nutritional requirements for elderly people
nutritional requirements for elderly people

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अक्सर लोग कहते हैं कि बुढ़ापा अपने आप में एक बीमारी है। क्योंकि उम्र के साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। हालांकि यही पोषण से आप ऐसी परेशानियों को रोक सकते हैं।

Super Diet for Old Age: उम्र के साथ हर किसी की शारीरिक ताकत और मानसिक सेहत में बदलाव आने लगते हैं। लोग जल्दी थकान महसूस करने लगते हैं। हाथ पैरों में दर्द के साथ ही कई अन्य परेशानियां होने लगती हैं। अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा पोषक तत्व खोज निकाला है, जिससे आपको बुढ़ापे की कई परेशानियों से निजात मिल सकती है।

जानिए क्या है सेहत का राज

 Super Diet for Old Age-शोधकर्ताओं का कहना है कि बुढ़ापे में प्रोटीन का ज्यादा सेवन करना उम्मीद से कहीं ज्यादा जरूरी है।
Researchers say that consuming more protein in old age is more important than expected. Credit: Istock

शोधकर्ताओं का कहना है कि बुढ़ापे में प्रोटीन का ज्यादा सेवन करना उम्मीद से कहीं ज्यादा जरूरी है। अपने नाश्ते, लंच और डिनर में जो लोग नियमित रूप से प्रोटीन का सेवन करते हैं, उनकी मांसपेशियां ज्यादा हेल्दी रहती हैं। उम्र बढ़ने के बावजूद मांसपेशियों में ताकत बनी रहती है। हालांकि अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती और वे दिन में सिर्फ एक या दो बार ही प्रोटीन का सेवन करते हैं। द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित इस स्टडी का दावा है कि प्रोटीन का सेवन उम्र बढ़ने के दुष्प्रभावों को कम करने में कारगर है।

इस तरह से प्रोटीन देगा फायदा

कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थानों की ओर से किए गए इस शोध को बुजुर्गों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि लोगों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ अपने प्रोटीन सेवन को बढ़ा देना चाहिए। स्टडी के अनुसार किसी एक भोजन में ज्यादा प्रोटीन खाने का उतना फायदा नहीं है। जितना हर भोजन में इसका समान रूप से सेवन जरूरी है। यानी दिन के तीनों बड़े भोजन में आपको प्रोटीन शामिल करना चाहिए।

सैकड़ों बुजुर्गों पर हुआ शोध

इस शोध में 1700 वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया गया। जिनकी हेल्थ को तीन साल तक ट्रैक किया गया। इसमें उनकी आहार संबंधी आदतों के साथ ही हाथों की पकड़, जोड़ों-पैरों का दर्द, चलने की परेशानी, खड़े होने की क्षमता जांची गई। स्टडी में सामने आया कि अधिकांश लोग रात के भोजन में प्रोटीन का ज्यादा सेवन करते हैं और नाश्ते में सबसे कम प्रोटीन खाते हैं। जिससे उन्हें पूरा फायदा नहीं मिल पाता। वहीं प्रोटीन को हर भोजन में संतुलित मात्रा में शामिल करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

लिंग का भी पड़ता है असर

शोध के अनुसार प्रोटीन के सेवन का महिलाओं और पुरुषों पर अलग-अलग असर पड़़ता है। पुरुषों पर प्रोटीन का असर ज्यादा नजर आता है। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रोटीन सिर्फ एक सहायक के रूप में काम करता है। यह मांसपेशियों को ताकत जरूर देता है। लेकिन उम्र का असर फिर भी नजर आता है और गतिशीलता कम होने लगती है। प्रोटीन इस प्रभाव को धीमा करने में मदद करता है। इससे शरीर को मजबूती मिलती है। साथ ही दिमाग की सेहत भी बनी रहती है।

संतुलित मात्रा है जरूरी

शोधकर्ताओं का कहना है कि हर इंसान को अपने तीनों भोजनों में प्रोटीन को सही मात्रा में बांटना चाहिए। सिर्फ रात के खाने में प्रोटीन का सेवन करना ठीक नहीं है। आप नाश्ते में ग्रीक योगट, दही, अंडे, नट्स, सीड्स शामिल करें। दोपहर के खाने में दालें, सोयाबीन, टोफू, बीन्स जरूर खाएं। वहीं रात के भोजन में चिकन, टूना फिश, साबुत अनाज जैसे प्रोटीन शामिल कर सकते हैं।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...