव कर सकती है की प्रसव के समय उसके साथ कौन रहेगा उसके पार्टनर या परिवार का कोई व्यक्ति।

महिला सुनिश्चित कर सकती है की वह डिलीवरी के तुरंत बाद अपने बच्चे को कैसे देखना चाहती है।

सरल भाषा में कहें तो बर्थ प्लान महिला को एक लिखित अधिकार देता है जिसमें वह सिर्फ एक पेशेंट नहीं बल्कि डिसीजन लेने वाली महत्वपूर्ण व्यक्तिहै।

सोशल मीडिया: वर्तमान समय में सोशल मीडिया के कारण किसी भी चीज की जानकारी सीमित नहीं है चाहे वह प्रेगनेंसी से जुड़ी जानकारी हो या ट्रेंड।

सशक्तिकरण: वर्तमान समय में महिला केवल घर संभालने वाली या दूसरों का ख्याल रखने वाली नहीं है। बल्कि आज महिलाएं सशक्त हैं, पढ़ी लिखी हैं, उनके पास ज्ञान है, बेहतर जीवनशैली अपनाने की जानकारी है और सबसे जरूरी बात आज की महिला खुद की भावनाओं को भी महत्वपूर्ण मानती है।

बेहतर अनुभव की इच्छा: आज महिलाएं या परिवार गर्भावस्था को एक भावनात्मक सफर मानते हैं। जिसकी हर पल की याद को संभालना चाहते हैं और एक सुखद अनुभव बनाना चाहते हैं इसलिए भी बर्थ प्लान का ट्रेंड बढ़ रहा है।

डर और चिंता में कमी: बर्थ प्लान बनाकर महिलाएं अपने डर और चिंता को कम करना चाहती हैं, क्योंकि बर्थ प्लान बनाने पर वह जानती हैं डिलीवरी के समय उनके साथ क्या होगा।

बर्थ प्लान बनाना जरूरी है या नहीं इस बात की निर्भरता कई बिंदुओं पर है। आइए एक-एक करके जानते हैं।

आर्थिक स्थिति: अगर आप आर्थिक रूप से सही हैं, अर्थात आप बर्थ प्लान बनाने का खर्चा उठा सकते हैं तो सही है नहीं तो यह एक खर्चीला प्लान है। क्योंकि बर्थ प्लान डिलीवरी का खर्चा नॉर्मल तरीके से डिलीवरी करवाने के खर्चे के मुकाबले 30 से 50% तक अधिक हो सकता है।

सुविधा की उपस्थिति: बर्थ प्लान डिलीवरी के लिए सबसे जरूरी है कि आप किस शहर या गांव में रहते हैं क्या आपके नजदीकी अस्पताल में इस तरह की सुविधा दी जा रही है या नहीं।

मेडिकल कंडीशन: बर्थ प्लान आपके मेडिकल कंडीशन पर भी निर्भर करता है। अगर आपकी गर्भावस्था में कॉम्प्लिकेशंस है जिसमें सिर्फ सिजेरियन हो सकता है या फिर आप ट्रैवल नहीं कर सकती नजदीक के अस्पताल में ही डिलीवरी करवानी पड़े जहां पर इस तरह के प्लान ना हो तो ऐसी अवस्था में आपको नॉर्मल तरीके से ही डिलीवरी करवानी पड़ती है।

बर्थ प्लान को आधुनिकता का सकारात्मक पहलू कहा जा सकता है जो गर्भवती महिला को चुनाव का अधिकार देती है, परंतु इसे जरूरी समझाना एक गलत धारणा है। गर्भावस्था के दौरान मसला सुरक्षित प्रसव से है अब वह चाहे बर्थ प्लान के साथ हो या उसके बिना।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...